शाहजहांपुर । यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद और पीड़िता को स्थानीय पुलिस आवाज की जांच के लिए बुधवार को विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ ले गई।
जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने ‘ बताया कि रंगदारी मांगने के आरोप में जेल में बंद पीड़िता को आज स्थानीय पुलिस सुबह छह बजे लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला ले गई। पीड़िता के यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद चिन्मयानंद को सुबह नौ बजे आवाज परीक्षण के लिए इस प्रयोगशाला में ले जाया गया।
पुलिस अधीक्षक (नगर) दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि चिन्मयानंद तथा पीड़िता को, उनकी आवाज के नमूने लेने के अदालत के आदेश के तहत आज स्थानीय पुलिस की अलग-अलग दो टीमें लखनऊ लेकर गई हैं।
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने यहां के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ओमवीर सिंह की अदालत में चिन्मयानंद, पीड़िता, उसके साथी संजय, विक्रम एवं सचिन की आवाज का नमूना लेने की अर्जी दी थी। चार अक्टूबर को सीजेएम ने आरोपियों की आवाज का नमूना लेने की इजाजत दे दी थी। लेकिन स्थानीय पुलिस आज केवल चिन्मयानंद और पीड़िता को ही लखनऊ लेकर गई है ।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि रंगदारी मांगने के आरोप में बंद पीड़िता तथा उसके साथी सचिन, विक्रम और संजय के दो वीडियो वायरल हुए थे। वीडियो में पीड़िता और आरोपी आपस में बात कर रहे थे जिसमें फर्जी सिम लेकर चिन्मयानंद को व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर भेजकर पांच करोड रुपए की रंगदारी मांगने की चर्चा शामिल है। इसके अलावा होटलों में रूकने एवं खाना आदि को लेकर भी चर्चा की गई थी। समझा जाता है कि इसी आवाज के परीक्षण के लिए पुलिस इन्हें लेकर लखनऊ गई है ।
दूसरी ओर, विशेष जांच दल की टीम ने संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि चिन्मयानंद ने मिस ए से (पीड़िता से) जनवरी से अभी तक 200 बार बात की है। समझा जाता है कि पीड़िता ने चिन्मयानंद की कॉल रिकॉर्डिंग एसआईटी को सौंपी है इसीलिए चिन्मयानंद की आवाज का परीक्षण एसआईटी के लिए अहम है।
चिन्मयानंद की ओर से दर्ज कराए गए, पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के मामले तथा पीड़िता के पिता की ओर से दर्ज कराए गए अपहरण और जान से मारने की धमकी देने के मामले की जांच एसआईटी कर रही है।
चिन्मयानंद के मामले में एसआईटी को 22 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विशेष पीठ के सम्मुख प्रस्तुत करनी है ।
वहीं कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन के लोग पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए विद्यालय और मोहल्लों में हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं ।
गौरतलब है कि एलएलएम की एक छात्रा ने 24 अगस्त को वीडियो वायरल कर चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया था । इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने इस प्रकरण पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पीड़िता को न्यायालय में तलब किया और मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को एसआईटी के गठन का निर्देश दिया था ।
न्यायालय के निर्देश के बाद एसआईटी ने यौन शोषण के आरोपी चिन्मयानंद एवं रंगदारी मांगने के मामले में पीड़िता समेत चार लोगों को जेल भेज दिया ।