नई दिल्ली। बादलों से घिरे हुए क्षेत्र में विस्तार और मध्य क्षोभमण्डल के स्तर तक दक्षिण-पश्चिम की हवाओं के बढ़ने के मद्देनजर दक्षिण-पश्चिम मानसून आज दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, अंडमान सागर के अधिकांश हिस्सों और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ गया है। मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) अक्षांश 5° उत्तर /देशांतर 82° पूर्व, अक्षांश 7° उत्तर/देशांतर 86° पूर्व, अक्षांश 10° उत्तर/देशांतर 90° पूर्व, पोर्ट ब्लेयर, अक्षांश 15° उत्तर/ देशांतर 97° पूर्व से होकर गुजरती है।
अगले 24 घंटे के दौरान हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के कुछ स्थानों और पंजाब, बिहार, झारखंड, ओडिशा, सौराष्ट्र और कच्छ, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना और उत्तर कर्नाटक के आंतरिक भागों में अलग-अलग जगहों में प्रचंड गर्मी की स्थिति रहेगी।
♦ अगले 48 घंटों के दौरान मालदीव-कोमोरिन और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर क्षेत्र के कुछ हिस्सों, अंडमान सागर के शेष हिस्सों और दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के और आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हो रही हैं।
♦ दक्षिण-पश्चिम अरब सागर पर चक्रवाती परिसंचरण अब पश्चिम–उत्तर और इससे सटे दक्षिण-पश्चिम अरब सागर में स्थित है एवं इसका विस्तार मध्य क्षोभमण्डल के स्तर तक है। इसके प्रभाव से 29 मई के आसपास इस क्षेत्र पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके बाद के 48 घंटों के दौरान इसी क्षेत्र पर कम दबाव के क्षेत्र (डिप्रेशन) के केंद्रित होने की बहुत संभावना है।
♦ अफगानिस्तान और निकटवर्ती क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विक्षोभ अब समुद्र के स्तर से 5.8 किमी ऊपर उत्तर-पूर्व अफगानिस्तान और निकटवर्ती क्षेत्र के ऊपर स्थित है।
♦ पूर्व–पश्चिम कम दवाब का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश में पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर नगालैंड तक, पूरे बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और असम पर बना हुआ है और अब यह समुद्र तल से 1.5 किमी तक ऊपर स्थित है।
♦ पंजाब और आस-पास के क्षेत्र में चक्रवाती परिसंचरण का विस्तार समुद्र तल से 2.1 किमी ऊपर तक बना हुआ है।
♦ दक्षिण छत्तीसगढ़ से आंतरिक तमिलनाडु तक का कम दवाब का क्षेत्र अब रायलसीमा से आंतरिक तमिलनाडु तक है और समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर स्थित है।
♦ दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और आस-पास के क्षेत्र पर चक्रवाती परिसंचरण अब श्रीलंका तट के दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर स्थित है तथा समुद्र के स्तर से 2.1 और 4.5 किमी ऊपर है।
♦ समुद्र तल से 2.1 किमी ऊपर स्थित तटीय कर्नाटक और आस-पास के क्षेत्र पर चक्रवाती परिसंचरण कमजोर पड़ गया है।
♦ उत्तर-पूर्वी कम दवाब का क्षेत्र जो लगभग 88° पूर्व अक्षांश व 23° उत्तर देशांतर पर समुद्र तल से 1.5 से 2.1 किमी ऊपर स्थित है, कमजोर पड़ गया है।
गर्मी (हीट वेव)
इस बीच, उत्तर पश्चिम भारत, मध्य भारत और इससे सटे पूर्वी भारत के आंतरिक भागों के मैदानी इलाकों में शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चलने के कारण अगले 24 घंटों के दौरान गर्मी रहने एवं गर्म हवाएं चलने की प्रबल संभावना है।
मौसम विज्ञानं आधारित उप-विभाग के अनुसार,
- विदर्भ में कई जगहों पर और अलग-अलग कुछ स्थानों पर प्रचंड गर्मी की स्थिति;
- पश्चिम राजस्थान में कई जगहों पर और अलग-अलग कुछ स्थानों पर प्रचंड गर्मी की स्थिति;
- अगले 24 घंटे के दौरान हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के कुछ स्थानों और पंजाब, बिहार, झारखंड, ओडिशा, सौराष्ट्र और कच्छ, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना और उत्तर कर्नाटक के आंतरिक भागों में अलग-अलग जगहों में प्रचंड गर्मी की स्थिति
यदि मैदानी क्षेत्रों के लिए किसी स्थान का अधिकतम तापमान कम से कम 40° सेल्सियस या उससे अधिक, तटीय क्षेत्रों के लिए 37°सेल्सियस या अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए कम से कम 30°सेल्सियस या अधिक हैतो इसे प्रचंड गर्मी (हीट वेव) माना जाता है। हीट वेव घोषित करने के लिए निम्नलिखित मानदंडों का उपयोग किया जाता है:
क ) सामान्य सेविचलन के आधार पर
हीट वेव: सामान्य से विचलन 4.5° सेल्सियस से 6.4° सेल्सियस होता है
प्रचंड गर्मी (हीट वेव): सामान्य से विचलन > 6.4 डिग्री सेल्सियस है
ख ) वास्तविक अधिकतम तापमान (केवल मैदानों भागों के लिए) पर आधारित
प्रचंड गर्मी (हीट वेव): जब वास्तविक अधिकतम तापमान ≥ 45° सेल्सियस
अत्यधिक प्रचंड गर्मी (सीवियर हीट वेव) : जब वास्तविक अधिकतम तापमान ≥ 47° सेल्सियस
हीट वेव घोषित करने के लिए, उपर्युक्त मानदंड को कम से कम लगातार दो दिनों के लिए मौसम विभाग के उप क्षेत्र के कम से कम 2 स्थानों में होना चाहिए और तब इसे दूसरे दिन घोषित किया जाएगा।