आइकेट में आयोजित तीन दिवसीय न्यू जेन सम्मिट-2019 का आरम्भ
केन्द्रीय मंत्री ने कृषि एवं ट्राइबल क्षेत्र की आर्थिक विपन्नता को देश के लिए बड़ी चुनौती बताया
ऑटो उद्योग के बड़े प्रतिनिधियों को वाहनों के पुराने मॉडल से तौबा करने की सलाह दी
आइकेट में वृहत आधारभूत संरचना विकसित करने के लिए निदेशक, दिनेश त्यागी की सराहना की
वाटर वे का अधिकतम उपयोग जबकि बायो डीजल, मिथेनोल और इथेनोल के उत्पादन की वकालत की
सुभाष चन्द्र चौधरी/https://thepublicworld.com
गुरुग्राम। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं एम् एस एम् ई मंत्री, नितिन जयराम गडकरी ने कहा कि ऑटो मोबाईल क्षेत्र में बड़े तकनीकि बदलाव की जरूरत है. देश के समक्ष आज सामजिक, आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े एवं ट्राइबल क्षेत्र को आर्थिक परेशानी से बाहर निकालने की बड़ी चुनौती है. इसलिए ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री को भी देश की इन चुनौतियों व आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर ही अपनी तकनीकि रिसर्च को आगे बढ़ाना चाहिए. उन्होंने आश्वस्त किया केंद्र सरकार उद्योग विरोधी नहीं है बल्कि उनके विकास में सहायक है. उन्होंने मजाकिया लहजे में ऑटो उद्योग के बड़े प्रतिनिधियों से वाहनों के पुराने मॉडल जिनमें क्रूड आयल का अधिकतम खपत है से तौबा करने की सलाह दी. उनका इशारा था कि इस क्षेत्र में समयानुकूल बदलाव के लिए रिसर्च नहीं हो रहे हैं . उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि अब भविष्य की जरूरत के अनुरूप जिनमें पिछड़े क्षेत्र की आर्थिक उन्नति सन्निहित हो के लिए निरंतर नई तकनीक के आविष्कार और विकास पर काम करना होगा। उन्होंने पर्यावरण और जल प्रदूषण जैसी स्थिति से बचने के लिए भी नए विकल्प की खोज पर बल दिया.
वर्ष 2030 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महा शक्ति
श्री गडकरी बुधवार को इंटरनेशनल सैंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आइकेट) में आयोजित तीन दिवसीय न्यू जेन सम्मिट-2019 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने आइकेट में वृहत आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए निदेशक, दिनेश त्यागी की जमकर प्रशंसा की और कहा कि ऑटो मोबाईल सैक्टर में सुधार की दिशा में आईकैट सैंटर, गुरुग्राम की टीम बड़ा योगदान दे रही है. उन्होंने हाल के दिनों में देश की आर्थिक स्थिति को लेकर कुछ भ्रांतियों को निर्मूल बताते हुए आश्वस्त किया देश आर्थिक रूप से मजबूती की ओर बढ़ रहा है। वर्ष 2030 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महा शक्ति होगा। इस आर्थिक उत्थान में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की अहम भूमिका होगी। देश के सामने कई चुनौतियां भी है, जिन पर सफलता पाने के बड़े स्तर पर प्रयास जारी है।
कृषि और ट्राइबल क्षेत्र की आर्थिक विषमता
श्री गडकरी ने कहा कि देश में ऊर्जा के श्रोत के रूप में कच्चे तेल का माकूल विकल्प खोजना होगा ताकि भविष्य की जरूरतों के अनुसार प्रदूषण रहित किफायती और आर्थिक उन्नति देने वाले ईंधन की जरूरत पूरी हो सके. उनका कहना था कि डीजल व पेट्रोल के विकल्प के रूप में सीएनजी व हाईड्रोजन जैसी तकनीक ही नहीं बायो फ्यूल के उत्पादन पर काम करना होगा। इससे कृषि और ट्राइबल क्षेत्र की आर्थिक विषमता भी दूर होगी जबकि अन्य समस्याओं से निबटा जा सकेगा. आटो मोबाइल में मैनुफैक्चरिंग की दृष्टि से भारत बेहतर स्थिति में है।
केन्द्रीय मंत्री ने जटरोफा, मिथेनोल और एथनोल उत्पादन व उपयोग की दृष्टि से देश में हो रहे एक्सपेरिमेंट का भी खुलास किया. उनका कहना था कि अब किसानों के ऐसे उताप्द की खेती करने की सलाह दी जाएगी जिसके बनने वाले उत्पाद का अधिकतम उपयोग हो सके और उनकी आर्थिक विपन्नता समाप्त हो सके.
इकसे लिए श्री गडकरी ने अमेरिका और चीन का उदाहरन दिया जबकि इजरायल की ओर से इसमें सहयोग का प्रस्ताव मिलने की बात भी की. उन्होंने आइकेट के निदेशक दिनेश त्यागी को भी इस दिशा में जॉइंट वेंचर की दृष्टि से सम्भावना टटोलने और रिसर्च करने की सलाह दी. बायो एविएशन और रक्षा क्षेत्र के फाइटर विमानों में बायो फ्यूल के उपयोग के एक्सपेरिमेंट को सफल करार दिया.
