सुभाष चन्द्र चौधरी
नई दिल्ली : भाजपा नेतृत्व ने दिल्ली भाजपा में भारी फेरबदल किया है. दिल्ली प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी को उनके पद से हटा दिया है. उनकी जगह अब आदेश कुमार गुप्ता को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है . इस संबंध में आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की ओर से पत्र जारी कर इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने बात की गई है.
जाहिर है दिल्ली की राजनीति की दृष्टि से यह बड़ा रणनीतिक बदलाव का संकेत है. अब तक भाजपा का फोकस पूर्वांचलियों पर अधिक रहता था लेकिन आज के इस निर्णय से पार्टी ने इसमें बदलाव कर भविष्य में नई कहानी गढ़ने को हरी झंडी दे दी है.
माना जा रहा है गत दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी की हुई बुरी हार से राष्ट्रीय नेतृत्व यह समझने लगा था कि मनोज तिवारी की पकड़ पूर्वांचलियों पर नहीं है. साथ ही दिल्ली के सभी भाजपा सांसद भी उन्हें पसंद नहीं करते थे क्योंकि वे राजनीती में लोकसभा संसद हंस राज हंस और गौतम गंभीर को छोड़ कर सभी से जूनियर थे. विजय गोयल हों या बिजेंद्र गुप्ता या फिर डॉ हर्षवर्धन सभी को मनोज तिवारी के साथ काम करने में झिझक रहती थी.
इसके अलावा मनोज तिवारी इतने लम्बे समय में भाजपा की राजनीति को वो धार नहीं दे पाए जिसकी पार्टी को उम्मीद थी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की तुलना में तिवारी को लोगों ने पूरी तरह नकार दिया जबकि पूर्वांचलियों के पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखने वाले वोटरों ने तिवारी को कभी भी अपना नेता नहीं माना. इस तबके के बिहार और यूपी से सम्बन्ध रखने वाले वोटरों ने आप का हाथ पकड लिया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की कमान पूर्व सीएम शीला दीक्षित के पास थी जिन्होंने कांग्रेस को अच्छी स्थिति में ला खड़ा किया था और आम आदमी पार्टी पिछड़ गई जिससे भाजपा की राहें आसान हो गई थी. साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता भी उफान पर थी. उक्त चुनाव में तिवारी की भूमिका नगण्य रही ऐसा पार्टी का मानना है. इसलिए उनसे तभी से मोह भंग होने लगा था.
दिल्ली में भाजपा के दो बड़े नेता विजय गोयल और बिजेंद्र गुप्ता भी मनोज तिवारी जैसे नए खिलाड़ी को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने से नाराज थे . दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूर्वांचलियों के वोट तो नहीं मिले और बड़ी संख्या में यहाँ के बनिया समुदाय के वोटरों ने भी भाजपा को नकार दिया जो पार्टी के परम्परगत समर्थक रहे हैं. बनिया वोटरों ने केजरीवाल को अपना लिया था जो इसी समाज से आते हैं. पंजाबी समुदाय भी आप और भाजपा में बंट गए थे.पार्टी का जनाधार तेजी से खिसकने लगा था.
बताया जाता है कि मनोज तिवारी को दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की सुगबुगाहट तो पहले से ही थी लेकिन दिल्ली दंगा और कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉक डाउन से उन्हें एक्सटेंशन मिल गया था. अब पार्टी एक बार फिर राजनीतिक रूप से सभी इकाइयों को सक्रीय देखना चाहती है इसलिए यह फेरबदल किया गया है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मनोज तिवारी की जगह आदेश गुप्ता को दिल्ली बीजेपी की कमान सौंपी है, जबकि छत्तीसगढ़ की कमान विष्णुदेव साय के हाथों में दी गई है। दिल्ली की सियासत में आदेश गुप्ता को बड़ा नाम नहीं हैं। वह नॉर्थ एमसीडी के मेयर रह चुके हैं और वर्तमान में पश्चिमी पटेल नगर से पार्षद हैं। वह 2018 के अप्रैल महीने में उत्तरी नगर निगम के मेयर चुने गए थे।
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले आदेश गुप्ता छत्रपति साहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर से साल 1991 में बीएससी की डिग्री हासिल की थी। उनकी राजनीतिक छवि है। अपने चुनावी हलफनामे में आदेश गुप्ता ने बताया था कि उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक केस नहीं है और उनका पेशा ठेकेदारी है।