नई दिल्ली। रेल मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान ने रेल भवन, नई दिल्ली में बर्मिंघम विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य अगली पीढ़ी की परिवहन प्रणाली के लिए पहला उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित करना है। समझौता ज्ञापन पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन तथा एनटीआरआई के चांसलर विनोद कुमार यादव और बर्मिंघम विश्वविद्यालय के बर्मिंघम सेन्टर फॉर रेलवे रिसर्च एंड एजुकेशन (बीसीआरआरई) के प्रमुख प्रोफेसर कलाइव रोबर्ट्स ने हस्ताक्षर किए।
भारतीय रेल इस केन्द्र का संस्थापक सहयोगी है। भारतीय रेल इस उत्कृष्टता केन्द्र को उद्यमिता, उपकरण, डाटा और अन्य संसाधन प्रदान करेगा। केन्द्र अन्य उद्योग व शैक्षणिक संगठनों से साझेदारी आमंत्रित करेगा।
केन्द्र भारत में रेल व परिवहन क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए कार्य करेगा। केन्द्र पोस्ट ग्रेजुएट, डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरल पाठ्य संचालित करेगा। केन्द्र सिग्नलिंग, संचार, परिसंपत्ति रख-रखाव, सुरक्षा, मानकों का निर्धारण, विशिष्ट दक्षता के लिए प्रमाणन आदि क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को संचालित करेगा। केन्द्र कार्यक्रम सम्मेलन कार्यशालाएं आयोजित करेगा जिनमें आधुनिक तकनीक, विश्वस्तरीय सर्वोत्तम अभ्यासों तथा परिवहन क्षेत्र के नवीनतम तथ्यों पर चर्चा की जाएगी।
इस केन्द्र की स्थापना से हमारी क्षमता बढ़ेगी और हमारे युवा हाई-स्पीड रेल, भारतीय रेल की संकेत प्रणाली को आधुनिक बनाना आदि राष्ट्रीय परियोजनाओं के निर्माण और संचालन में योगदान देंगे।
राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान के बारे में
राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान की स्थापना 2018 में हुई है। संस्थान में कई स्कूल और विभाग है। एनआरटीआई का लक्ष्य अंतर-विषय उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित करना है, जो परिवहन क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देगा। एनआरटीआई अग्रणी वैश्विक संस्थाओं से साझेदारी कर पूरी दुनिया के विशेषज्ञों को जोड़ना चाहता है। संपूर्ण ब्यौरा संस्थान की वेबसाइट www.nrti.edu.in पर उपलब्ध है।
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के बारे में
बर्मिंघम विश्वविद्यालय में बर्मिंघम सेन्टर फॉर रेलवे रिसर्च एंड एजुकेशन (बीसीआरआरई) स्थित है। यहां 150 से अधिक शिक्षाविद्, शोधकर्ता तथा पेशेवर कार्यरत हैं। यह केन्द्र रेल उद्योग के क्षेत्र में पूरी दुनिया का अग्रणी संस्थान है, जो विश्वस्तरीय नई प्रौद्योगिकी विकसित करता है। इसके अलावा यह केन्द्र जलवायु परिवर्तन, एयरोडायनमिक्स, विद्युत प्रणाली, ऊर्जा उपयोग, रेलवे नियंत्रण एवं संचालन समन्वय, अंतर्राष्ट्रीय मानदंड निर्माण आदि क्षेत्रों में कार्य करता है।