जिला उपायुक्त ने कोरोना के लिए 6 बड़े प्राइवेट अस्पतालों व उनके डाक्टरों का अधिग्रहण किया

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सुभाष चन्द्र चौधरी

गुरुग्राम:  गुरुग्राम में लगातार कई दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण  के नए मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण इस बीमारी से ग्रसित लोगों को भर्ती करने के लिए जिला में घोषित  कोविड-19 अस्पताल में अब वेड उपलब्ध नहीं है. इसलिए जिला में लगभग 600 बेड की और आवश्यकता महसूस की गई. जिला उपायुक्त ने  इसके लिए शहर के 6 बड़े प्राइवेट अस्पतालों का अधिग्रहण कर स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया है. जिला उपायुक्त ने  अधिग्रहण आदेश जारी कर  जिला के सभी विभागों के प्रमुखों को इसकी जानकारी दी है. अब जिला में  कोविड-19 वायरस संक्रमित व्यक्तियों को अधिकृत किए गए 6 प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कर इलाज किया जाना संभव होगा .  जिलाधीश ने उन सभी प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सहित पूरी टीम को सरकारी काम के लिए अधिकृत करने का ऐलान किया है.यह सभी निजी अस्पताल डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल के रूप में अगले आदेश तक जिले की जनता के लिए उपलब्ध रहेंगे. 

 

उल्लेखनीय है कि पिछले 1 सप्ताह से गुरुग्राम में लगातार कोविड-19 वायरस संक्रमित नए रोगियों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.  इससे कोविड-19 अस्पताल जो सेक्टर नौ स्थित ईएसआई हॉस्पिटल को घोषित किया गया था. यहाँ अब  बेड  उपलब्ध नहीं है.  इसके कारण कई कालोनियों में पाए गए संक्रमित नए मरीजों को कोविड-19 अस्पताल में भर्ती करना संभव नहीं हो पा रहा था.  स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर बेहद चिंतित था और इसके विकल्प की खोज में था. विभाग के आकलन के अनुसार जिले में कोरोनावायरस  संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए 600 बेड के आधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल की सख्त आवश्यकता थी .

 

बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए पहले डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल के रूप में मिडियोर  अस्पताल, मानेसर को निर्धारित किया था. लेकिन वहां आवश्यक तकनीकी सुविधाओं की कमी महसूस की गई.  उक्त अस्पताल को कोरोना वायरस  संक्रमित लोगों के इलाज की दृष्टि से तैयार करने में अभी समय लगेगा.  इसलिए सिविल सर्जन गुरुग्राम ने जिला उपायुक्त अमित खत्री से 600 बेड के अस्पताल की तत्काल आवश्यकता जताते हुए 6 बड़े प्राइवेट अस्पतालों  एवं उनके सभी डॉक्टर तथा मेडिकल व अन्य स्टाफ का अधिग्रहण करने  की अनुशंसा की थी.  

 

उपायुक्त को भेजे अपने पत्र में सिविल सर्जन ने 600 आइसोलेशन बेड की तुरंत प्रभाव से आवश्यकता दर्शाते हुए शहर के मेट्रो अस्पताल 100 बेड , नारायणा अस्पताल 100 बेड, सिग्नेचर अस्पताल 100 बेड, कोलंबिया एशिया अस्पताल 100 बेड,  पार्क अस्पताल 100 बेड  और डब्लू प्रतीक्षा अस्पताल 100 बेड  को  उनके संपूर्ण मेडिकल,  पारा मेडिकल, एवं अन्य सभी स्टॉफ / मेन पावर सहित अधिग्रहित करने का अनुरोध किया था. 

 

जिला उपायुक्त ने जनहित को ध्यान में रखते हुए चल अचल संपत्ति अधिग्रहण अधिनियम 1973 की धारा 35 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त सभी अस्पतालों व उनके अन्य सभी स्टाफ/ मेन पावर सहित अधिकृत करने का आदेश बुधवार देर रात्रि जारी किया. उन्होंने आदेश के तहत उक्त सभी 6 अस्पतालों को सिविल सर्जन गुरुग्राम  के नाम आवंटित कर दिया.

 

 जिला उपायुक्त के इस कदम से फिलहाल जिला में कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित  आने वाले नए  रोगियों को भर्ती कर उनका इलाज तत्काल शुरू करना संभव हो सकेगा.  इससे स्वास्थ्य विभाग को भी सरकार द्वारा निर्देशित गाइडलाइन के तहत कोरोना वायरस संक्रमित लोगों  को अपेक्षित इलाज  मुहैया कराने में सुविधा होगी.  अब किसी भी मरीज को इलाज के लिए अपने खर्चे से  किसी निजी अस्पताल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा जबकि समय रहते उन अस्पतालों में उपलब्ध इलाज की आधुनिक सुविधाओं  एवं विशेषज्ञ डॉक्टरों का उपयोग किया जा सकेगा.  

 

 इस संबंध में जिला उपायुक्त की ओर से उक्त सभी अस्पतालों के प्रबंधकों को तत्काल प्रभाव से इस आदेश को लागू करने को कहा गया है जिसकी जानकारी व्यवस्था की दृष्टि से सभी विभाग प्रमुखों को दी गई है. 

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