होम आइसोलेशन के मरीजों की देखभाल 24 से 50 वर्ष की उम्र वाले ही करें, डिस्पोजेबल ग्लब्स पहनें

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गुरुग्राम 12 जून। गुरुग्राम के उपायुक्त अमित खत्री के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।


उपायुक्त ने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की देखभाल करने वाले व्यक्ति के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए और उसकी उम्र 24 से लेकर 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। देखभाल करने वाले व्यक्ति को डायबिटीज, बीपी, ह्रदय रोग, अस्थमा, फेफड़ों या लीवर का रोग जैसी कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को फोन के माध्यम से देखभाकर्ता से संपर्क रखना चाहिए । यदि मरीज के साथ एक ही कमरे में रहना पड़े तो ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का प्रयोग अवश्य करें । उपयोग के दौरान मास्क के सामने वाले भाग को नहीं छूना चाहिए यदि मास्क गीला या गंदा हो जाता है तो तुरंत बदलें। उपयोग करने के बाद मास्क को पीछे से खोलें और 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन का स्प्रे करके डिसइनफेक्ट करें। मास्क को हमेशा बंद कूड़ेदान में ही फेंके और फेंकने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें। बिना हाथ धोए अपने चेहरे, नाक या मुंह को ना छुएं।


मरीज या मरीज के वातावरण के संपर्क में आने के बाद हाथों को अच्छे से धोएं। शौचालय जाने से पहले और बाद में खाना बनाने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं व स्वच्छ रखें । ध्यान रहे कि हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 40 सेकंड तक धोना है। इसके लिए एल्कोहल सेनीटाइजर का उपयोग भी किया जा सकता है। हाथ धोने के बाद पेपर टावर या टिशु से हाथों को पोंछें। यदि पेपर टॉवल उपलब्ध ना हो तो अपने लिए सुनिश्चित साफ तौलिए का उपयोग करें और जब तौलिया गिला हो जाए तो उसे बदल दें। हमेशा मास्क और डिस्पोजेबल ग्लव्ज पहने और मरीज की देखभाल करते वक्त एक प्लास्टिक एप्रन का उपयोग करें। एप्रन को हमेशा सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ रखें।


उन्होंने बताया कि मरीज के थूक, लार, या छींक के सीधे संपर्क में आने से बचें। मरीज को संभालते समय डिस्पोजेबल ग्लव्ज का उपयोग करें। ग्लव्ज पहनने से पहले और उतारने के बाद हाथों को जरूर धोएं। कोरोना संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं के सीधे संपर्क में आने से बचे। मरीज का उसके कमरे के बाहर ही भोजन पहुंचाएं। खाना एक स्टूल व टेबल पर रख दिया जाना चाहिए। कृपया यह सुनिश्चित करें कि आप भोजन देते समय मरीज के सीधे संपर्क में ना आए और हमेशा उनके प्लेट, चम्मच और बर्तनों को संभालते समय डिस्पोजेबल ग्लव्ज का उपयोग करें। मरीज द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तनों को साबुन या डिटर्जेंट से साफ करें और उन्हें साफ करते समय डिस्पोजेबल ग्लव्ज पहने। बर्तनों को फिर से उपयोग किया जा सकता है मरीज द्वारा उपयोग किए जाने वाली वस्तु जैसे कपड़े, तौलिए व बेडशीट की सफाई या हैंडलिंग करते समय ट्रिपल लेयर मास्क और डिस्पोजेबल ग्लव्ज का उपयोग करें। मरीज के कपड़े, बिस्तर, लिनन, स्नान और हाथ के तौलिए को अलग करें और 60 से 90 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी व डिर्टेजेंट से धोएं। उन कपड़ों को अलग से धोएं और धूप में अच्छे से सुखा लें।


मरीज के कमरे बाथरूम और शौचालय की सतहों को रोजाना कम से कम एक बार साफ और कीटाणु रहित करें। सफाई के लिए पहले घरेलू साबुन या डिटर्जेंट का उपयोग करें और इसके बाद 1 प्रतिशत हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से डिसइनफेक्ट करें। डॉक्टर की सलाह अनुसार ही दवाई ले। देखभाल करने वाला और करीबी संपर्क में रहने वालों को प्रतिदिन शरीर के तापमान के साथ अपने स्वास्थ्य की निगरानी करना अनिवार्य है।

अगर वे कोरोना के किसी भी लक्षण जैसे बुखार, जुखाम, खांसी, सांस लेने में कठिनाई आदि के लक्षण पाते हैं तो इसकी तुरंत रिपोर्ट करें। होम आइसोलेशन के पहले दिन से मरीज के ठीक होने तक यह कोशिश करें कि घर का कोई सदस्य घर से बाहर ना निकले। अपने रिश्तेदारों दोस्तों या पड़ोसियों से अनुरोध करें कि वे आपकी जरूरत की चीजें जैसे दूध, सब्जी, फल इत्यादि की खरीदारी कर आपके दरवाजे पर रखें अन्यथा इन चीजों को आप होम डिलीवरी के माध्यम से भी खरीद सकते हैं।

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