प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अपनी ताकत का साझा उपयोग करने पर बल
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत व ब्रिटेन प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अपनी ताकत का साझा उपयोग कर नए अवसर पैदा कर सकते हैं। उन्होंने ब्रिटेन से भारत के रक्षा, विनिर्माण और वैमानिकी जैसे क्षेत्रों में भी निवेश करने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम में भारत की यात्रा पर आई ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरिजा मे भी मौजूद थीं.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में भारत सरकार की स्मार्ट सिटीज, स्टार्ट अप्स इंडिया तथा डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं का जिक्र करते करते हुए ब्रिटेन के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर बल दिया.
मोदी के भाषण के प्रमुख बिंदु :
— उन्होंने कहा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से नई वाणिज्यिक प्रणालियों के लिए उर्जावान वातावरण तैयार कर सकते हैं.
– मौजूदा वैश्विक माहौल में आज दोनों देशों को विभिन्न आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है .
– इससे व्यापार और वाणिज्य प्रभावित होता है.
– प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि दोनों देश अपनी वैज्ञानिक ताकत तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में संपन्नता का लाभ उठाकर नए अवसर पैदा करने में सक्षम हैं.
– भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और सबसे मुक्त निवेश वातावरण वाली अर्थव्यवस्था है.
– उन्होंने उम्मीद जताई है कि मेक इन इंडिया द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण पहलु रहेगा.
– ब्रिटेन एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में रक्षा विनिर्माण, वैमानिकी और इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में हमारी उदार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति का लाभ उठा सकता है.
– उन्होंने कहा कि भारत के व्यापक ज्ञान आधार तथा ब्रिटेन की आधुनिक वैज्ञानिक जांच से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत किया जा सकता है.
– इससे आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है.
– प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल से हालांकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश का आकार लगभग समान रहा है.
– लेकिन दोनों दिशाओं से निवेश मजबूत रहा है.
– ब्रिटेन में भारत तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है, जबकि भारत में ब्रिटेन सबसे बड़ा जी20 निवेशक है.
– दोनों देश एक-दूसरे के यहां बड़ी संख्या में रोजगार को समर्थन देते हैं.
– स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ब्रिटेन पुणे, अमरावती तथा इंदौर की परियोजनाओं में काफी रूचि दिखा रहा है.
– ब्रिटेन की कंपनियों ने पहले ही 9 अरब पाउंड के करार पर दस्तखत किए हैं.
– पीएम ने कहा कि मैं उनसे और अधिक भागीदारी चाहता हूं.
खास बातें :
- आज निवेशकों और नवोन्मेषकों के रोमांचक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ भारत और ब्रिटेन दुनिया में शीर्ष स्टार्ट अप हब में शुमार हो चुके हैं.
- भारत ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन उच्च शिक्षा पर केंद्रित है.
- यह भारतीय छात्र-छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण है.
- यह साझा भविष्य के लिए द्विपक्षीय संपर्कों को परिभाषित करेगा.
- आवाजाही को प्रोत्साहन देना चाहिए.
- साथ ही शिक्षा तथा शोध के अवसरों में युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए.
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषण में वृद्धि को आगे बढ़ाने की भरपूर क्षमता है.