प्रति दिन एक घंटा कम वाटर सप्लाई से फरवरी 2020 तक करेंगे 4 करोड़ लीटर पानी बचाने का लक्ष्य पूरा : दिनेश वशिष्ठ
एक घंटा वाटर सप्लाई नहीं करने से एक दिन में बचा रहे हैं 5.3 लाख लीटर पानी
किसानों को नहर के माध्यम से पहुँचाया जाएगा पानी
गुरुग्राम : आर डब्लूए सेक्टर 3 ,5 और 6 के प्रेसिडेंट दिनेश वशिष्ठ ने बताया कि उन्होंने अपने सेक्टरों से सर्दियों के मौसम में 4 करोड़ लीटर पानी बचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह पानी किसानों को नहरों के माध्यम से पहुँचाया जाएगा जिससे उनकी फसल की लागत भी कम होगी और नुक्सान भी नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में पानी की खपत कम होती है। इस प्रकार शिकायतें भी आ रहीं थीं कि कई कारणों से पानी बर्बाद भी हो रहे हैं. दूसरी तरफ वर्षा कम होने से किसानों की फसलें नुकसान होने की आशंका है. उन्हें अभी अपने खेत में पानी की ज़रूरत है। अगर ये पानी नहरों के माध्यम से किसानों को मिले तो पैदावार भी अच्छी होगी और उनकी फसल की लागत भी कम हो जाएगी ।
इसलिए सेक्टरों के निवासियों ने इस दृष्टिकोण पर काम करने का निर्णय लिया है. उनका मानना है कि नहरी पानी से धरती उपजाऊ होती है और फसल भी
ज़्यादा होती है। नहरी पानी से उत्पन हुआ अनाज हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। नहरी पानी वाली फसल में ज़्यादा कीट नासक दवाई भी नही छिड़कनी पड़ती।
दिनेश वशिष्ठ के अनुसार उनके सेक्टर के वाटर वर्क्स पर पानी के टैंक की क्षमता 1025000 लीटर है। अगर पीछे से वाल्व नही खोलते हैं तो 1:30 घण्टे में टैंक ख़ाली हो जाता है। इससे 2 लाख लीटर के आस पास पानी टैंक मैं ही रह जाता है क्योंकि मोटर पानी छोड़ जाती हैं। टैंक वाल्व खोलने के बाद 1.30 घण्टे में भर जाता है। यानी 8 लाख लीटर पानी वाल्व खोलने के बाद टैंक में आता है।
उन्होंने बताया कि उनके सेक्टर में वाटर सप्लाई सर्दी के समय 3.30 घण्टे चलती है। दोनों समय सुबह और शाम मिलाकर 7 घण्टे वाटर सप्लाई की जाती है। आकलन बताता है कि दोनों समय मिलाकर 56 लाख लीटर पानी का उपयोग किया जा रहा है।
दिनेश वशिष्ठ ने दावा किया कि गत 20 दिसंबर से सुबह और शाम मिलाकर 30+30 एक घण्टा पानी कम चलाया जा रहा है. जाहिर है वाटर सप्लाई सुबह 3 घण्टे और शाम 3 घण्टे की जा रही है. इसके बावजूद सेक्टर 3,5 और 6 से कोई भी पानी की कमी की शिकायत नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था सभी रेसिडेंट्स की सहमति ली गयी है. इस व्यवस्था से एक घंटा वाटर सप्लाई नहीं करने से एक दिन में 5.3 लाख लीटर पानी बचाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है की यह व्यवस्था आगामी फरवरी 2020 तक जारी रहेगी जिससे कुल 4 करोड़ लीटर पानी बचाने का लक्ष्य प्राप्त करना संभव हो सकेगा. उनके अनुसार अगर उन्हें इसमें सफलता मिली तो पूरे गुरुग्राम में इस व्यवस्था को लागू करवाने की मुहीम चलायी जायेगी. इससे प्रदेश के किसानों को अपनी फसल के लिए नहरों से भरपूर पानी मिल सकेगा।