देश में 22 बड़े हाई वे के निर्माण का लक्ष्य
उन्होंने मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के लिए अच्छी सड़क की आवश्यकता बताते हुए कहा जानकारी दी कि आने वाले समय में देश में 22 बड़े हाई वे के निर्माण का लक्ष्य है. 10 हजार करोड़ की लगत से द्वारका एक्सप्रेस वे जबकि दिल्ली के पास एक अन्य हाई वे में 50 हजार करोड़ रु खर्च किये जा रहे हैं. इसके अलावा मुंबई दिल्ली के बीच बनने वाले हाई वे पर एक लाख करोड़ रु निवेश की योजना है जिसमें 60 हजार करोड़ लैंड अधिग्रहण में बचा लिया गे क्योंकि यह हाई वे हरियाणा राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र के ट्राइबल एरिया और पिछड़े क्षेत्र से होकर गुजरेगा जिससे उन इलाके में सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन दूर किया जा सकेगा.साथ ही मुंबई दिल्ली के बीच की दुरी 12 घंटे में तय की जा सकेगी.
उन्होंने दावा किया कि अब औसतन 30 किलोमीटर प्रति दिन की गति से सड़कों का निर्माण हो रहा है. सरकार ने कई नए एक्सप्रेस-वे मंजूर किए हैं, ताकि अच्छे सड़क मार्ग बनें, जिससे वाहनों में ईंधन की खपत में भी बचत होगी। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का न्यू इंडिया का सपना भी तभी पूरा होगा, जब भारत में नई-नई तकनीकी पर काम होगा तथा अच्छे सड़क मार्ग तैयार किए जाएंगे।
वायु, जल और भूमि प्रदूषण पर पूरी तरह से रोक लगाने पर फोकस
केंद्र सरकार का सर्वाधिक फोकस अब वायु, जल और भूमि प्रदूषण पर पूरी तरह से रोक लगाने पर है. उन्होंने सभी उद्यमियों से वाटर वे का अधिकतम उपयोग करने पर भी बल दिया. उन्होंने बताया कि वाटर वे को अधिक उपयोगी बनाने के लिए 40 रिवर पोर्ट विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है. वाराणसी से हल्दिया के बीच यह सेवा शुरू है जिसे बांग्लादेश तक एक्सटेंड करने की योजना है. अब दिल्ली से इलाहाबाद के बीच वाटर वे शुरू करने के लिए 12 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट वर्ल्ड बैंक के समक्ष रखा गया है. उनके अनुसार वाटर वे में सड़क व रेलवे मार्ग की तुलना में बहुत सस्ता है.
न्यू जेन मोबिलिटी समिट 2019 देश को बेहतर विकल्प देगा : दिनेश त्यागी
इससे पहले आईकैट के निदेशक दिनेश त्यागी ने मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया तथा तीन दिवसीय सम्मिट की रूपरेखा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि न्यू जेन मोबिलिटी समिट 2019 इंटरनेशनल सम्मलेन की इस पहली श्रृंखला की घोषणा एक साल पहले की गई थी. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन में होने वाले तकनीकि वैचारिक आदान प्रदान का लाभ देश और दुनिया में लगभग 125 वर्षों से चल रहे आईसी इंजन के लिए उपयुक्त विकल्प खोजने में मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा सबसे अधिक ध्यान वैश्विक आवश्यकताओं के अनुसार नए तकनीकी समाधान विकसित करने पर है। आईकैट में हमारे इंजीनियर इस दिशा में शोध कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान 19 टेक्नीकल पेपर्स रखे जायेंगे जबकि 13 बड़े ऑटो मोबाइल विशेषग्य अपने अनुभव साझा करेंगे. सम्मेलन में 8 प्लेनरी सेशन होंगे. टेस्टिंग और टेक्नीकल ट्रेनिंग का सेशन भी आयोजित किया जायेगा.
उपभोक्ता को बेहतर तकनीक चुनने की आजदी भी मिले : केनिची आयुकावा
सम्मेलन को मारुती सुजुकी के सीइओ केनिची आयुकावा ने भी संबोधित किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि आइकेट की ओर से आयोजित यह सम्मलेन बेहद सफल और भारत की आर्थिक उन्नति एवं सामाजिक विकास की आवश्यकता के लिए हितकर साबित होगा. उन्होंने यूरोपियन क्षेत्र की दृष्टि से सुरक्षित और प्रदुषण रहित तकनीक के विकास पर बल दिया. उन्होंने कहा कि आज ग्रीन टेक्नोलॉजी की आवश्यकता है और सभी ऑटो इंजीनियर्स से नई तकनीक की खोज के लिए रिसर्च करने की सलाह दी. उन्होंने अपने संबोधन में साफ तौर पर कहा कि हमें ऐसी तकनीक सामने नहीं लानी चाहिए जिसमें कोई निवेश करने को इच्छुक नहीं होगा बल्कि ऐसी तकनीक का विकास करना होगा जो उपभोक्ता की पहुँच में भी और उन्हें इसे चुनने की अनुमति भी मिले.
संकल्प वैलफेयर सोसायटी के प्रैसीडेंट वासुदेव भसीन को आईकैट की तरफ से 5 लाख रूपये का तथा यूकेबी एग्रोटैक को 51 हजार रूपये की राशि का चैक केन्द्रीय मंत्री द्वारा भेंट किया गया।
आइकेट न्यूजेन ड्राइव सेफ क्लब मोबाइल ऐप लांच
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री और डायस पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा आईकैट न्यूजेन ड्राइव सेफ क्लब मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया। यह ऐप आईकैट न्यू जेन की एक पहल है, जो ड्राइव स्मार्ट ड्राइव सेफ- एनजीओ ऑन रोड सेफ्टी को पहचानने और पुरस्कृत करने के लिए सुरक्षित है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने सम्मिट में भाग ले रही कंपनियों की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
इस अवसर पर आईकैट की सीनियर जीएम प्रमिला टिक्कू , आईकैट के डीजीएम मधुसूदन जोशी, मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के सीईओ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर कानिची आयुकावा, होंडा मोटर्स एंड स्कूटर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रैजीडेंट एवं सीईओ मिनोरू काटो सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।