नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के साथ आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यपालों, उपराज्यपालों और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ बात की, जिससे कोविड-19 के प्रकोप से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना करने में भारत सरकार और राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरा करने के उपायों को खोजा जा सकें।
राष्ट्रपति ने इस सम्मेलन की शुरुआत समाज की सामूहिक ताकत का आह्वान करते हुए की और उन्होंने राज्यपालों, उपराज्यपालों और प्रशासकों से आग्रह किया कि वे इस खतरे को नियंत्रित करने के लिए जल्द से जल्द इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी, स्वैच्छिक और धार्मिक संगठनों को लामबंद करें।
राष्ट्रपति कोविंद और उपराष्ट्रपति नायडू ने आशा व्यक्त की कि भारतीय समाज में अंतर्निहित ‘साझेदारी और देखभाल’ की ताकत और सरकार के उपायों के माध्यम से समाज के सबसे कमजोर वर्गों, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्रों के कामगारों और बेसहारा लोंगो की तकलीफों को कम किया जा सकेगा। इस वीडियो-कॉन्फ्रेंस में 14 राज्यपालों और दिल्ली के उपराज्यपाल को अपने प्रदेशों से प्राप्त अनुभवों को साझा करने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया क्योंकि ये क्षेत्र इस महामारी की चपेट में सबसे ज्यादा हैं।
इस वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन उपराष्ट्रपति द्वारा किया गया और इसमें पूरे देश में लॉकडाउन के दौरान लोगों की खराब स्थिति में कमी लाने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा शुरू की गई सर्वोत्तम व्यवहारों के बारे में बताया गया।
राज्यों में कोविड-19 की स्थिति, कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित करते हुए रेडक्रॉस की भूमिका और नोवल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों में तेजी लाने में नागरिक समाज/स्वैच्छिक संगठनों की भूमिका, विशेष रूप से इस लॉकडाउन और उभरती स्थिति से उत्पन्न होने वाली अन्य चुनौतियों से संबंधित बातों पर चर्चा की गई।
इस वीडियो कॉन्फ्रेंस की शुरुआत महाराष्ट्र के राज्यपाल, भगत सिंह कोश्यारी द्वारा इस महामारी से निपटने के लिए राज्य प्रशासन द्वारा शुरू किए गए उपायों की रूपरेखा के साथ की गई। केरल के राज्यपाल, आरिफ मोहम्मद खान ने लोगों को केरल में सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए तैयार करने में समन्वित रूप से काम करने के लिए सरकार, स्वैच्छिक संगठनों, चिकित्सा पेशेवरों, सहयोगी कर्मचारियों और पुलिस के भूमिका की सराहना की। सामाजिक दूरी के महत्व पर जोर देने के लिए उन्होंने एक दोहा सुनाया और कहा, यूंही बे-सबब न फिरा करो, कोई शाम घर में रहा करो”। इसके अलावा, राज्य में 1,800 सेवानिवृत्त डॉक्टरों और एमबीबीएस छात्रों को राज्य सरकार की सूची में स्वैच्छिक सेवा देने के लिए नामित किया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर वे अपनी सेवाएं दे सकें। 375 मनोवैज्ञानिकों को भी उन लोगों को सलाह देने के लिए उतारा गया है, जो लोग क्वॉरंटाइन को अपने जीवन में सबसे कठिन दौर के रूप में देखते हैं। अन्य राज्यों के लिए केरल का यह प्रयास एक अभिनव कदम माना जाता है।
कर्नाटक के राज्यपाल, वजुभाई वाला ने इस खतरे से लड़ने के लिए समाज की सामूहिक शक्ति की सराहना की। राज्य में लगभग 8,000 रेड क्रॉस सोसाइटी स्वयंसेवक इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। अक्षय पात्र नामक सामाजिक संगठन पूरे राज्य में खाद्य-सामग्री पैकेटों का वितरण करने में सक्रिय रूप से योगदान कर रहा है।
हरियाणा के राज्यपाल, सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। दिल्ली के उपराज्यपाल, अनिल बैजल ने कहा कि राज्य सरकार और अन्य सभी एजेंसियां, लॉकडाउन को लागू करने और लोगों की समस्याओं में कमी लाने की दिशा में उचित समन्वय के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उच्च स्तर पर, उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रत्येक दिन बैठक करके स्थिति का जायजा ले रहे हैं। जिला स्तर पर, डीसी और डीसीपी राहत कार्यों को सुविधाजनक बनाने और सामाजिक दूरी के बारे में लोगों को जागरूक करने के प्रयासों में समन्वय कर रहे हैं।
