गुरुग्राम के कई इलाके लिंगानुपात मामले में अब भी पीछे, डीसी ने अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर कड़ी नजर रखने को कहा

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गुरूग्राम, 12 फरवरी। गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री ने आज बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं अभियान की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को उन क्षेत्रों में अधिक फोकस करने के निर्देश दिए जहां पर लिंगानुपात गड़बड़ाया हुआ है। उन्होंने ऐसे क्षेत्रों में लिंगानुपात को सुधारने के लिए अधिकारियों को एक्शन प्लान बनाने के आदेश दिए।  यह समीक्षा बैठक उपायुक्त कार्यालय में आयेाजित की गई थी।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त श्री खत्री ने सिविल सर्जन डा. जे एस पूनिया से कहा कि वे लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए अपने नेटवर्क सिस्टम को और अधिक मजबूत करें और यदि उन्हें कन्या भ्रूण हत्या संबंधी कोई भी ऐसी सूचना मिलती है तो संबंधित व्यक्ति पर अवश्य कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए हमारे सूचना तंत्र का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है और यह तभी संभव है जब हमारी कार्ययोजना प्रभावी होगी। इस कार्य में आंगनवाड़ी वर्करों, एएनएम तथा पंचायत विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इनका लोगों से सीधा जुड़ाव होता है।

उन्होंने इस संदर्भ में अल्ट्रासांउड केन्द्रो पर भरे जाने वाले फार्म नंबर-7 की भी स्क्रूटनी करने के निर्देश दिए। इस फार्म में अभिभावकों द्वारा अपने परिवार संबंधी आवश्यक जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या संबंधी जानकारी देने वाले लोगों को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा।

सिविल सर्जन ने उपायुक्त को बताया कि जिला में कुछ क्षेत्र जैसे-भौंडसी, हैलीमंडी, फरूखनगर, बादशाहपुर तथा मारूति कुंज आदि में लिंगानुपात 800 से 850 के बीच रहता है। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में सरपंचों सहित अन्य जन प्रतिनिधियों से संपर्क करते हुए योजनाबद्ध तरीकें से काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पीसी पीएनडीटी की टीम द्वारा पिछले एक सप्ताह में दो स्थानों पर छापेमारी कर भ्रूण की लिंग जांच करने वाले गिरोह को पकड़ा गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष-2018 में जिला का लिंगानुपात 901, वर्ष-2019 में 910 रहा है। उपायुक्त ने कहा कि बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान केन्द्र सरकार का एक फलैगशिप कार्यक्रम है जिसकी मुख्यमंत्री कार्यालय से समय समय पर समीक्षा की जाती है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए संबंधित विभाग एक टीम के रूप में काम करते हुए आगे बढ़े और यदि उन्हें इस दौरान कोई समस्या आए तो समय रहते उनके संज्ञान में लाएं ताकि संबंधित समस्या का तत्परता से समाधान किया जा सके। 

वन स्टाॅप सैंटर के कार्य की भी उपायुक्त ने की समीक्षा, कहा महिलाओं में बढ़ी है जागरूकता, मुख्यमंत्री कार्यालय से भी गुरूग्राम को मिली शाबाशी।बैठक में उपायुक्त ने महिला एवं बाल विकास द्वारा शुरू किए गए वन स्टाॅप सैंटर के कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि महिलाओं में वन स्टाॅप सैंटर के प्रति जागरूकता पहले की अपेक्षा बढ़ी है। उन्होंने इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी सुनैना तथा वन स्टाॅप सैंटर की एडमिनिस्ट्रैटर को बधाई दी। बैठक में वन स्टाॅप सैंटर की एडमिनिस्ट्रैटर पिंकी ने उपायुक्त को बताया कि दिसंबर-2019 में सैंटर के पास घरेलू हिंसा तथा अन्य मामलों संबंधी 7 मामले आए थे जबकि जनवरी-2020 में यह आंकड़ा 35 तक पहंुच गया। फरवरी माह में अब तक सैंटर में 21 मामले आ चुके है। इस सैंटर के माध्यम से महिलाओं को निःशुल्क स्वास्थ्य, वैधानिक, पुनर्वास , कामकाज के साथ ही मानसिक सपोर्ट किया जाता है। वन स्टाप सेंटर में कानूनी सहायता, चिकित्सा सुविधा, रहने के लिए अल्प आवास की सुविधा दी जाती है। इसके अलावा, केन्द्र के माध्यम से पांच दिन रूकने वाली महिला को सभी मूलभूत सुविधा दी जाती है।

इसके अलावा, आज आयोजित बैठक में पोक्सो एक्ट तथा जेजे एक्ट को लेकर भी समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि लोगों में पोक्सो एक्ट तथा जेजे एक्ट को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि लोग इन एक्ट में दिए प्रावधानों को समझ सकें और जरूरतमंद व्यक्ति को इसके बारे में बता सकें। आज आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री की सुशासन सहयोगी स्वाति, एसीपी हैडक्वार्टर उषा, सिविल सर्जन डा. जे एस पूनिया, उप सिविल सर्जन डा. सुनीता राठी, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी सुनैना, जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलता यादव, सीडीपीओ नेहा, वन स्टाॅप सैंटर की एडमिनिस्ट्रैटर पिंकी सहित कई अधिकारीगण उपस्थित थे। 

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