गुरुग्राम। उद्यमी वह व्यक्ति है जो अपना खुद का उद्योग स्थापित करता है हर तरह का जोखिम उठाने की क्षमता रखता है। उद्योग करने वाला उद्यमी बहुत ही साहसी व्यक्ति होता है एवं वह समाज एवं राष्ट्र के विकास में भागीदार होता है। उद्यमी अपने उद्योग को बढ़ाने के लिए रात-दिन मेहनत करता है एवं समाज के प्रति अपनी बेहतर जिम्मेदारी निभाते हुए समाज के अन्य व्यक्तियों को भी अपने उद्योग में शामिल कर उन्हें बेहतर रोजगार प्रदान करता है। उक्त वक्तव्य श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरू राज नेहरू ने विश्वविद्यालय में स्थापित श्री गुरूनानक देव सेन्टर ऑफ इनोवैशन लीडरशिप एंड आन्ट्रप्रनर्शिप के तत्वाधान में आन्ट्रप्रनर्शिप जागरूकता शिविर पर शुरू हुई तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्द्याटन सत्र में बतौर मुख्यअतिथि के तौर पर कहे।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को चाहिए की वह अपने विचार साझा करें, जीवन में किसी भी प्रकार के विचार को लेकर संकोच नहीं करना चाहिए, जोखिम उठाए एवं देश में जो समस्यांए है उनको सोचकर आइडिया लेकर आएं उनके प्रोजेक्टस को बेहतर रूप प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय हर स्तर पर विद्यार्थियों की मदद करेगा। श्री राज नेहरू ने कहा कि किसी भी उद्यम को शुरू करने से पहले उद्यमी को नहीं पता होता कि आगे उसके उद्यम में क्या होने वाला है। वह अपनी मेहनत और विश्वास के भरोसे ही आगे चलते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को चाहिए कि वह सकारात्मक दिमाग के साथ किसी भी प्रकार के उद्यम की शुरूआत करें एवं असफलताओं के बारे मे ंना सोंचे। कार्यशाला के दौरान विशिष्ट अतिथि के तौर पर एमएसएमई फिक्की की चेयरपर्सन अर्जना गरौडिया गुप्ता कहा कि जितना जल्दी हो विद्यार्थियों को उद्यामिता शुरू करनी चाहिए।
कभी भी फेल होने की ना सोचें, अपने आपको उद्यमिता के अनुसार तैयार करें। विशेष आमंत्रित विशेषज्ञ रविना, कॉ-फाउंडर 2 प्वाइंट सी स्टार्टअप, नई दिल्ली एवं अरूणा सिंह, प्रेसिडेंट आन्ट्रप्रनर्शिप शैल आईआईटी दिल्ली ने विद्यार्थियों को स्टार्टअप से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारी दी। विशेषज्ञ सुर्याकांत, नॉडल हेड फॉर आन्ट्रप्रनर्शिप, मीनिस्ट्री ऑफ स्कील डवलपमेंट एंड आन्ट्रप्रनर्शिप, पटना ने स्टार्टअप से संबंधित स्कीमों के बारे में विद्यार्थियों के बारे में जानकारी दी। विशेषज्ञ कोयल चक्रवर्ती, बिहेवरियल स्कील कन्सलटेन्ट, गुरूग्राम ने उद्यमिता के लिये व्यवहार कौशल की जानकारी विद्यार्थियों को दी। प्रोफेसर ऋषिपाल ने उद्यमिता की गुणवत्ता के बारे में विद्यार्थियों को समझया।
कार्यशाला की संयोजक एवं गुरूनानक देव सेन्टर ऑफ इनोवैशन लीडरशिप एंड आन्ट्रप्रनर्शिप की प्रभारी डॉ. ज्योति राणा ने तीन दिवसीय कार्यशाला की विस्तार से जानकारी दी एवं सेन्टर की भविष्य योजना के बारे में बताया। इस मौके पर गुरू नानक देव जी की 550वीं जन्म वर्षगांठ के उपलक्ष्य में गुरू नानक देव जी की शिक्षण से संबंधित सूचना बुलेटिन का शुभारंभ माननीय कुलगुरू एवं विशेषज्ञ द्वारा किया गया जिसका संग्रहण एवं संपादक प्रों. ज्योति राणा के द्वारा किया गया। कार्यशाला के दौरान प्रो. आरएस राठौर, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, डॉ. विक्रम बसंल, डॉ. दलीप रैना, डॉ. योगिता, डॉ. प्रीति, डॉ. योगेश उपस्थित रहे। मंच का संचालन डॉ. प्रीति के द्वारा किया गया।