रेलवे ने नियमित ट्रेनों के 30 जून तक के लिए बुक हुए टिकटों को रद्द करने की घोषणा की

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सुभाष चन्द्र चौधरी

नई दिल्ली :  रेलवे ने नियमित ट्रेनों के 30 जून तक के लिए बुक हुए टिकटों को रद्द करने की घोषणा की है. रेलवे की ओर से बताया गया है कि  कुछ दिन पूर्व  घोषित  15 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलती रहेंगी.  जाहिर है नियमित ट्रेनों के लिए की गई अग्रिम बुकिंग की राशि पूर्व की भांति सभी यात्रियों को रिफंड कर दी जाएगी.  रेलवे की ओर से इस  इस निर्णय की सूचना आने से यह स्पष्ट है कि आने वाले जून माह में भी रेल मंत्रालय  पैसेंजर ट्रेन की नियमित सेवा शुरू नहीं करने जा रही है.  यह कदम देश में कोविड-19 वायरस संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए उठाया गया है.

दूसरी तरफ रेलवे ने एक और महत्वपूर्ण जानकारी लोगों के लिए जारी की है जिसमें यह कहा गया है कि अब 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेन के लिए टिकट बुकिंग में वेटिंग लिस्ट टिकट जारी करने की संख्या भी सीमित कर दी गई है। रेलवे ने कहा है कि अलग-अलग क्लास के लिए अलग-अलग वेटिंग लिस्ट संख्या निर्धारित की गई है। फर्स्ट एसी के लिए केवल 20 वेटिंग टिकट.  एग्जीक्यूटिव  क्लास के लिए 20 वेटिंग टिकट, सेकंड एसी के लिए 50 वेटिंग टिकट, थर्ड एसी के लिए सौ वेटिंग टिकट जबकि एसी चेयर कार के लिए भी सौ वेटिंग टिकट ही जारी किए जाएंगे। इसके अलावा स्लीपर क्लास के लिए 200 वेटिंग लिस्ट टिकट जारी करने का निर्णय लिया गया है। यह नियम 22 मई से चलने वाली सभी स्पेशल ट्रेन पर लागू रहेगा।

 उल्लेखनीय है कि रेलवे की ओर से देश के सभी राज्यों के लिए प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह जिले तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन पिछले 2 सप्ताह से लगातार चलाई जा रही है.  इसमें संबंधित राज्यों की सरकारों से एनओसी लेकर ही ट्रेन को उनके राज्य में भेजा जा रहा है.  सबसे अधिक  श्रमिक स्पेशल ट्रेन अभी तक उत्तर प्रदेश और बिहार  के लिए भेजी गई है जहां अब तक दो लाख के आसपास लोग अपने बिजली पहुंच चुके हैं.  जिन राज्यों से  श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है उनमें गुजरात महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली हरियाणा राजस्थान जैसे राज्य शामिल है. 

 1 दिन पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने वक्तव्य में यह स्पष्ट किया था कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रतिदिन ढाई सौ से 300 तक चलाई जा सकती है लेकिन कई राज्य सरकारों द्वारा उन्हें समय पर एनओसी नहीं दिए जाने के कारण ट्रेन नहीं चलाई जा रही है.  उन्होंने एक तरफ बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकारों की  इस मामले में त्वरित निर्णय लेने की प्रक्रिया  के लिए प्रशंसा की तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल राजस्थान झारखंड जैसे राज्यों के प्रदेश सरकारों की हिचकिचाहट पर चिंता भी व्यक्त की. श्री गोयल ने स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल सरकार अभी भी अपने राज्य के लोगों को अपने अपने जिले में आने से रोक रही है.  रेलवे की ओर से इस सप्ताह में एक दर्जन ट्रेन पश्चिम बंगाल भेजने के लिए ममता सरकार से एनओसी मांगी थी लेकिन अभी तक केवल दो ट्रेन की एनओसी दी गई है.  उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ममता बनर्जी सरकार ने अगले 30 जून तक 15 ट्रेन को एनओसी देने का आश्वासन दिया है ना की एनओसी दी है. 

 

 रेल मंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल सरकार पश्चिम बंगाल के लोगों को जो अन्य राज्यों में अपने रोजगार या फिर अन्य कारणों से लोग दान के दौरान फंसे हैं उनके गृह जिले में आने देने से रोक रही है.  वहां के लोग भी अपने परिवार जनों से मिलने जाना चाहते हैं लेकिन राज्य सरकार की ओर से निष्क्रियता उन्हें अभी तक परेशानी भरे जीवन जीने को मजबूर कर रही है.

 

 इसी तरह झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री तो राजनीतिक तौर पर यह बयान देते हैं कि हम अपने राज्य के सभी व्यक्तियों को झारखंड वापस ले आएंगे लेकिन धरातल पर यह नहीं दिखता. रेल मंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से भी अभी तक बहुत कम ट्रेन को वहां आने की अनुमति दी गई है जबकि राजस्थान सरकार ने भी इसी तरह की रणनीति अपनाई हुई है.

 

 इसलिए रेलवे की ओर से यह कहा गया है कि आगामी 30 जून तक की गई नियमित ट्रेन की टिकट बुकिंग को रद्द करने का फैसला लिया गया है.  सभी टिकटों का रिफंड संबंधित यात्री के अकाउंट में या फिर पूर्व की भांति अन्य माध्यमों से उन्हें दे दी जाएगी.  कारण स्पष्ट है कि जून माह में भी रेलवे नियमित ट्रेन सेवा शुरू करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक के दौरान स्पष्ट तौर पर अपने राज्य में ट्रेन और हवाई सेवा चलाने का विरोध किया था.  इनमें बिहार, पंजाब तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं.  समझा जाता है कि इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से आए सुझाव को ध्यान में रखते हुए ही रेल मंत्रालय ने जून माह में भी नियमित ट्रेन सेवा स्थगित रखने का निर्णय लिया है. 

रेलवे द्वारा कामगारों को घर पहुंचाने के लिए अब तक 1,000 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की स्वीकृति मिल चुकी हैं। कल 145 ट्रेनों द्वारा कामगारों को उनके घर पहुंचाया गया है। कुल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में से 75% उत्तर प्रदेश व बिहार के लिए चलाई गई हैं। 1 मई 2020 से भारतीय रेल ने 800 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों द्वारा अभी तक 10 लाख कामगारों को परिवार सहित उनके घर पहुंचाया है।

 दूसरी तरफ रेलवे ने यह साफ किया है कि पूर्व की भांति श्रमिक स्पेशल ट्रेन राज्य 2 राज्यों के बीच बनी सहमति के आधार पर चलती रहेंगी जबकि  15 जोड़ी स्पेशल ट्रेन को घोषित समय सारणी के अनुसार चलाया जाएगा.  स्पेशल ट्रेन की टिकट बुकिंग केबल आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन किया जाना ही संभव होगा.  रेलवे ने यह भी कहा है कि केवल कंफर्म टिकट वाले यात्री ही रेलवे स्टेशन में प्रवेश कर पाएंगे और उन्हें भारत सरकार की ओर से जारी स्वास्थ्य सुरक्षा की गाइडलाइन का पूरा पालन करना होगा.  इस कारण से ट्रेन में केवल 1200 यात्री ही यात्रा करने के लिए अनुमति प्राप्त कर पा रहे हैं जिससे यात्रा के दौरान भी सोशल डिस्टेंस की व्यवस्था बनी रहे और कोविड-19 वायरस संक्रमण का खतरा न्यूनतम स्तर पर रहे. 

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