समाजसेवी पूनम गोला ने सफाई कर्मियों व मालियों के लिए आर डब्ल्यू ए को दिए खुद के बनाये मास्क

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कोरोना बीमारी से बचने के लिए लोगों को करती हैं जागरूक

सेक्टर 3 ,5 & 6 के सफाई कर्मचारियों और मालियों व जरूरतमंद लोगों में बांटे मास्क

गुरुग्राम। कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम कीजिए चल रहे देशव्यापी लॉक डाउन के दौरान सरकार का साथ समाज के विभिन्न प्रोफेशन में काम करने वाले पुरुष व महिलाएं भी कदम से कदम मिलाकर दे रहे हैं। पिछले लगभग 2 माह से गुरुग्राम में भी ऐसे कई व्यक्ति व्यक्तिगत तौर पर समाज सेवा के लिए सामने आए और लोगों को संक्रमण से बचने के उपायों के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं जबकि स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया करा रहे हैं। ऐसी ही एक महिला है पूनम गोला जिनका ध्येय है लॉक डाउन के दौरान लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाना। इसके साथ साथ वे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को स्वयं मास्क भी तैयार कर बांटती है। जनसामान्य तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सुरक्षात्मक उपायों की जानकारी लोगों तक पहुंचाना उनकी दिनचर्या बन गई है।

उन्होंने कोरोना बीमारी से बचने के लिए आज सेक्टर 3 ,5 & 6 के सफाई कर्मचारियों और मालियों और जरूरतमंद लोगो को मास्क बांटे। दिनेश वशिष्ठ, प्रेजिडेंट, आर डब्लूए सेक्टर 3 ,5 & 6 ने बताया कि सेक्टर 5 निवासी पूनम गोला एम एन सी कंपनी में 11 साल पहले काम करती थी। नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने अपने अनुभव और योग्यता का उयोग समाज सेवा करना शुरू कर दिया। आज समाज सेवा करना उनकी प्रकृति बन चुकी है।

देश में जैसे ही कोरोना बीमारी का फैलाव हुआ उन्हें जरूरतमंद लोगो के स्वास्थ्य की चिंता हुई। उन्होंने पहले मुँह पर मास्क लगाने के प्रति लोगों प्रेरित करना शुरू किया। इसी क्रम में केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन से अपने ही घर मैं मास्क बनाने की प्रेरणा मिली। उन्होंने खुद के खर्चे से विभिन्न प्रकार की सेवा दे रहे गरीब व्यक्तियों के लिए मास्क बनाना शुरु कर दिया। प्रतिदिन मास्क बनाना और जरुरत मंद लोगों मैं बांटना अब उनकी दिनचर्या बन गई है। मंगलवार को भी उन्होंने दिनेश वशिष्ठ को खुद से तैयार किए हुए 50 मास्क दिए। यह सभी मास्क सभी सफाई कर्मचारियों और मालियों मैं वितरित किया गया और उन्हें नियमित तौर पर घर से बाहर निकलने के समय और काम करने के दौरान इसका उपयोग करने की आवश्यकता बताई।

पूनम का मानना है कि समाज को सुरक्षित रखना एवं उन्हें दुनिया के प्रति जागरूक बनाने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं बल्कि समाज के प्रबुद्ध लोगों की भी है। अगर समाज में समृद्ध व्यक्ति या शिक्षित व्यक्ति अपने व्यस्ततम समय में से पूरा वक्त समाज में निचले स्तर पर जीवन यापन करने वाले लोगों के उत्थान के लिए निकालें तो इससे देश और प्रदेश का भला होगा। वे कहती हैं कि कई बार आर्थिक मदद ही समाज के लिए पर्याप्त नहीं होता बल्कि जीने की कला सिखाने में अगर अपने अनुभव व योग्यता का सदुपयोग करने से गरीबी में जी रहे लोगों को आगे बढ़ने में मदद मिलती है।

अपनी मेहनत से जनसामान्य को जागरूक करने में उन्हें सबसे अधिक प्रसन्नता होती है । इसलिए कुछ समय वे समाज सेवा को भी समर्पित करती हैं। उनका मानना है कि वर्तमान परिस्थिति में महिलाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इस वैश्विक महामारी से लड़ाई में हम महिलाओं को भी आगे बढ़कर काम करना चाहिए। स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन बताते हुए वे कहती हैं इसके प्रति जागरूक करना हम सब का कर्तव्य है।

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