गुरूग्राम, 15 मई। हेलो , आपके बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई कैसी चल रही है, कोई दिक्कत तो नही। कुछ इसी अंदाज में शिक्षा विभाग विद्यार्थियो के अभिभावकों से ई-पीटीएम के माध्यम से रोजाना पूछ रहा है। लाॅकडाउन में प्राइवेट स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों के बच्चे भी ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और उसके बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा सीधे अभिभावकों से संपर्क करके फीडबैक लिया जा रहा है।
सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा के कार्य पर शिक्षा विभाग के अधिकारी ना केवल नजर रख रहे हैं बल्कि शिक्षकों का इस दिशा में मार्गदर्शन भी कर रहे हैं। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन का कहना है कि लाॅकडाउन में सरकारी स्कूलों के बच्चों का पढ़ाई में कोई नुकसान ना हो इसके लिए पहली बार आॅनलाइन पढ़ाई करवाने के तरीके को आजमाया गया है। चूंकि यह तरीका पहली बार इस्तेमाल हुआ है इसलिए इसके बारे में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से लगातार फीडबैक लेकर प्रणाली में सुधार करने के प्रयास रहते हैं। उन्होंने कहा कि फीडबैक में जहां कहीं भी कमी नजर आती है,उसे दूर करने के लिए आईटी एक्सपर्ट्स तथा अन्य शिक्षाविद्ो से मदद ली जाती है। इसी उद्देश्य से विभाग द्वारा ई-पीटीएम का कन्सेप्ट शुरू किया गया है।
उन्हांेने बताया कि गुरूग्राम जिला में प्रदेश में सबसे पहले ई-पीटीएम करने की दिशा में कदम उठाया गया है। इसके माध्यम से शिक्षा विभाग सभी विद्यार्थियों व अभिभावकों से संपर्क कर रहा है। जिला के चारों खंडों में खंड शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना संयोजक(डीपीसी), खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी रोजाना अपने अधिकार क्षेत्र में 20-20 विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों से बात करते हैं और पूछते है कि विद्यार्थियों को आॅनलाइन तरीके से पाठ्य सामग्री प्राप्त हो रही है अथवा नही। साथ ही आॅनलाइन पढ़ाई व टीवी पर आ रहे कार्यक्रम के बारे में भी फीडबैक लिया जा रहा है जिसके आधार पर विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
कैप्टन बोकन ने कहा कि वे स्वयं 20 बच्चों से बात करती है और उनके पढ़ाई को लेकर फीडबैक लेती हैं। इतना ही नही, कई बार अभिभावक कोविड-19 संक्रमण को लेकर बचाव उपायों के बारे में भी पूछते है जिसकी जानकारी अभिभावकों को विस्तार से दी जाती है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि वे बच्चों से बात करने के लिए ऐसे समय का चुनाव करती है जब बच्चें एजुसैट आदि के माध्यम से पढ़ रहे हो ताकि उन्हें रियल अपडेट मिल सके। जिन बच्चों के घर एजुसैट चैनलों की सुविधा नही है वे वाट्स एप गु्रप के माध्यम से पढ़ना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर बच्चें वाट्सएप ग्रुप पर पढ़ना अधिक पसंद कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि लाॅकडाउन के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो और पढ़ाई के दौरान आ रही समस्याओं को जल्द से जल्द दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि ई-पीटीएम के माध्यम से जिला में चल रही आॅनलाइन पढ़ाई की स्थिति स्पष्ट हो रही है। शिक्षा विभाग के मार्गदर्शन में अध्यापकों द्वारा नए-नए रचनात्मक तरीके अपनाए जा रहे हैं। अध्यापक भी विद्यार्थियों के पढ़ाई को लेकर संशय दूर करने के लिए तत्परता से प्रयासरत हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन ने बताया कि शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों के व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाए गए हैं जिनके एडमिन क्लास टीचर को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अध्यापक यूट्यूब चैनलों तथा अपनी वीडियो बनाकर ग्रुप में अपलोड कर रहे हैं ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में असुविधा ना हो। विद्यार्थी अध्यापकों को वीडियो कॉल करके भी उनके संशयो को दूर कर रहे हैं। इसके अलावा जूम एप के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मोबाइल एप से विद्यार्थी बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि ई-लर्निंग को लेकर कई विकल्पों पर काम किया जा रहा है और प्रभावी विकल्पों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 लाॅकडाउन के दौरान हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए शुरू की गई आॅनलाइन तथा डिस्टेंस लर्निंग पहल को प्रदेश भर मे सराहा जा रहा है।