700 से अधिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना
आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने किया उद्घाटन
मैसूर : आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने आज मैसूर, कर्नाटक में अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन की थीम ‘योग फॉर हार्ट केयर’ है। सम्मेलन में 700 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है। इस दौरान दस तकनीकी सत्र होंगे, जिनमें 50 विशेषज्ञ और जानकार हिस्सा लेंगे। उद्घाटन सत्र में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, हरिद्वार के पतंजलि योग पीठ के स्वामी रामदेव, सांसद प्रताप सिम्हा, बैंगलुरु के स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान के कुलपति डॉ. एच.आर. नागेन्द्र और हैदराबाद के रामचंद्र मिशन के कमलेश डी. पटेल उपस्थित थे।
अपने उद्घाटन संबोधन में श्री नाइक ने कहा कि सरकार ने देशवासियों के बीच योग को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि योग का प्रभाव इतना व्यापक होता है कि अपने जीवन में योग को आसानी से शामिल करके लोग उससे लाभांवित हो सकते हैं। श्री नाइक ने कहा कि स्कूलों में शारीरिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में योग को शामिल करके लोग स्वस्थ्य हो सकते हैं और चिकित्सा में खर्च किए जाने वाले करोड़ों रुपये की बचत हो सकती है।
उन्होंने बताया कि वैयक्तिक प्रशिक्षकों को प्रमाणित करने और योग प्रशिक्षण संस्थानों को मान्यता प्रदान करने के लिए आयुष मंत्रालय ने योग प्रमाणीकरण बोर्ड का गठन किया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड का कार्यक्रम विशेष रूप से प्रमाणीकरण की स्वैच्छिक योजना है, जिससे योग शिक्षण की गुणवत्ता और मानकों में इजाफा होगा तथा योग को पेशे के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। श्री नाइक ने बताया कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत डेढ़ लाख प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों में योग को शामिल किया गया है। इस कदम से देश भर के लोगों को योग सीखने और उसका अभ्यास करने में आसानी होगी।
सम्मेलन के पहले दिन तकनीकी सत्रों के दौरान योग और हृदय स्वास्थ्य, हृदय रोगों में बचाव में योग की भूमिका, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में योग की भूमिका और हृदय की धमनियों के रोगों के बचाव में योग की भूमिका विषयों पर चर्चा की गई। सम्मेलन के दूसरे दिन शरीर विज्ञान और समेकित हृदय रोग तथा स्वस्थ हृदय के लिए योग जैसे विषयों पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा खेल के रूप में योगासन को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर संगोष्ठी होगी तथा हृदय के लिए योग – उभरते रूझान और अनुसंधान पर शोध पत्र पढ़े जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि योग सम्बंधी पांचवां सम्मेलन है, जो 69वें सत्र के दौरान संयुक्त राष्ट्र आमसभा द्वारा एकमत से स्वीकृत प्रस्ताव के अनुरूप है। याद रहे कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। आयुष मंत्रालय पिछले चार वर्षों से लगातार अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलनों का सफलतापूर्वक आयोजन करता रहा है, जिनमें बड़ी मात्रा में भारतीय और विदेशी प्रतिनिधि हिस्सा लेते रहे हैं।