श्री राम सोसायटी का आह्वान : पर्यावरण संतुलन के लिए समाज आगे आए

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संस्था के प्रेसिडेंट पंकज पाठक ने प्रत्येक व्यक्ति को एक पौधा लगाने का दिया सुझाव

भविष्य में होने वाले जल संकट के प्रति किया आगाह

श्री राम सोसायटी का आह्वान : पर्यावरण संतुलन के लिए समाज आगे आए 2गुरुग्राम : श्री राम सोसायटी सामाजिक संस्था के प्रेजिडेंट पंकज पाठक ने शहर के सभी लोगों का आह्वान किया है कि समाज हित के लिए सभी मिलकर काम करें और ख़ास कर पर्यावरण संतुलन के लिए पूरी तन्मयता से काम करें। उन्होंने सुझाव दिया है कि हरियाणा जैसे प्रदेश में हर एक व्यक्ति को एक पौधा जरूर लगाना चाहिए जिससे बारिश में लगातार आ रही गिरावट से उत्पन्न होने वाली स्थिति से बचा जा सके.

उन्होंने अपनी संस्था के सदस्यों को बातया कि वर्षा की कमी के कारण दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में जल उपलब्धता की स्थिति बेहद चिंताजनक होतो जा रही है। देश के कई राज्यों में सूखे का संकट गहराता जा रहा है। आईआईटी गांधीनगर की ओर से जारी चेतावनी की चर्चा करते हुए पाठक ने बताया कि उक्त रिपोर्ट में कहा गया कि देश के 40 फीसदी क्षेत्रों में सूखे का संकट बना हुआ है।

उनके आह्वान पर संस्था के सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया हम इस कार्य को पूरी तन्मयता के साथ एकमत होकर करेंगे। पंकज पाठक ने कहा कि समाज सेवा को अपना कर्तव्य मानते हुए जनता को जागरूक करने के लिए हर व्यक्ति सिर्फ अपनी अपनी जिम्मेदारी निभाये तो शायद देश व प्रदेश से पानी का संकट ख़तम हो जायेगा । उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है ‘ इस कहावत को हम सभी ने कई बार सुना तो जरूर होगा, लेकिन इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया. आज अगर चेन्नई में व्याप्त पानी की समस्या का गंभीरता से विश्लेषण करें तो इसकी अहमियत समझ आएगी. वहां के लोगों को इन दिनों पानी के लिए किस कदर संघर्ष करना पड़ रहा है. केवल चेन्नई ही नहीं महारष्ट्र , ओडिशा जैसे राज्य भी जल संकट से जूझ रहे है,. देश में जिस तरह के हालात हैं और जलाशय, पोखरे और नदियां सूखती जा रही हैं, उससे तो यही लगता है कि कई अन्य राज्य व शहर भी जल्द ही सूखे की चपेट में आ जाएंगे.

पाठक ने कहा कि जल संकट भारत की अहम समस्याओं में से एक है और यहां पर स्थिति बेहद खतरनाक स्तर पर जाती दिख रही है. यह लगातार दूसरा साल है जब देश में मॉनसून कमजोर होने की प्रबल आशंका है और इस कारण देश की आबादी के एक-तिहाई हिस्से यानी 33 करोड़ लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है . बारिश में लगातार आ रही गिरावट से भयावह स्थिति बनती जा रही है .

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