सुभाष चन्द्र चौधरी
गुरुग्राम : शहर के लाइनपार स्थित राजेंद्र पार्क के आनंद गार्डन कॉलोनी में एक व्यक्ति के कोरोना वायरस पॉजिटिव होने की खबर से इलाके के लोग बेहद परेशान हैं. उक्त संक्रमित व्यक्ति बजघेरा रोड स्थित एक छोटे व कम सुविधा वाले निजी अस्पताल में भर्ती था. इसका खुलासा होते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को संबंधित निजी अस्पताल के सभी नर्सेज और अन्य स्टाफ का सैंपल लिया लेकिन उक्त अस्पताल के खिलाफ ना तो अभी तक कोई कार्रवाई हुई है और नहीं इलाके को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है. इलाके के निगम पार्षद योगेंद्र सारवान की लाख कोशिश के बावजूद अभी तक स्वास्थ्य विभाग या प्रशासन की सक्रियता इस इलाके में नहीं दिख रही है. इससे एक दिन पूर्व इसी वार्ड के सूरत नगर फेस 2 में भी एक महिला कोरोना वायरस पॉजिटिव पाई गई थी लेकिन वहां भी अब तक प्रशासन की ओर से कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए गए हैं. लोग आशंका के वातावरण में जीने को मजबूर हैं.
देशव्यापी लॉक डाउन के तीसरे चरण में केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत हरियाणा सरकार के निर्देशन पर गुरुग्राम जिला प्रशासन ने भी व्यावसायिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को पुनः संचालित करने की अनुमति देना शुरू कर दिया. शहर के आवासीय इलाके में दो-तीन दिनों से अफरातफरी के माहौल में सभी प्रकार की दुकानें भी खुलने लगी और बड़ी संख्या में लोग पैदल या फिर अपने वाहनों के माध्यम से शहर की सड़कों पर दिखने लगे. इसी बीच पिछले कई दिनों से लगातार गुरुग्राम में कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों की संख्या भी तेज गति से बढ़ने लगी है. 2 दिन पूर्व खांडसा सब्जी मंडी के 9 व्यापारी कोरोना संक्रमित पाए गए जबकि बुधवार को शहर में आए 17 नए पॉजिटिव मामले में 10 व्यक्ति उसी सब्जी मंडी से संबंधित ही मिले हैं. स्वास्थ विभाग ने दावा किया है कि यह सभी मामले दिल्ली के आजादपुर मंडी से संबंधित हैं . लेकिन खांडसा मंडी में मिले अब तक लगभग 20 पॉजिटिव मामले को लेकर शहर के अन्य सब्जी बाजारों या हाट में सब्जियां बेचने वाले व्यापारियों सब्जी वेंडरों की ओर ध्यान नहीं गया है. यह वास्तव में शहर के लोगों के लिए बेहद चिंता का विषय बन गया है. लोगों में इस बात की आशंका घर कर गई है कि शहर में सब्जी बेचने वाले सभी वेंडर्स खांडसा सब्जी मंडी से ही सब्जियां लाते हैं. ऐसे में उन सभी सब्जी विक्रेताओं की जांच करना अति आवश्यक है.
बताया जाता है कि राजेंद्र पार्क आवासीय क्षेत्र की सभी कालोनियों में भी बड़ी संख्या में सब्जी विक्रेता रहते हैं. साथ ही दिल्ली की आजादपुर मंडी में काम करने वाले और सदर बाजार खारी बावली में भी काम करने वाले लोग यहां की कालोनियों में रहते हैं. इसलिए आशंका प्रबल है कि इस इलाके में भी दिल्ली की मंडियों से संबंध रखने वाले लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण का खुलासा हो सकता है. इस आशंका की पुष्टि बुधवार को तब हुई जब इलाके के आनंद गार्डन में किराए पर रहने वाले एक व्यक्ति के कोरोना वायरस संक्रमित होने की खबर सामने आई. उक्त संक्रमित व्यक्ति भी दिल्ली के खारी बावली में काम करता है और आनंद गार्डन में किराए पर रहता है.
इलाके के निगम पार्षद योगेंद्र सारवान ने बताया कि वह व्यक्ति कुछ दिनों से बीमार था और इस इलाके के अस्पताल में इलाज करा रहा था. पहले दो बार उनके सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए तो नेगेटिव पाए गए थे लेकिन अब पुनः सैंपल की टेस्ट करने के बाद उनकी रिपोर्ट कोरोना वायरस पॉजिटिव आई है. बावजूद इसके वह व्यक्ति बजघेरा रोड स्थित एक कम सुविधा वाले एक छोटे निजी अस्पताल में ही भर्ती है. इसका खुलासा होते ही गुरुग्राम का स्वास्थ विभाग हरकत में आया और उन्होंने काफी जद्दोजहद के बाद इलाके के उस निजी अस्पताल के सभी मेडिकल स्टाफ्स/नर्सेस एवं अन्य कर्मियों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा.
