प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सीआईआई की बैठक में बोले : मुझे इंडस्ट्री के लीडर्स पर भरोसा

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नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सी आई आई के (CII)  के वार्षिक सत्र के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि 125 साल की यात्रा बहुत लंबी होती है। अनेक पड़ाव आए होंगे, अनेक उतार-चढ़ाव आए होंगे, लेकिन सवा सौ साल तक एक संगठन को चलाना, ये अपने-आप में बहुत बड़ी बात होती है। उसमें समयानुकूल परिवर्तन आए हैं, व्‍यवस्‍थाएं बदली हैं,और पहले तो मैं इन 125 साल में सीआईआई को मजबूती देने में जिन-जिन लोगों ने योगदान दिया है, वैसे सभी पूर्व के आपके महानुभावों को भी इस समय बधाई दूंगा। जो हमारे बीच में नहीं होंगे, उनको आदरपूर्वक नमन करूंगा, और भविष्‍य में जो इसको संभालने वाले हैं उनको अनेक-अनेक शुभकामनाएं भी देता हूं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के इस Time Period में, इस तरह के Online Events ही new normal बनते जा रहे हैं। लेकिन ये भी इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है कि वो हर मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता बना ही लेता है। आज भी हमें जहां एक तरफ इस Virus से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने हैं वहीं दूसरी तरफ economy का भी ध्यान रखना है। हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन भी बचाना है तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी stabilize करना है, speed up करना है। इस situation में आपने Getting Growth Back की बात शुरू की है और निश्चित तौर पर इसके लिए आप सभी, भारतीय उद्योग जगत के लोग बधाई के पात्र हैं। बल्कि मैं तो Getting Growth Back से आगे बढ़कर ये भी कहूंगा कि Yes,we will definitely get our growth back. आप लोगों में से कुछ लोग सोच सकते हैं कि संकट की इस घड़ी में, मैं इतने confidence से ये कैसे बोल सकता हूं?
पीएम ने देश को आर्थिक संकट से उबारने के मामले में कहा कि मेरे इस confidence के कई कारण है। मुझे भारत की Capabilities और Crisis Management पर भरोसा है। मुझे भारत के Talent और Technology पर भरोसा है। मुझे भारत के Innovation और Intellect पर भरोसा है। मुझे भारत के Farmers, MSME’s, Entrepreneurs पर भरोसा है। और, मुझे भरोसा है Industry के Leaders पर, आप सभी पर। इसलिए मैं कह रहा हूं- Yes ! We will get our growth back. India will get it’s growth back.
उनका कहना था कि कोरोना ने हमारी Speed जितनी भी धीमी की हो, लेकिन आज देश की सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि भारत, लॉकडाउन को पीछे छोड़कर Unlock Phase one में enter कर चुका है। Unlock Phase one में economy का बहुत बड़ा हिस्सा खुल चुका है। काफी हिस्सा अभी 8 जून के बाद और खुलने जा रहा है। यानि Getting Growth Back की शुरुआत तो हो चुकी है।
श्री मोदी यह कहते हुए तर्क दिया कि आज ये सब हम इसलिए कर पा रहे हैं, क्योंकि जब दुनिया में कोरोना वायरस पैर फैला रहा था, तो भारत ने सही समय पर, सही तरीके से सही कदम उठाए। दुनिया के तमाम देशों से तुलना करें तो आज हमें पता चलता है कि भारत में lockdown का कितना व्यापक प्रभाव रहा है। इस लॉकडाउन में भारत ने कोरोना से लड़ाई के लिए physical resources को तो तैयार किया ही, अपने human resource को भी बचाया है। ऐसे में अब सवाल ये कि इसके आगे क्या? Industry leaders के नाते, आपके मन में ये सवाल जरूर होगा कि अब सरकार क्या करने जा रही है? आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में भी आपके कुछ सवाल होंगे। ये बहुत स्वाभाविक है, obvious है।
कोरोना के खिलाफ economy को फिर से मजबूत करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इकॉनमी हमारी highest priorities में से एक है। इसके लिए सरकार जो decisions अभी तुरंत लिए जाने जरूरी हैं, वो ले रही है। और साथ में ऐसे भी फैसले लिए गए हैं जो long run में देश की मदद करेंगे।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि इससे गरीबों को तुरंत लाभ देने में बहुत मदद की है। इस योजना के तहत करीब 74 करोड़ Beneficiaries तक राशन पहुंचाया जा चुका है। प्रवासी श्रमिकों के लिए भी फ्री राशन पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा, अभी तक गरीब परिवारों को Fifty Three Thousand Crore Rupees से ज्यादा की financial assistance दी जा चुकी है। महिलाएं हों, दिव्यांग हों, बुजुर्ग हों, श्रमिक हों, हर किसी को इससे लाभ मिला है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को 8 करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडर डिलिवर किए हैं- वो भी मुफ्त। इतना ही नहीं, प्राइवेट सेक्टर्स के करीब 50 लाख Employees के खाते में 24 परसेंट EPF कंट्रीब्यूशन भी सरकार ने किया है। इनके खाते में करीब 800 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं।
