सुभाष चन्द्र चौधरी
नई दिल्ली : रेलवे मंत्रालय ने अब देश के सभी राज्यों के सभी जिले से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है। इस संबंध में रेलवे मंत्रालय की ओर से देश के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर उनसे प्रवासी श्रमिकों की सूची एवं उनके गंतव्य स्थान की पूरी डिटेल मंत्रालय को भेजने को कहा गया है। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि अब प्रतिदिन 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की व्यवस्था की गई है जिससे लॉक डाउन में फंसे प्रवासी लोगों को उनके गृह जिले तक आसानी से पहुंचाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि देश के कई राज्यों में सड़क एवं रेल दुर्घटनाओं के कारण श्रमिकों की लगातार हो रही मौत से अफरातफरी की स्थिति बन गई है। पिछले कई दिनों से लगातार अलग-अलग राज्यों से दर्जनों श्रमिकों एवं उनके परिवारों की मृत्यु होने की खबर आ रही है। लोग अपने गृह जिले में जाने को बेताब हैं लेकिन उन्हें पिछले 1 माह से भी अधिक समय से ट्रेन में यात्रा करने के लिए अनुमति मिलने का इंतजार है जबकि सड़क मार्ग से लंबी दूरी तक जाने के लिए भी बसों की संख्या सीमित है।
ऐसे में लाखों की संख्या में लोग कोई नदी पार कर निकल रहे हैं तो कोई सड़क मार्ग से नेशनल हाईवे पर पैदल चल रहे हैं तो कोई रेलवे ट्रैक के सहारे अपने गृह राज्य को जाने की कोशिश में लगे लगे हुए हैं।
हालांकि रेलवे मंत्रालय ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया लेकिन काफी समय बाद। केंद्रीय डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी ने पहले राज्य सरकारों को अपने श्रमिकों को गिरिराज जी पहुंचाने के लिए सड़क मार्ग से जाने की अनुमति दी थी लेकिन संभवतया मैनेजमेंट कमेटी ने लंबी दूरी के राज्यों का ध्यान नहीं रखते हुए ऐसा निर्णय लिया। बस के माध्यम से 2000 से भी अघिक किलोमीटर की दूरी तय करना और व्यवहारिक साबित हुआ और लाखों लोग अपने गृह राज्य जाने की इंतजार में दिखे। कई राज्यों में हजारों मजदूरों ने सड़क पर बाहर निकल कर इस व्यवस्था के विरोध में नारेबाजी भी की कई जगह पत्थरबाजी की घटनाएं भी सामने आई आंदोलन होने लगे जिसके कारण केंद्रीय डिजास्टर मैनेजमेंट कमिटी ने रेलवे मंत्रालय से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने को कहा।
तनिक स्पेशल ट्रेन के मामले में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह रही कि रेलवे मंत्रालय बार-बार संबंधित राज्यों की सरकारों को रेल के वहां आने की एनओसी मांगते रहे और राज्य सरकारें उसे टालती रही। इससे अपेक्षित संख्या में ट्रेन चलाना संभव नहीं हो पाया। इस बीच लोगों का सब्र टूटने लगा और पैदल ही अपने राज्यों के लिए निकल पड़े जिससे लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं और अब तक सैकड़ों की संख्या में लोग अपने घर पहुंचने की वजह मौत के मुंह में समा रहे हैं।
इन सारी घटनाओं पर अंकुश लगाने की दृष्टि से अब केंद्र सरकार ने रेलवे को सभी जिले से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने को कहा है। रेलवे मंत्रालय की ओर से देश के सभी जिला कलेक्टरों को इस संबंध में पत्र लिखकर सूचित किया गया है कि अगर वहां से श्रमिक अपने राज्य राज्यों को जाना चाहते हैं और उनकी संख्या ट्रेन चलाने लायक है तो उनके लिए रेलवे उस जिले से ट्रेन चलाने को तैयार है। सभी जिला कलेक्टरों से अपने-अपने जिले के प्रवासी मजदूरों की पूरी डिटेल उनके संपर्क सूत्र एवं उनके गंतव्य स्थान की जानकारी सहित डिटेल सूची रेलवे मंत्रालय को भेजने को कहा गया है।
रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने भी मीडिया को दिए बयान में यह स्पष्ट किया है कि रेलवे की ओर से प्रतिदिन 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की व्यवस्था की गई है जिनमें से अभी केवल डेढ़ सौ श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रतिदिन चलाई जा रही है। आवश्यकता के अनुसार रेलवे अब स्पेशल ट्रेन चलाने की स्थिति में है और इससे प्रवासी श्रमिकों को अपने राज्यों तक पहुंचने में सुविधा आसानी होगी उन्हें राहत मिलेगी।
रेलवे ने जानकारी दी है कि अब तक 15 लाख से अधिक लोगों को 1150 श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से उनके गृह राज्य तक पहुंचाने में कामयाबी मिली है। इंडियन रेलवे प्रतिदिन वर्तमान से भी 2 गुना संख्या में यात्रियों को उनके राज्यों तक पहुंचाने की व्यवस्था कर सकती है। मंत्रालय ने कहा है कि ट्रेन की कमी नहीं है अब जिला कलेक्टरों को उनके जिले में पंजीकृत प्रवासी मजदूरों की डिटेल भेजने की देरी है। आवश्यकतानुसार उक्त जिले में ट्रेन की सुविधा तत्काल दी जाएगी।