इस मामले की सूचना निगम पार्षद योगेंद्र सारवान ने निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह, जिला उपायुक्त अमित खत्री एवं शहर की मेयर को तत्काल दी और उनसे उक्त संक्रमित व्यक्ति को कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल में स्थानांतरित कराने की मांग की. साथ ही इस इलाके को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर सभी एहतियाती कदम उठाने की भी मांग की. लेकिन दुर्भाग्यवश केवल संबंधित निजी अस्पताल के स्टाफ के सैंपल कलेक्ट करने के अलावा बुधवार देर रात प्रशासन की ओर से कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया गया. यहां तक कि जब निगम पार्षद सारवान ने डिप्टी सीएमओ डॉ अनुज गर्ग से फोन कर संक्रमित व्यक्ति को तत्काल यहां से कोविड-19 अस्पताल में स्थानांतरित करने को कहा तो उन्होंने कोविड-19 अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं होने का रोना रोते हुए मना कर दिया. बकौल पार्षद डिप्टी सीएमओ ने उन्हें उक्त संक्रमित व्यक्ति को और एक-दो दिन उसी निजी अस्पताल में भर्ती रहने की सलाह दे दी जबकि यह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश का सरासर उल्लंघन है.
इस सम्बन्ध में thepublicworld.com ने जब सीएमओ और डिप्टी सी एम् ओ से फोन पर बारम्बार सम्पर्क किया और उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया.
जाहिर है इस स्थिति से इलाके के लोग बेहद परेशान हैं और प्रशासन से इस क्षेत्र को तत्काल कंटेनमेंट एरिया घोषित करने और अन्य आवश्यक एहतियाती कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. बताया जाता है कि पार्षद की मांग पर मेयर मधु आजाद ने इस मामले की सूचना चंडीगढ़ मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों एवं सी एम कार्यालय को भी दी लेकिन बुधवार देर रात तक किसी भी प्रकार के कदम उठाए जाने के संकेत नहीं मिले.
बुधवार देर रात यह खबर अवश्य आई की जिला उपायुक्त ने सिविल सर्जन गुरुग्राम की मांग पर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने और डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल में बेड की कमी होने के कारण शहर के 6 बड़े प्राइवेट आधुनिक अस्पतालों व उनमें कार्यरत डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ एवं अन्य कर्मियों का अधिग्रहण कर स्वास्थ्य विभाग को आवंटित कर दिया है. इस सूचना से यह बात तो तय हो गई कि शहर में संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए अस्पताल की कमी थी जिससे कुछ मरीजों को भर्ती होने का इंतजार करना पड़ा.
निगम पार्षद का कहना है कि यही स्थिति सूरत नगर में मिली कोरोना पॉजिटिव महिला के मामले में भी देखने को मिला. जिस मकान में उक्त महिला रहती है उसमें कम से कम 60 से 70 लोग और किराए पर रहते हैं जिनमें से अधिकतर सब्जियां बेचने का काम करते हैं. इसलिए सूरत नगर के लोगों में भी आशंका है कि उनमें से कई और लोग भी संक्रमित हो सकते हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उन गलियों का आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वे कराने के अलावा और कोई एहतियाती कदम अब तक नहीं उठाया है. इलाके के लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि उक्त महिला के पॉजिटिव पाए जाने के तत्काल बाद ही सूरत नगर को भी कंटेनमेंट एरिया घोषित कर दिया जाएगा और गाइडलाइन के अनुसार आसपास के इलाके को बफर जोन भी घोषित किया जाएगा जहां पुलिस और प्रशासन भी मुस्तैद दिखेंगे लेकिन राजेंद्र पार्क और सूरत नगर दोनों ही कालोनियों में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला.
इन हालात में भी बजघेरा रोड स्थित बाजार भी बुधवार को पूरी तरह खुले रहे और बड़ी संख्या में लोग सोशल डिस्टेंसइंग को नकारते हुए सड़कों पर निकले और राजेंद्र पार्क थाने की पुलिस मूकदर्शक बनी रही. जिला उपायुक्त की ओर से जारी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं दुकानों के खोलने के शेडूल का यहां कोई असर नहीं दिखा. ना ही पुलिस व प्रशासन की ओर से उस पर अमल कराने की यहां कोई कोशिश हुई. अगर यही स्थिति बनी रही तो इस इलाके में संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका है जिसको लेकर इलाके के निगम पार्षद सहित प्रबुद्ध नागरिक चिंतित हैं.