चंडीगढ़, 12 अप्रैल- वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते प्रकोप के दृष्टिगत हरियाणा सरकार ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पर्याप्त मात्रा में मास्क उपलब्ध करवाने के लिए विशेषज्ञों की तकनीकी कमेटियां गठित करने का निर्णय लिया है जो मास्क बनाने वाले मेन्यूफेक्चर्स के साथ-साथ दिल्ली व अन्य राज्यों के कपड़ा बाजारों का दौरा करेंगी।
यह निर्णय मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में आज यहां हुई एक समीक्षा बैठक में लिया गया ।
बैठक में इस बात की जानकारी भी दी गई कि आमतौर पर तीन तरह के मास्क के उपयोग का प्रचलन है। रोगियों को सीधा चैक करने वाले डॉक्टर एन-95 मास्क का उपयोग करते हैं, दूसरा तीन स्तह वाला मास्क वाला इसमें जिसमें एक फिल्टर भी होता है तथा तीसरे प्रकार का मास्क समान्य तरह का होता है जिसे लोग घरेलू कार्य में भी उपयोग करते है। सभी प्रकार के मास्क सूती या खादी के कपड़े से बनाए जाते है।
मुख्य सचिव ने बैठक में अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग अपने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में छात्रों से मास्क तैयार करवाने, कारागार में बन्दियों से तथा मेन्यूफेक्चर्स से अधिक से अधिक व कम अवधि में मास्क तैयार करवाने की सम्भावनाओं का पता लगाए। उन्होंने कहा कि कम से कम कीमत पर बेहतर गुणवत्ता वाली सूती कपड़े के मास्क उपलब्ध हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए।
बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के निदेशक डॉ. साकेत कुमार ने मुख्य सचिव को इस बात से अवगत करवाया कि भारत सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग के वैज्ञानिकों ने मास्क के मानदण्डों के बारे 30 मार्च, 2020 को दिशानिर्देश जारी किए हैं।
बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव विजयेन्द्र कुमार, महानिदेशक, कारागार हरियाणा के.सल्वराज, खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शेखर विद्यार्थी, ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक हरदीप सिंह, सूचना जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग की अतिरिक्त निदेशक, (प्रशासन) वर्षा खंगवाल के अतिरिक्त अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।