राजधानी/शताब्दी/दुरंतो ट्रेनों पर 29 मार्च से लागू
मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
नई दिल्ली : रेल यात्रियों के लिए विविधता, स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने रेल में परोसे जा रहे भोजन की कीमतों में वृद्धि की घोषणा की है. हालाँकि रेलवे की ओर से इसे व्यंजन सूची को युक्तिसंगत बनाने का दावा किया गया है. रेलवे खानपान सेवाओं के शुल्क में यह संशोधन राजधानी/शताब्दी/दुरंतो ट्रेनों में 6 वर्ष बाद किया गया है। इससे पूर्व कीमतों में वृद्धि 2013 में की गयी थी जबकि मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के मानक भोजन के शुल्क में परिवर्तन 7 वर्ष के बाद किया गया है।इसमें पिछला संशोधन 2012 में किया गया था।
कीमतों में वृद्धि के लिए, इन सेवाओं के व्यंजन सूची और शुल्क के पुनरीक्षण और सिफारिश के लिए रेलवे बोर्ड ने एक समिति मनोनीत की है। समिति ने भारतीय रेलवे में यात्रा करने वाले यात्रियों को अच्छी गुणवत्ता और स्वच्छ भोजन प्रदान करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए लागत के सभी पहलुओं की वैज्ञानिक रूप से जांच की। समिति की रिपोर्टों के आधार पर, संशोधित व्यंजन और शुल्क अधिसूचित किया गया है। ट्रेनों में भोजन की गुणवत्ता कच्चे माल की लागत को ध्यान में रखते हुए थोक मूल्य सूचकांक और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आदि पर निर्भर है, जो पिछले कुछ वर्षों में बढ़े हैं।
भारतीय रेलवे की ट्रेनों में खानपान सेवाएं आईआरसीटीसी द्वारा प्रदान की जाती हैं और इसकी दो श्रेणियां हैं यानी राजधानी/शताब्दी/दुरंतो ट्रेनों में पूर्व भुगतान सेवाएं, जिसमें टिकट में खानपान शुल्क (ऑप्ट-इन आधार पर) और अन्य मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में भुगतान के बाद खानपान सेवा शुल्क शामिल हैं, जिसमें मानक भोजन और अन्य खाद्य पदार्थ बिक्री पर उपलब्ध कराए जाते हैं। किफायती, क्षेत्रीय भोजन की उपलब्धता और यात्रियों को मानक भोजन में विविधता सुनिश्चित करने पर भी ध्यान दिया गया है। मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:-
· जनता भोजन की 20 रुपये की दर में कोई बदलाव नहीं
व्यंजन सूची के नाम पर अतिरिक्त शुल्क रोकने के लिए, अब यह निर्णय लिया गया है कि मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में बिक्री के लिए अलग-अलग व्यंजन सूची की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि समोसा, पकोड़ा, आदि जैसे जलपान जैसी वस्तुओं की बिक्री की अनुमति दी जाएगी।
• अब यात्रियों के लिए क्षेत्रीय भोजन की अधिक वैरायटी उपलब्ध होगी। क्षेत्रीय वस्तुओं/व्यंजनों/ स्वाद के साथ जलपान 50 रुपये की दर से शुरू किया जा रहा है। इसकी मात्रा 350 ग्राम होगी और व्यंजन सूची आईआरसीटीसी द्वारा तय की जाएगी।
• इसकी लोकप्रियता को देखते हुए बिरयानी को एक मानक भोजन के रूप में पेश करने का निर्णय किया गया है। आईआरसीटीसी तीन प्रकार की बिरयानी (सब्जी, अंडा और चिकन) क्रमश: 80 रूपये, 90 रूपये और 110 रूपये की दर से उपलब्ध कराएगा।
• अंडा करी और मानक शाकाहारी के साथ मौजूदा मानक गैर-शाकाहारी भोजन के अलावा चिकन करी को मानक गैर-शाकाहारी भोजन के विकल्प के रूप में शुरू करने का भी निर्णय किया गया है। मानक भोजन की तीन श्रेणियां होंगी – मौजूदा दो के मुकाबले मानक शाकाहारी भोजन, मानक गैर-शाकाहारी भोजन (2 अंडे की करी के साथ) और मानक गैर-शाकाहारी भोजन (चिकन करी के साथ)।
भारतीय रेलवे अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन देने के लिए प्रतिबद्ध है। उपरोक्त युक्तिकरण के साथ सेवाओं की गुणवत्ता और वैरायटी में और सुधार की उम्मीद है। सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, आईआरसीटीसी पहले से ही निम्नलिखित कदम उठा रहा है: –
· ट्रेनों में भोजन तैयार करने और उसकी आपूर्ति आईआरसीटीसी प्रबंधित रसोई से किया जाएगा।
· रसोई में खाद्य उत्पादन और स्वच्छता की वास्तविक समय निगरानी रखने के लिए, आईआरसीटीसी ने रेल दृष्टि और आईआरसीटीसी वेबसाइट पर सीधे निगरानी की सुविधा के साथ सीसीटीवी लगाए हैं।
· स्वच्छता की स्थिति और खाद्य सुरक्षा तथा भारतीय मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) में उच्च गुणवत्ता वाले मानकों को शामिल किया गया हैं।
· सेवाओं की गुणवत्ता का लेखा परीक्षण करने के लिए अनिवार्य बाह्य लेखा परीक्षा प्रतिष्ठित और स्वतंत्र एजेंसी द्वारा की जाएगी।
· आईआरसीटीसी अपने भोजन की अच्छी गुणवत्ता वाली बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग और उसकी क्यूआर कोडिंग शुरू करेगा।
पूर्व भुगतान वाली ट्रेनों के टिकट के कुल किराए में उन यात्रियों के लिए दर में 3% से 9% की वृद्धि होगी, जो भोजन का विकल्प चुनेंगे।
संशोधित खानपान शुल्क राजधानी/शताब्दी/दुरंतो ट्रेनों पर 29 मार्च, 2020 से और अन्य मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
विस्तृत व्यंजन सूची भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर उपलब्ध है