गुजरात के राज्यपाल, आचार्य देव व्रत ने कहा कि राज्य में क्वॉरंटाइन की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। मीडिया के माध्यम से सामाजिक जागरूकता वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिससे लोगों को दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार, सामाजिक और धार्मिक संगठनों, निजी क्षेत्रों, स्वैच्छिक और सांस्कृतिक संगठनों द्वारा अपने संसाधनों को साझा करने और ठोस उपाय अपनाने के लिए गुजरात की सहकारी भावना का आह्वान किया जा रहा है।
तेलंगाना की राज्यपाल, डॉ. तमिलसाई सुंदरराजन ने बताया कि राज्य द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक रूप से सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राजभवन के पास रहने वाले लगभग 800 जरूरतमंद परिवारों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए भी राजभवन द्वारा आवश्यक कदम उठाया गया है। एम वेंकैया नायडू ने तेलंगाना की राज्यपाल को सुझाव दिया कि वे कलाकारों, फिल्मी सितारों, लेखकों और बुद्धिजीवियों की मदद लें जिससे कि महामारी की गंभीरता के बारे में लोगों में जागरूकता के स्तर को बढ़ाया जा सके।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, जगदीप धनखड़ ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर राज्य के विश्वविद्यालय उपयोग में आने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, रेड क्रॉस अपने संसाधनों की सीमाओं में रहकर, लोगों को बीमारी के घातक प्रभाव के बारे में शिक्षित करने की दिशा में एक उत्कृष्ट काम कर रहा है।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल, बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रदेश में लोगों की मदद के लिए रेडक्रॉस सोसायटी 24 घंटे काम कर रही है। जनजातीय आबादी वाले जिलों में जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
बिहार के राज्यपाल, फागू चौहान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से बिहार की निकटता के संदर्भ में बताया जो कि राज्य को इस बीमारी के फैलने के लिए असुरक्षित बनाता है। हालांकि, कोरोनावायरस को रोकने के लिए बिहार सरकार जिस प्रकार से काम कर रही है, उन्होंने उसकी तारीफ की। राज्य में रेडक्रॉस भी अपने स्वयंसेवकों द्वरा जागरूकता फैलाने के लिए काम कर रहा है और इसके एंबुलेंस जिला प्राधिकारियों द्वारा उपयोग में लाने के लिए उपलब्ध हैं।
तमिलनाडु के राज्यपाल, बनवारीलाल पुरोहित ने बताया कि निर्माण-कार्य करने वाले श्रमिकों को चावल, दाल इत्यादि उपलब्ध कराकर उनकी देखभाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा पीडीएस के अंतर्गत सभी राशन कार्ड धारकों को 1,000 रुपये नकद दिए जाएंगे। अम्मा कैंटीन का इस्तेमाल सब्सिडी वाला खाना प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। उपराष्ट्रपति ने राज्यपाल को फिल्म कलाकारों, निजी क्षेत्रों और धार्मिक नेताओं से मदद लेने की सलाह दी।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल, लालजी टंडन ने मध्य प्रदेश राज्य प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया की प्रशंसा की। राज्य द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किया गया है कि दैनिक रूप से कमाई करने वालों को भोजन उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि रेडक्रॉस द्वरा राज्य में सराहनीय काम किया जा रहा है।
पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक, वी. पी. सिंह बदनौर ने बताया कि रेडक्रॉस चंडीगढ़ में खाने के पैकेट के वितरण में मदद कर रहा है। कोविड-19 से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए पंजाब और चंडीगढ़ द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
राजस्थान के राज्यपाल, कलराज मिश्र ने बताया कि लोगों से चंदा एकत्रित करने के लिए एक फंड बनाया गया है। सभी संस्थाएं चुनौती से निपटने और लोगों के बीच सामाजिक दूरी स्थापित करने पर विधिवत रूप से जोर देने के लिए योगदान कर रही हैं।
सम्मेलन की समाप्ति करते हुए, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक सहित 15 राज्यपालों ने अपने विचारों को साझा किया, राष्ट्रपति कोविंद ने सभी लोगों से राज्य सरकार के साथ नियमित रूप से जानकारी लेने और इस प्रकार से योगदान देने का आग्रह किया कि कोरोनावायरस महामारी को एक तार्किक अंत तक ले जाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इन अनुभवों के आधार पर, देश के अन्य हिस्सों से सर्वोत्तम व्यवहारों का अनुसरण किया जा सकता है।