राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने की घोषणा की

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नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाम कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने की घोषणा की है। संसद के दोनों सदन में इससे संबंधित संकल्प पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने यह घोषणा की।

आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया, ‘‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि छह अगस्त 2019 से उक्त अनुच्छेद के सभी खंड लागू नहीं होंगे… सिवाय खंड 1 के।’’ इसमें यह भी कहा गया है कि संविधान के समय समय पर संशोधित सभी उपबंध बिना किसी संशोधन और अपवाद के, जम्मू कश्मीर राज्य पर लागू होंगे । यह तब भी लागू होंगे, चाहे अनुच्छेद 152 अथवा अनुच्छेद 308 में निहित किसी अपवाद अथवा इस संविधान के किसी अन्य अनुच्छेद अथवा जम्मू कश्मीर संविधान के किसी अन्य उपबंध अथवा कोई कानून, दस्तावेज, निर्णय, अध्यादेश, आदेश, उप नियम, नियम, विनियम, अधिसूचना, रीति रिवाज अथवा भारत के भूभाग में कानून प्रवर्तन अथवा कोई अन्य लिखित संधि या समझौता जैसे अनुच्छेद 363 के अंतर्गत परिकल्पित हो अन्यथा न हो।

भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव पेश किया था। उसी दिन यह राज्यसभा में पारित भी हो गया था।

लोकसभा ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प भारी बहुमत से मंगलवार को स्वीकृति दी। लोकसभा ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प को 72 के मुकाबले 351 मतों से स्वीकृति दी। एक सदस्य ने मत विभाजन में हिस्सा नहीं लिया । वहीं, निचले सदन ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 को 70 के मुकाबले 370 मतों से स्वीकृति दी। संसद ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी थी । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनाव में इसका वादा किया था, जिसे मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 90 दिनों के भीतर पूरा कर दिया।

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