गुरुग्राम। ऑपेरशन क्लीन के तहत गैंगस्टर कौशल के मामा का लड़का कुख्यात बदमाश व कौशल की महिला मित्र/साथी को अपराध शाखा सैक्टर-17C, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने गिराफ्तार कर अपराध की दुनिया पर अंकुश लगाने में बड़ी सफलता हासिल की। दोनों आरोपी विदेश से भारत आए थे। आपरेशन क्लीन के दौरान पुलिस की गिरफ्त में आ गए।
गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त अकिल मोहम्मद के निर्देशानुसार गुरुग्राम पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन क्लीन के तहत अपराध शाखा सैक्टर-17C, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने अपने गुप्त सूत्रों की सहायता से कौशल गैंग के मुख्य सरगना के मामा के लड़के व गैंगस्टर कौशल के साथी तथा कौशल की महिला दोस्त/साथी को काबू कर लिया।
गुरुग्राम पुलिस ने जिन अपराधियों को गिराफ्तार किया है कि उनमें मनीषा पुत्री सुरेश कुमार निवासी गांव गाड़ौली खुर्द जिला गुरुग्राम उम्र लगभग 30 वर्ष और राहुल डागर पुत्र राम अवतार निवासी जट्ट शाहपुर थाना पटौदी जिला गुरुग्राम उम्र लगभग 26 साल शामिल है।
गुरुग्राम पुलिस के पी आर ओ सुभाष बोकन के अनुसार 30 मई को इंस्पेक्टर नरेंद्र चौहान प्रभारी क्राइम ब्रांच सेक्टर 17 गुरुग्राम की टीम को एक गुप्त सूचना मिली कि राहुल डागर उपरोक्त विदेश से आ रहा है। इस सूचना पर पुलिस पार्टी ने दिनांक 30.05.2019 को दिल्ली एयरपोर्ट से उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह थाईलैंड से आई एक फ्लाइट से आ रहा था।
कुछ समय पहले विजय उर्फ तांत्रिक की हत्या के मामले में पकड़े गए बदमाश आशु उर्फ हुक्का ने पूछताछ में बतलाया था कि उस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए मनीषा व राहुल डागर ने भी कहा था तथा जानकारियां उपलब्ध कराई थी। गुरुग्राम पुलिस इनकी तलाश में थी तथा इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे थे।
राहुल डागर उपरोक्त से की गई गहन पुलिस पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि मनीषा भी दिल्ली में ही रह रही है तथा उससे प्राप्त सूचना के आधार पर दिनांक 02.06.2019 को बुराडी दिल्ली से मनीषा को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों को पूछताछ हेतु माननीय अदालत के आदेशानुसार पुलिस हिरासत में लिया गया था।
मनीषा की ननिहाल बुराडी में है तथा इसके मामा वहीं रहते हैं। इसने पुलिस से बचने के लिए अपने मामा के घर रहने की बजाय बुराडी में ही किराए पर कमरा ले रखा था तथा वहीं पर रह रही थी।
पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि यह पिछले कई महीनों से विदेश में रह रही थी तथा 16 मई को ही वापस आई थी।
मनीषा ने पूछताछ पर यह भी बतलाया कि विदेश में रहने के दौरान खर्चा चलाने के लिए हवाला के जरिये पैसे विदेश भेजे जाते थे लेकिन इनके लगभग सभी साथी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिए जो कि अब जेल में हैं जिसके कारण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। इसीलिए यह वापस भारत मे आई तथा दिल्ली में रहने लगी।
इन दोनों की गिरफ्तारी से पुलिस को इस गैंग के सरगना व अन्य साथियों बारे काफी जानकारियां मिली हैं।