नयी दिल्ली। हवाई अड्डे पर उजबेकिस्तान की एक महिला के कथित उत्पीड़न मामले की जांच कर रही आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने सीमा शुल्क के दो आरोपी अधिकारियों को तलब किया है।
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि पैनल ने सीमा शुल्क विभाग के दो अधीक्षकों को समन जारी कर उनके समक्ष पेश होने और अपना बयान दर्ज कराने को कहा है।
दिल्ली हवाई अड्डे पर हुई इस घटना के बाद से दोनों अधिकारी निलंबित हैं।
कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के प्रावधानों के तहत गठित आईसीसी को नागरिक प्रक्रिया संहिता 1908 के तहत दीवानी अदालत के अधिकार प्राप्त हैं।
अधिकारियों ने बताया कि उजबेकिस्तान की महिला के साथ कथित बदसलूकी मई में हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क विभाग के अत्यधिक सुरक्षित क्षेत्र में बिना सीसीटीवी वाले एक कमरे में हुई थी।
हवाई अड्डे पर कामकाज पर नजर रख रहे सीमा शुल्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मामले पर चुप्पी साधे हैं।
एक व्हिसलब्लोअर ने मामले को सीमा शुल्क अधिकारियों के ध्यान में लाया था।
अपने एक रिश्तेदार के इलाज के सिलसिले में उजबेक महिला भारत आई थी।
अधिकारियों ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि तीन मई को एक आरोपी अधिकारी ने ताशकंद से आई उज्बेक महिला को रोका और तस्करी के अंदेशे के मद्देनजर उसके सामान की जांच की गई।
उन्होंने बताया कि इसके बाद, अधिकारी महिला को ऐसे कमरे में ले गया जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं थे और वहां बिना महिला अधिकारी के उसके साथ आधा घंटा रहा।
अधिकारियों ने बताया कि आरोप है कि करीब 50 साल के अधिकारी ने महिला का यौन उत्पीड़न किया। यह महिला दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अपनी बहन के बच्चे का इलाज कराने के लिए आई थी।
उन्होंने बताया कि महिला ने सीमा शुल्क विभाग को शिकायत की थी लेकिन आरोपी अधिकारी ने उसे तस्करी के झूठे मामले में फंसाने तथा जान से मारने की कथित रूप से धमकी दी। बताया जाता है कि इसके बाद उसने शिकायत वापस ले ली।
अधीक्षक के खिलाफ आरोपों की जांच के दौरान इसी स्तर के अन्य अधिकारी की भूमिका का भी पता चला। इसके बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया।