भारत व जापान के बीच असैन्य परमाणु करार

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आतंकवाद से लड़ाई के लिए एकजुट

टोmodi-and-abe-11-nov-2-aक्यो : आशा के अनुरूप भारत व जापान शुक्रवार को और करीब आ गए. दोनों देशों ने लम्बे समय से प्रतीक्षित ऐतिहासिक असैन्य परमाणु करार पर हस्ताक्षर किए। यह करार पीएम मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे की मौजूदगी में हुआ. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जापान असैन्य परमाणु करार स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी के हमारे संबंधों में एक ऐतिहासिक कदम है।

उन्होंने कहा कि हमारा रणनीतिक सहयोग हमारे खुद के समाज की सुरक्षा के लिए ही अच्छा नहीं है बल्कि यह क्षेत्र में शांति, स्थिरता और संतुलन भी लाता है. हम आतंकवाद खासकर सीमा पार आतंकवाद के अभिशाप से लड़ाई के लिए अपने संकल्प के प्रति एकजुट हैं.

 

पीएम ने सम्राट अकिहितो से भी मुलाकात की

मोदी ने एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन करने के लिए वह प्रधानमंत्री आबे का धन्यवाद किया. इस करार से पूर्व पीएम मोदी ने जापान के सम्राट अकिहितो से मुलाकात की और भारत एवं जापान के साझा संबंधों और एशिया के भविष्य के बारे में चर्चा की.

सभ्यताओं के बारे में बातचीत हुई

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर बताया कि एक असाधारण मुलाकात जो भारत एवं जापान के बीच गर्मजोशी भरे अनूठे संबंधों का प्रतीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के महामहिम सम्राट अकिहितो का अभिवादन किया.  जापान के 82 वर्षीय सम्राट व मोदी के बीच मुलाकात के बाद उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि  सभ्यताओं के बारे में बातचीत हुई. यह मुलाकात मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच व्यापक विषयों पर चर्चा से पहले हुई जिसका मकसद द्विपक्षीय सामरिक संबंधों को गति प्रदान करना है.

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