नोटबंदी से एनसीआर की अर्थव्यवस्था ठप: एच पी यादव 

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इनकम डेक्लरेशन स्कीम दोबारा लाने की मांग 

गुरुग्राम : केंद्र सरकार द्वारा 500 एवं 1000 रूपए के नोटो का चलन गैरकानूनी करने के बाद बैंकों में पर्याप्त मात्रा मे नए नोट उपलब्ध न हो पाने के कारण एनसीआर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था लगभग ठप पड़ गई है। उद्योग व व्यापार मंदी के कगार पर पहुँच गए है। सरकार को इनकम डेक्लरेशन स्कीम दोबारा लानी चाहिए तथा नोटों को बदलने का काम सुचारू रूप से करने की व्यवस्था करनी चाहिए अन्यथा अर्थ व्यवस्था को भारी नुकसान होगा। यह विचार एनसीआर चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री गुडग़ांव के अध्यक्ष श्री एच पी यादव ने व्यक्त किया.

कैश फ्लो नहीं

श्री यादव ने यहाँ जारी एक विज्ञप्ती के माध्यम से कहा है कि मार्किट में कैश फ्लो नहीं होने के कारण एनसीआर क्षेत्र के लघु व मध्यम उद्योग जल्द ही बन्द होने के कगार पर आ जायेंगे। नगद भुगतान की व्यवस्था न हो पाने के कारण ज्यादातर दैनिक मजदूरी तथा अनुबन्ध के अंतर्गत कार्य करने वाले मजदूरो को नगद भुगतान नही हो पा रहा है क्योकि इस प्रकार के ज्यादातर मजदूरो के बैंक खाते नही होते है। भुगतान न होने के कारण मजदूर अपने काम पर नही आ पा रहे है।

गाँव की ओर पलायन

उद्योगों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोग पैसे के अभाव में अपने गाँव की ओर पलायन कर रहे है। इससे औद्योगिक ईकाइयों मैं श्रमिको की संख्या कम होने के कारण उत्पादन मे कमी आ रही है यदि हालात मे बदलाव नही आया तो उत्पादन पूरी तरह ठप हो जायेंगे। पहले ही एनसीआर क्षेत्र मे सैकड़ो करोड़ का नुकसान हो चुका है। श्री यादव ने आशंका जताई है कि अगर यही हालत रही तो अगले दो महीनो मे हजारों करोड़ का नुकसान हो सकता है जिसकी वजह से भविष्य मे बेरोजगारी की विकट समस्या खड़ी हो जायेगी।

माल ढुलाई का कार्य लगभग रूका 

उन्होंने बताया कि माल ढुलाई का कार्य लगभग रूक गया है जिससे उद्योगो तथा व्यापारिक संस्थानो को न तो कच्चा माल उपलब्ध हो पा रहा है और न ही बना हुआ माल सही समय पर अपने गन्तव्य स्थान पर पहुँच पा रहा है। आपूर्ति व मांग के बढ़ते अंतर से उद्यमी व व्यापारी परेशान हैं क्योंकि निकट भविष्य मे उनके वर्तमान आर्डर रद्द हो सकते है।

नकली नए नोट बजार में नही की गारंटी नहीं 

इस दौरान बैंक भी अपने अन्य आवश्यक कार्य नहीं कर पा रहे है क्योकि ज्यादातर बैंक कर्मचारी नगद एकत्र करने व बाँटने मे व्यस्त है। इसकी कोई गारंटी नहीं है कि नकली नए नोट बजार में नही आयेंगे लेकिन इस कार्रवाई से हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव अवश्य पड़ेगा जिसकी भरपाई वर्षों तक नहीं हो पाएगी।

बदलाव के कार्य को योजनाबद्ध

हम सरकार से अपील करते है कि आय घोषणा योजना (इनकम डेक्लरेशन स्कीम ) दोबारा लाई जाए जिससे कि प्रचलन में चल रहे बाकी के काले धन को वापस लाया जा सके और नोटो के बदलाव के कार्य को योजनाबद्ध तरीके से अगले 6 माह में पूर्ण करने की अवधि निर्धारित की जाए। इससे सरकार तथा उद्योग जगत दोनो का लाभ होगा, सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी और काले धन को कम करके हमारी अर्थव्यवस्था में वाइट मनी का प्रचलन बढाया जा सकेगा।

व्यापार जगत की स्थिति बदतर 

यदि सरकार द्वारा शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाया गया तो उद्योग तथा व्यापार जगत की स्थिति बदतर  हो जायेगी तथा काला धन समाप्ति से होने वाले फायदे की जगह रोजगार की संभावनाएं समाप्त हो जाएगी। यह देश के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस कार्य में लघु एवं मध्यम उद्योगो का विशेष ध्यान रखा जायेगा जिससे कि अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

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