नई दिल्ली। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक वेबिनार के माध्यम से देश भर के विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। एक घंटे के संवाद के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों की स्कूली परीक्षाओं, प्रवेश परीक्षाओं, शैक्षणिक कैलेंडर, ऑनलाइन शिक्षा, शुल्क, विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य, अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों, फेलोशिप आदि से जुड़ी चिंताओं और सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर काफी चिंतित हैं। इसे ध्यान में रखते हुए उनका मंत्रालय विद्यार्थियों की चिंताओं के शीघ्र और तत्काल समाधान करने के लिए सभी कदम उठा रहा है। श्री पोखरियाल ने विद्यार्थियों की सुरक्षा और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एचआरडी राज्य मंत्री संजय धोत्रे द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की।
संवाद के दौरान केन्द्रीय एचआरडी मंत्री ने लंबित प्रवेश परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि एनईईटी का आयोजन 26 जुलाई, 2020 को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेईई मुख्य परीक्षा 18, 20, 21, 22 और 23 जुलाई, 2020 को आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि जेईई (एडवांस) परीक्षा अगस्त में हो सकती है। उन्होंने कहा कि यूजीसी नेट 2020 और सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तारीखें भी जल्द ही घोषित की जाएंगी।
मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए रमेश पोखरियाल ने कहा कि विद्यार्थियों को शांत रहना चाहिए और अपने पाठ्यक्रम के अध्ययन पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई के लिए समय सारणी बनानी चाहिए और बीच में लघु विश्राम लेना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रवेश परीक्षा में आगे रहने के लिए पाठ्यक्रम और परीक्षा के पैटर्न के बारे में जानकारी होना अहम है। उन्होंने विद्यार्थियों से चिंतित नहीं होने और स्वस्थ भोजन करने तथा सुरक्षित रहने की अपील की।
श्री पोखरियाल ने विद्यार्थियों से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट के लिंक : https://nta.ac.in/LecturesContent पर जाकर भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञान से जुड़े पर व्याख्यान देखकर प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा की तैयारियों के लिए एमएचआरडी के विभिन्न प्लेटफॉर्म को उपयोग किया जा सकता है। इसमें स्वयंप्रभा डीटीएच चैनल, आईआईटी पाल ऑफ स्वयंप्रभा, दीक्षा, ई पाठशाला, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, स्वयं, ई-पीजी पाठशाला, शोधगंगा, ई-शोधसिंधु, ई-यंत्र, स्पोकेन ट्यूटोरियल और वर्चुअल लैब्स शामिल हैं। मंत्री ने खुशी प्रदर्शित करते हुए विद्यार्थियों को बताया कि लॉकडाउन के दौरान स्वयं, स्वयं प्रभा, वर्चुअल लैब्स, एफओएसएसईई, ई-यंत्र और स्पोकेन ट्यूटोरियल जैसे उच्च शिक्षा के प्रमुख ऑनलाइन शैक्षणिक पोर्टल्स पर हिट्स की संख्या 5 गुना तक बढ़ गई है।
नेटवर्क में दिक्कतों से जुड़े ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों से संबंधित एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एमएचआरडी ने टाटा स्काई और एयरटेल डीटीएच परिचालकों, डीडी-डीटीएच, डिश टीवी के डीटीएच प्लेटफॉर्मों और जियो टीवी ऐप पर स्वयं प्रभा चैनलों के प्रसारण के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ समझौता किया है। उन्होंने कहा कि स्वयं प्रभा एक 32 डीटीएच चैनलों का समूह है, जो जीवन भर सीखने में दिलचस्पी रखने वाले देश भर के सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और नागरिकों के लिए कला, विज्ञान, वाणिज्य, ललित कला, सामाजिक विज्ञान और मानविकी विषयों, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, विधि, औषधि, कृषि आदि विषयों से जुड़ी पाठ्य सामग्री पर आधारित उच्च गुणवत्ता वाला शैक्षणिक पाठ्यक्रम उपलब्ध करा रहा है। विभिन्न डीटीएच सेवा प्रदाताओं पर चैनल नंबर इस प्रकार हैं : एयरटेल टीवी में चैनल # 437, चैनल # 438 और चैनल #439; वीडियोकॉन में चैनल # 475, चैनल # 476, चैनल # 477; टाटा स्काई में चैनल # 756 जो स्वयंप्रभा डीटीएच चैनलों के लिए विंडो पॉप अप करता है और डिश टीवी में चैनल # 946, चैनल # 947, चैनल #949, चैनल # 950।