कांग्रेस का आरोप : देश में भोजन पर मासिक खर्च कम करने पर मजबूर हुए लोग

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इस तरह की गिरावट 40 साल में पहली बार आई

नई दिल्ली : भोजन पर किए जाने वाले मासिक खर्च को भी लोग कम करने पर मजबूर हो गए हैं। और यह आँकड़े सरकार के आँकड़े हैं जिन्हें छिपाया जा रहा था। यह दावा कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेडा ने किया है. पत्रकार वार्ता में श्री खेडा ने कहा कि एन एस ओ के लीक हुए उपभोग व्यय सर्वेक्षण से पता चला है कि भारतवासियों के महीने के औसतन खर्चे में 3.7 प्रतिशत गिरावट आई है। इस तरह की गिरावट 40 साल में पहली बार आई है.

उनका कहना है कि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि लोगों ने भोजन पर खपत करते जा रहे हैं. ग्रामीण भारत की स्थिति और भी ख़राब है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा सभी कुछ ठीक नहीं है. भारत के निवासियों के औसत मासिक खर्च में 3.7  प्रतिशत जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 8.8 प्रतिशत की गिरावट आई है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जो व्यक्ति 2011-2012 में महीने का 1501 रु खर्च करता था वह वर्ष 2017-18  में आते आते 1446 रु खर्च कर रहा है. चिंता कविश्य यह है कि भोजन पर खपत कम हो रही है. इससे स्पष्ट है कि देश में माल न्यूट्रीशन बढ़ रही है. ग्रामीण भारत में और भयावह स्थिति है. जहाँ ग्रामीण भारत में 2011-12 में महीने का 643 रु खर्च करता था वह 2017-18 में आकर 580 रु खर्च करता है.

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