नई दिल्ली : आत्मनिर्भर ऐप भारत इनोवेशन चैलेंज की उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया को देखते हुए, सरकार ने चैलेंज के लिए प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 26 जुलाई, 2020 करने का निर्णय लिया है। इस चैलेंज को माईगॉव के इनोवेट पोर्टल पर होस्ट किया गया है और इसमें भाग लेने के लिए, https://innovate.mygov.in/app-challenge पर लॉग इन किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 4 जुलाई को आत्मनिर्भर ऐप भारत इनोवेशन चैलेंज को लॉन्च किया था। इसमें देश भर के टेक उद्यमियों और स्टार्टअप्स की बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली थी। 8 श्रेणियों में अब तक 2353 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई हैं। इनमें से 1496 व्यक्तियों द्वारा और लगभग 857 संगठनों और कंपनियों द्वारा प्रस्तुत की गयी हैं। व्यक्तियों से प्राप्त होने वाली प्रविष्टियों में, लगभग 788 एप्लिकेशन उपयोग के लिए तैयार हैं और शेष 708 विकास की प्रक्रिया में हैं। संगठनों द्वारा प्रस्तुत किए गए 636 ऐप्स पहले ही उपयोग किए जा रहे हैं और शेष 221 विकास की प्रक्रिया में हैं। विभिन्न श्रेणियों में ऐप्स की संख्या है – कारोबार – 380; स्वास्थ्य व कल्याण – 286; ई लर्निंग – 339; सोशल नेटवर्किंग – 414; गेम्स – 136; ऑफिस व वर्क फ्रॉम होम – 238, समाचार – 75 और मनोरंजन – 96 । अन्य श्रेणियों के लिए लगभग 389 ऐप्स जमा किए गए हैं। इनमें से लगभग 100 ऐप्स के 100,000 से अधिक डाउनलोड हैं। आवेदक दूरदराज और छोटे शहरों सहित पूरे देश से हैं। यह हमारे देश में मौजूद प्रतिभा को दर्शाता है और यह ऐप इनोवेशन चैलेंज; भारतीय टेक डेवलपर्स, उद्यमियों और कंपनियों के लिए भारत के निर्माण का सही अवसर है, जो विश्व में अद्वितीय है। वास्तविक चुनौती उन एप्स की पहचान करने में सामने आयेगी, जो मजबूत हैं, उपयोग के लायक हैं, जिनमें इंटरफ़ेस का उपयोग आसान है और उपयोगकर्ताओं को एक ऐसा अनुभव प्रदान करते हैं जो उन्हें ऐप में वापस लाएगा।
आत्मनिर्भर भारत ऐप इकोसिस्टम में भारतीय टेक स्टार्टअप के लिए मूल्य संवर्धन करने और कई ट्रिलियन-डॉलर ऐप इकोनॉमी का हिस्सा बनने में मदद करने की क्षमता है। ऐप के अधिकतम डाउनलोड वाली शीर्ष 3 कंपनियों का इस साल कुल बाज़ार मूल्य लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर है और यह बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
पिछले महीने लॉन्च की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इनोवेशन चैलेंज के लिए मिली उत्साहजनक प्रतिक्रिया से अभिनव समाधानों के निर्माण में हमारे स्टार्ट-अप्स की क्षमता भी सिद्ध होती है। इसमें 2000 से अधिक आवेदन आये, जिनमें से 12 को प्रोटोटाइप बनाने के लिए चयनित किया गया। प्रस्तुत समाधानों की गुणवत्ता को देखते हुए, जूरी ने सूची का विस्तार 3 से 5 किया क्योंकि उन सभी में पूर्ण-स्तरीय समाधान बनने की गुणवत्ता मौजूद थी। शीर्ष 3 कंपनियों में जयपुर से सर्व वेब्स, हैदराबाद से पीपललिंक और अलाप्पुझा से टेकजेनसिया शामिल हैं। पूर्ण-स्तरीय समाधान बनाने के लिए प्रत्येक को 20 लाख रुपये के पुरस्कार दिया गया है। जूरी ने जिन दो कंपनियों को 4 वां और 5 वां स्थान दिया था, उनमें हैदराबाद से सोलपेज और चेन्नई से हाइड्रामीट शामिल हैं। प्रत्येक को 15 लाख रुपये का अनुदान दिया गया और वे पूर्ण-स्तरीय समाधान बना रहे हैं। इसके अलावा, 4 कंपनियों, गाजियाबाद से आरिया टेलीकॉम, जयपुर से वीडियोमीट, दिल्ली से वैकसेतु और चेन्नई से जोहो को भी जूरी द्वारा महत्वपूर्ण क्षमता वाली कम्पनियों में शामिल किया गया है। इस चुनौती ने साबित कर दिया है कि अवसर मिलने पर हमारी तकनीकी कंपनियां विश्व स्तर के समाधान का निर्माण कर सकती हैं।