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम चलाने को आकाशवाणी, दूरदर्शान और 2जी नेटवर्क के उपयोग की संभावनाएं तलाश रहा है।
शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए एनआईटी, आईआईटी और आईआईटीके शुल्क में बढ़ोतरी से जुड़े एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए आईआईटी, आईआईआईटी और एनआईटी के शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।
नवोदय विद्यालयों के विद्यार्थियों के संबंधित राज्यों और घर को पलायन के संबंध में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सभी विद्यालयों के लिए पलायन की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है और एमएचआरडी से राज्यों के मुख्य सचिवों को डीओ पत्र जारी किए जाने के बाद से इस काम में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि 173 विद्यालयों में से 62 से ज्यादा विद्यालयों ने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी विद्यालयों की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है, जहां पर प्रवासी विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। अपने-अपने घरों को भेजे जा रहे विद्यार्थियों को सैनिटाइजर्स, मास्क, छोटे साबुन और जेएनवी की मेस से बने स्नैक जैसे भोजन दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि रास्ते में पड़ने वाले सभी जेएनवी द्वारा इन विद्यार्थियों के लिए भोजन, विश्राम, स्नैक और स्वास्थ्य देखभाल आदि सुविधाएं दी जा रही हैं।
प्रश्नों का जवाब देते हुए श्री पोखरियाल ने बताया कि एमएचआरडी कोविड महामारी के चलते पैदा हुए शैक्षणिक अंतर को पाटने की योजना बना रहा है। एमएचआरडी ने विद्यार्थियों को पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया और साथ ही विद्यालयी और उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न ई-लर्निंग संसाधन और डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से पढ़ाई में सहायता लेने के लिए कहा। श्री पोखरियालय ने विद्यार्थियों को बताया कि प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए वैकल्पिक कैलेंडर भी जारी कर दिया गया है। यह कैलेंडर मौज-मस्ती, दिलचस्प तरीकों से शिक्षा प्रदान करने के लिए उपलब्ध विभिन्न तकनीकी साधनों और सोशल मीडिया टूल्स के उपयोग पर शिक्षकों को दिशा-निर्देश प्रदान करता है, जिनका उपयोग विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक घर पर भी कर सकते हैं।
बोर्ड परीक्षा से संबंधित विद्यार्थियों की चिंताओं पर केन्द्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि बोर्ड सिर्फ मुख्य विषयों की परीक्षाएं ही आयोजित करेगा, जो अगली कक्षा में जाने के लिए जरूरी होंगी। यह उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए अहम हो सकता है। उन्होंने बताया कि 01.04.2020 को जारी सीबीएसई की प्रेस विज्ञप्ति में 29 विषयों का ब्यौरा और अन्य विवरण दिया गया है, जो बोर्ड की वेबसाइट http://cbse.nic.in/ पर देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि उत्तर पूर्व दिल्ली को छोड़कर देश भर में 10वीं कक्षा की परीक्षाएं संपन्न हो गई हैं और परीक्षाएं शुरू होने से पहले सभी हितधारकों को 10 दिन का पर्याप्त समय दिया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री उत्तर पूर्व दिल्ली के विद्यार्थियों को यह भी स्पष्ट किया कि अगर आप पहले ही परीक्षा दे चुके हैं तो उन्हें फिर से परीक्षा में शामिल होने की कोई जरूरत नहीं है। ये परीक्षाएं फिर से उन विद्यार्थियों के लिए होंगी, जो कानून व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं के चलते पूर्व निर्धारित समय पर हुई परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाए थे। विद्यार्थी सीबीएसई द्वारा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए अक्सर पूछे जाने वाले सवालों को भी देख सकते हैं।
