नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने की दृष्टि से अगले 21 दिनों तक जारी लॉक डाउन की दृष्टि से 1लाख 70000 करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि लॉक डाउनलोड हुए 48 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं इसलिए अब गरीबों को सहायता पहुंचाना बेहद जरूरी है। कोई भूखा ना रहे सरकार यह कोशिश करेगी। कोरोना से लड़ रहे कर्मियों के लिए मेडिकल बीमा का भी ऐलान किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक की रूपरेखा पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा गठित आर्थिक टास्क फोर्स द्वारा तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के लिए ₹50 लाख का बीमा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को सरकार और धन दोनों देगी उन्होंने कहा कि अगले 3 माह तक 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दिया जाएगा 80 करोड़ गरीब लोगों को 5 किलो ज्यादा अनाज दिया जाएगा।
वित्त मंत्री के आर्थिक पैकेज के मुख्य बिंदु :
प्रत्येक व्यक्ति को 5 किलो खाद्यान्न अलग से दिया जाएगा और 1 किलो दाल भी सरकार मुहैया कराएगी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज 1लाख 70000 करोड़ का होगा। दिहाड़ी मजदूरों, गरीबों के लिए यह पैकेज का ऐलान किया गया है। 5 किलो अनाज देने की योजना अगले 3 महीने तक चलेगी। चावल गेंहूँ के अलावा फ्री में डाल भी दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कैश ट्रांसफर योजना की चर्चा करते हुए कहा कि देश के आठ करोड़ 70 लाख किसानों के खाते में अगले 1 सप्ताह के अंदर ₹2000 की मदद जारी की जाएगी। मनरेगा के माध्यम से काम करने वाले मजदूरों को लाभ देने के लिए उनकी दैनिक मजदूरी ₹183 से बढ़ाकर ₹202 कर दी गई । वित्त मंत्री ने कहा कि इसका अधिकार जिले के कलेक्टर को दिया गया है और वह 21 दिनों के लॉक डाउन के नियमों का पालन कराते हुए मजदूरों से काम कराएंगे और उन्हें बढ़ी हुई मजदूरी मुहैया कराएंगे।
गरीब दिव्यांग लोगों को ₹1000 दिए जाएंगे जबकि 3करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिक एवं विधवाओं को भी यह राशि दी जाएगी। ऊक्त राशि उनके खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी।
वित्त मंत्री ने देश में साढ़े 20 करोड़ महिला जनधन धन अकाउंट की चर्चा की। उन्होंने कहा की ऐसी महिलाओं को ₹500 प्रति माह अगले 3 माह तक उनके अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा।
उज्जवला स्कीम के तहत लाभ प्राप्त करने वाले लोगों की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 8.3 करोड़ बीपीएल फैमिली को अगले 3 माह तक गैस सिलेंडर निशुल्क दिए जाएंगे।
63 लाख स्वयं सहायता समूह के लिए वित्त मंत्री ने 20 लाख तक बिना किसी कॉलेटरल के ऋण मुहैया कराने की घोषणा की। इससे 7 लाख परिवारों को फायदा होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने ऑर्गेनाइज सेक्टर के मजदूरों के लिए ईपीएफ संबंधी राहत देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ईपीएफ के खाते में 12% मजदूरों के वेतन से जबकि 12% नियोक्ता के खाते से जमा कराया जाता है लेकिन अगले 3 माह तक का कुल 24% की राशि केंद्र सरकार अपने खाते से जमा कराएगी। यह योजना सभी प्रतिष्ठानों के लिए 100 एम्पलाई तक लागू होगी। यह संगठित क्षेत्र को नौकरी देने वाले और नौकरी करने वाले दोनों के लिए है जहां 90% से कम एम्पलाई 15000 से कम वेतन पाते हैं और 100 से कम एम्पलाई हैं वहां यह लागू होगा। इसमें संगठित क्षेत्र के 80 लाख से ज्यादा मजदूरों को और 400000 से अधिक ऐसे संस्थानों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा पीएम की स्कीम की जो रेगुलेशन है उसमें सरकार बदलाव करेगी ताकि जो नॉन रिफंडेबल अमाउंट 75% होता था या 3 महीने तक का जो वेतन होगा जो भी कम होगा इसे चार करोड़ 80 लाख मजदूरों को फायदा होगा। वह अपना पैसा निकाल सकते हैं।
बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों के लिए साढे 300000 मजदूरों के लिए 31 हजार करोड़ का फंड उपलब्ध है। राज्य सरकार उनके हित में इस फंड का उपयोग करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि वे सभी राज्य सरकारों से आग्रह करेंगे कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फंड का उपयोग मेडिकल क्लीनिंग, मेडिकल टेस्टिंग, उपचार और दवाइयों के लिए कोरोना संक्रमण के खिलाफ स्वास्थ्य की दृष्टि से करें।
‘कोविड-19’ से लड़ने वाले प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मी को बीमा योजना के तहत 50 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा
80 करोड़ गरीबों को अगले तीन महीने तक हर माह 5 किलो गेहूं या चावल और पसंद की 1 किलो दालें मुफ्त में मिलेंगी
20 करोड़ महिला जन धन खाता धारकों को अगले तीन महीने तक हर माह 500 रुपये मिलेंगे
मनरेगा के तहत मजदूरी को 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये प्रति दिन कर दिया गया है, 13.62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे
3 करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकों, गरीब विधवाओं और गरीब दिव्यांगजनों को 1,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी
सरकार वर्तमान ‘पीएम किसान योजना’ के तहत अप्रैल के पहले सप्ताह में किसानों के खाते में 2,000 रुपये डालेगी, 8.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे
केंद्र सरकार ने निर्माण श्रमिकों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों को ‘भवन और निर्माण श्रमिक कल्याण कोष’ का उपयोग करने के आदेश दिए हैं
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने ‘कोरोना वायरस’ के खिलाफ लड़ाई लड़ने में मदद करने के उद्देश्य से आज गरीबों के लिए ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा, ‘आज किए गए विभिन्न उपायों का उद्देश्य निर्धनतम लोगों के हाथों में भोजन एवं पैसा देकर उनकी भरसक मदद करना है, ताकि उन्हें आवश्यक आपूर्ति या वस्तुओं को खरीदने और अपनी अनिवार्य जरूरतों को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।’
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर के अलावा आर्थिक कार्य विभाग में सचिव श्री अतानु चक्रबर्ती और वित्तीय सेवा विभाग में सचिव श्री देबाशीष पांडा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में निम्नलिखित उपाय शामिल हैं: —
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज
सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड-19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना
सफाई कर्मचारी, वार्ड-ब्वॉय, नर्स, आशा कार्यकर्ता, सहायक स्वास्थ्य कर्मी (पैरामेडिक्स), टेक्निशियन, डॉक्टर और विशेषज्ञ एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक विशेष बीमा योजना के तहत बीमा कवर पाएंगे। .