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उन्होंने भारत को फिर से तेज़ विकास के पथ पर लाने के की बात की और कहा कि इसके लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 चीजें बहुत ज़रूरी हैं। Intent, Inclusion, Investment, Infrastructure और Innovation. हाल में जो bold फैसले लिए गए हैं, उसमें भी आपको इन सभी की झलक मिल जाएगी। इन फैसलों के साथ हमने तमाम सेक्टर्स को Future ready किया है। इसी वजह से आज भारत एक नए growth-oriented future की दिशा में बड़ी उड़ान के लिए तैयार है। साथियों, हमारे लिए reforms कोई random या scattered decisions नहीं हैं। हमारे लिए reforms systemic, planned, integrated, inter-connected और futuristic process है।
उनका कहना था कि हमारे लिए reforms का मतलब है फैसले लेने का साहस करना, और उन्हें logical conclusion तक ले जाना। IBC हो, बैंक मर्जर हो, GST हो, Faceless Income tax Assessment की व्यवस्था हो, हमने हमेशा व्यवस्थाओं में सरकार के दखल को कम करने, private entreprise के लिए encouraging eco-system खड़ा करने पर बल दिया है। इसी वजह से सरकार आज ऐसे पॉलिसी reforms भी कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी। अगर मैं एग्रीकल्चर सेक्टर की बात करूं तो हमारे यहां आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, उसमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था। किसान कहां फसल बेच सकता है, कहां नहीं, नियम बहुत सख्त थे। किसानों के साथ दशकों से हो रहे अन्याय को दूर करने की इच्छाशक्ति हमारी सरकार ने दिखाई।
उन्होंने APMC एक्ट में बदलाव की भी चर्चा की औ कहा कि इसके बाद अब किसानों को भी उनके अधिकार हासिल होंगे। किसान अब जिसे चाहें, जहां चाहें और जब चाहें अपनी फसल बेच सकते हैं। अब कोई किसान अपनी फसल देश के किसी भी राज्य में ले जाकर बेच सकता है। साथ ही वेयरहाउसेस में रखे अनाज या agriculture products अब इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के जरिए भी बेचे जा सकते हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, इससे agri-business के लिए कितने नए रास्ते खुलने जा रहे हैं। साथियों, इसी तरह, हमारे श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए labour reforms भी किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन non-strategic sectors में प्राइवेट सेक्टर को इजाजत ही नहीं थी, उन्हें भी खोला गया है। आपका ध्यान इस पर भी गया होगा कि सबका साथ- सबका विकास-सबका विश्वास के रास्ते पर चलते हुए हम वो फैसले भी ले रहे हैं, जिसकी मांग बरसों से हो रही थी। साथियों, दुनिया का तीसरा बड़ा देश, जिसके पास कोयले का भंडार हो- Coal Reserve हो, जिसके पास आप जैसे साहसी और उद्यमी, व्यापार जगत के Leaders हों, लेकिन फिर भी, उस देश में बाहर से कोयला आए, Coal Import हो, तो उसका कारण क्या है? कभी सरकार रुकावट बनी रही, कभी नीतियां रुकावट बनी रही। लेकिन अब Coal सेक्टर को इन बंधनों से मुक्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
उनका कहना था कि अब देश में Coal सेक्टर में commercial mining को permit कर दिया गया है। Partially explored blocks का भी allotment करने की permission दी गई है। इसी तरह, mineral mining में भी अब कंपनियां exploration के साथ-साथ mining का काम एक साथ कर सकती है। इन फैसलों के कितने दूरगामी परिणाम होने वाले हैं, ये इस सेक्टर से परिचित लोग अच्छी तरह जानते हैं।
सरकार जिस दिशा में बढ़ रही है, उससे हमारा mining sector हो, energy sector हो, या research और technology हो, हर क्षेत्र में इंडस्ट्री को भी अवसर मिलेंगे, और youth के लिए भी नई opportunities खुलेंगी। इस सबसे भी आगे बढ़कर, अब देश के strategic sectors में भी private players की भागीदारी एक reality बन रही है। आप चाहे space sector में निवेश करना चाहें, atomic energy में नयी opportunities को तलाशना चाहें, possibilities आपके लिए पूरी तरह से खुली हुई है।
प्रधानमन्त्री ने कहा कि ये भली-भांति जानते हैं कि MSME sector की लाखों units हमारे देश के लिए economic engines की तरह हैं। इनका देश की GDP में बहुत बड़ा contribution है, ये contribution करीब-करीब 30 परसेंट का है। MSMEs की definition स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है। इससे MSMEs बिना किसी चिंता के grow कर पाएंगे और उनको MSMEs का स्टेट्स बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की ज़रूरत नहीं रहेगी। देश के MSMEs में काम करने वाले करोड़ों साथियों को लाभ हो, इसके लिए 200 करोड़ रुपए तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर्स को खत्म कर दिया गया है। इससे हमारे छोटे उद्योगों को ज्यादा अवसर मिल पाएंगे। एक तरह से आत्मनिर्भर भारत पैकेज MSME sector के engine के लिए fuel का काम करने वाला है।

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