श्री पोखरियाल ने कहा कि सरकार लॉकडाउन की अवधि के दौरान हुए शैक्षणिक नुकसान से विद्यार्थियों को उबारने की योजना बना रही है। कोविड-19 लॉकडाउन पर प्रतिक्रिया के रूप में सीबीएसई द्वारा बोर्ड परीक्षाओं 2021 के लिए पाठ्यक्रम भार में अनुपातिक कमी के लिए शिक्षण संबंधी नुकसान आकलन किया जाएगा। इस क्रम में बोर्ड की पाठ्यक्रम समितियों ने विभिन्न परिदृश्यों में पाठ्यक्रम में कटौती की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इस संबंध में जल्द ही विद्यार्थियों को सूचना दे दी जाएगी।
विश्वविद्यालयों में परीक्षा के संबंध में यूजीसी ने एमएचआरडी के साथ परामर्श के बाद दिशानिर्देश जारी किए हैं। यूजीसी वेबसाइट पर दिशानिर्देशों का आकलन किया जा सकता है। परीक्षाओं के संदर्भ में प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैं –
- परीक्षा प्रक्रिया की शैक्षणिक शुचिता और सत्यनिष्ठा बरकरार रखने के लिए विश्वविद्यालय यूजीसी द्वारा समय समय पर सुझाई गई आवश्यकताओं के अनुपालन के साथ अल्पावधि में प्रक्रिया को पूरा करने के लिए परीक्षाओं के वैकल्पिक और सरल प्रणालियां तथा विधियां अपना सकते हैं।
- मध्यवर्ती सेमिस्टर/ वार्षिक विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय अपनी तैयारियों के स्तर, विद्यार्थियों की आवासीय स्थिति और विभिन्न क्षेत्रों/ राज्यों में कोविड-19 महामारी के प्रसार की स्थिति के समग्र आकलन के बाद और अन्य बातों को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं करा सकते हैं।
- अगर कोविड-19 को देखते हुए परिस्थितियां सामान्य नजर नहीं आती हैं तो सामाजिक दूरी बरकरार रखने के क्रम में, विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आंतरिक मूल्यांकन के पैटर्न के आधार पर विद्यार्थियों की ग्रेडिंग 50 प्रतिशत अंकों के साथ हो सकती है। शेष 50 प्रतिशत अंक सिर्फ पिछले सेमिस्टर (अगर उपलब्ध हो) में प्रदर्शन के आधार पर दिए जा सकते हैं। नियमित मूल्यांकन, प्रीलिम्स, सेमिस्टर, आंतरिक मूल्यांकन या विद्यार्थियों की प्रगित के आकलन के लिए जो भी नाम दिया गया हो, के आधार पर आंतरिक मूल्यांकन किया जा सकता है।
- अगर विद्यार्थी ग्रेड्स में सुधार चाहते हैं तो वह अगले सेमिस्टर में ऐसे विषयों की विशेष परीक्षाओं में शामिल हो सकते/ सकती हैं।
- परीक्षाओं की समयसीमा – परीक्षाओं का संचालन :
- (i) टर्मिनल सेमिस्टर/ वर्ष – 01.07.2020 से 15.07.2020
- (ii) मध्यवर्ती सेमिस्टर/ वर्ष – 16.07.2020 से 31.07.2020
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सत्र 2020-21 के लिए यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए प्रवेश 31.08.2020 तक पूरा किया जा सकता है। यदि जरूरत पड़ती है तो अनंतिम प्रवेश भी दिया जा सकता है और पात्रता परीक्षा के संबंधित दस्तावेज 30.09.2020 तक स्वीकार किए जा सकते हैं। पुराने विद्यार्थियों के लिए 01.08.2020 से और नए विद्यार्थियों के लिए 01.09.2020 से शैक्षणिक सत्र 2020-21 शुरू हो सकता है। यूजीसी की वेबसाइट से अतिरिक्त जानकारियां हासिल की जा सकती हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों के साथ संवाद पर खुशी जाहिर की। उन्होंने विद्यार्थियों से परेशान नहीं होने की अपील की। उन्होंने कहा कि मंत्रालय विद्यार्थियों की सुरक्षा और शैक्षणिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि परीक्षाओं, शैक्षणिक कैलेंडर आदि से जुड़ी ताजा जानकारियां समय समय पर मंत्रालय और उसके स्वायत्त संस्थानों की वेबसाइट पर उपलब्ध हो जाएंगी।