कोविड-19 मरीजों का इलाज करते समय किसी भी स्वास्थ्य प्रोफेशनल के साथ दुर्घटना होने पर उन्हें योजना के तहत 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, वेलनेस सेंटरों और केंद्र के साथ-साथ राज्यों के अस्पतालों को भी इस योजना के तहत कवर किया जाएगा, इस महामारी से लड़ने के लिए लगभग 22 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना
भारत सरकार अगले तीन महीनों के दौरान इस विपत्ति की वजह से खाद्यान्नों की अनुपलब्धता के कारण किसी को भी, विशेषकर किसी भी गरीब परिवार को कष्ट नहीं होने देगी।
80 करोड़ व्यक्तियों, अर्थात, भारत की लगभग दो-तिहाई आबादी को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा।
इनमें से प्रत्येक व्यक्ति को अगले तीन महीनों के दौरान मौजूदा निर्धारित अनाज के मुकाबले दोगुना अन्न दिया जाएगा।
यह अतिरिक्त अनाज मुफ्त में मिलेगा।
दालें:
उपर्युक्त सभी व्यक्तियों को प्रोटीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, अगले तीन महीनों के दौरान क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार प्रत्येक परिवार को 1 किलो दालें दी जाएंगी।
ये दालें भारत सरकार द्वारा मुफ्त में दी जाएंगी।
III. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत
किसानों को लाभ:
2020-21 में देय 2,000 रुपये की पहली किस्त अप्रैल 2020 में ही ‘पीएम किसान योजना’ के तहत खाते में डाल दी जाएंगी।
इसमें 7 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत नकद राशि का हस्तांतरण:
गरीबों की मदद:
कुल 40 करोड़ पीएमजेडीवाई महिला खाताधारकों को अगले तीन महीनों के दौरान प्रति माह 500 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
गैस सिलेंडर:
पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अगले तीन महीनों में 8 करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मुफ्त में दिए जाएंगे।
संगठित क्षेत्रों में कम पारिश्रमिक पाने वालों की मदद:
100 से कम कामगारों वाले प्रतिष्ठानों में प्रति माह 15,000 रुपये से कम पारिश्रमिक पाने वालों को अपना रोजगार खोने का खतरा है।
इस पैकेज के तहत सरकार ने अगले तीन महीनों के दौरान उनके पीएफ खातों में उनके मासिक पारिश्रमिक का 24 प्रतिशत भुगतान करने का प्रस्ताव किया है।
इससे उनके रोजगार में व्यवधान या खतरे को रोका जा सकेगा।
वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक), विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए सहायता :
ऐसी लगभग 3 करोड़ वृद्ध विधवाएं और दिव्यांग श्रेणी के लोग हैं, जो कोविड-19 की वजह से उत्पन्न हुए आर्थिक व्यवधान के कारण असुरक्षित हैं।
सरकार अगले तीन महीनों के दौरान कठिनाइयों से निपटने के लिए उन्हें 1,000 रुपये देगी।
मनरेगा
‘पीएम गरीब कल्याण योजना’ के तहत 1 अप्रैल, 2020 से मनरेगा मजदूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ने से प्रत्येक श्रमिक को सालाना 2,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा।
इससे लगभग 62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे।
स्वयं सहायता समूह:
63 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से संगठित महिलाएं 85 करोड़ परिवारों को आवश्यक सहयोग देती हैं।
ए. जमानत (कोलैटरल) मुक्त ऋण देने की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जाएगी।
पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत अन्य उपाय
संगठित क्षेत्र:
कर्मचारी भविष्य निधि नियमनों में संशोधन कर ‘महामारी’ को भी उन कारणों में शामिल किया जाएगा जिसे ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों को अपने खातों से कुल राशि के 75 प्रतिशत का गैर-वापसी योग्य अग्रिम या तीन माह का पारिश्रमिक, इनमें से जो भी कम हो, प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी।
ईपीएफ के तहत पंजीकृत चार करोड़ कामगारों के परिवार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण कोष:
‘भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याण कोष’ केंद्र सरकार के एक अधिनियम के तहत बनाया गया है।
कोष में लगभग 3.5 करोड़ पंजीकृत श्रमिक हैं।
राज्य सरकारों को इस कोष का उपयोग करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे, ताकि वे इन श्रमिकों को आर्थिक मुश्किलों से बचाने के लिए आवश्यक सहायता और सहयोग प्रदान कर सकें।
जिला खनिज कोष
राज्य सरकार से जिला खनिज कोष (डीएमएफ) के तहत उपलब्ध धनराशि का उपयोग करने को कहा जाएगा, ताकि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए चिकित्सा परीक्षण (टेस्टिंग), स्क्रीनिंग और अन्य आवश्यकताओं की पूरक एवं संवर्धित या बढ़ी हुई सुविधाओं का इंतजाम किया जा सके और इसके साथ ही इस महामारी की चपेट में आए मरीजों का इलाज भी हो सके।