नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों को मरम्मत-रहित और यातायात योग्य स्थिति में रखने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अपने क्षेत्रीय अधिकारियों (आरओ) और परियोजना निदेशकों (पीडी)को निर्देश दिए हैं कि वे बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए उच्च प्राथमिकता के आधार पर राष्ट्रीय राजमार्गों के रख-रखाव का कार्य करें। इसका उद्देश्य समय पर कार्य करना और राजमार्ग को मानसून के मौसम से पहले यानी 30 जून, 2020 तक यातायात के योग्य बनाना है।
एनएचएआई ने अपने आरओ/पीडी योजना की मदद करने और बेहतर प्राथमिकता के लिए नए नीति दिशा-निर्देश जारी किए हैं; और इसके बाद वह वांछित तरीके से राजमार्ग रख-रखाव की प्रक्रिया में तेजी लाएगा। उसका लक्ष्य अपेक्षित गतिविधियों की गहन योजना सुनिश्चित करना और समयबद्ध तरीके से उसका कार्यान्वयन करना है।
एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारियों को रख-रखाव गतिविधियों के बारे में तेजी से निर्णय लेने के लिए पर्याप्त वित्तीय अधिकार दिए गए हैं। परियोजना निदेशकों को सलाह दी गई है कि वे विभिन्न राजमार्गों की दुर्गति (जैसे गड्ढों, लीक करने और दरार आदि) की पहचान के लिए कार माउंटेड कैमरा/ड्रोन/नेटवर्क सर्वेक्षण वाहन (एनएसवी) आदि के जरिये प्रौद्योगिकी संचालित उपकरणों की सहायता से राजमार्गों की स्थिति का आकलन करें और उसके बाद सुधार की योजना तैयार करें।
सभी क्षेत्र अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे समयसीमा का पालन करें, नियमित रूप से रख-रखाव के काम की प्रगति की निगरानी करें और नियमित अंतराल पर प्राधिकरण को रिपोर्ट करते रहें।
एनएचएआई मुख्यालय अपने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर- डेटा लेक के जरिये प्रगति की बारीकी से निगरानी करेगा, जहां मरम्मत संबंधी अन्य जानकारी के अलावा मरम्मत कार्यों से पहले और बाद की तस्वीरें अपलोड की जाएंगी।