नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता ने भारी बहुमत से विजयी बनाकर एक बार फिर उनके हाथ में देश की बागडोर सौंप दी है। वह 30 मई को दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। वैसे अभी तक किसी को औपचारिक निमंत्रण नहीं भेजा गया है, मगर सरकार एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। जिसमें पड़ोस के नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी के शपथग्रहण समारोह में बुलाने पर चर्चा की जा रही है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के महत्व को रेखांकित करते हुए मोदी 30 मई को दूसरी बार प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद पड़ोसी देश को अपनी प्राथमिकता में शामिल करेंगे। राजनयिक सूत्रों का कहना है कि सार्क देश शपथग्रहण समारोह को लेकर भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। लेकिन उनका कहना है कि वह इसमें शामिल होने की पुष्टि तभी कर सकते हैं जब उन्हें नई दिल्ली से कार्यक्रम को लेकर औपचारिक निमंत्रण प्राप्त होगा।
मोदी ने 2014 में अपने शपथग्रहण समारोह में सार्क नेताओं को आमंत्रित किया था जिसमें पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी शामिल थे। यदि सरकार सार्क नेताओं को आमंत्रित करती है तो यह निर्णय करना काफी मुश्किल होगा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम मेहमानों की सूची में शामिल किया जाए या नहीं। कोलंबो की एक रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना शपथग्रहण में आ सकते हैं। ऐसी अटकले हैं कि दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी सबसे पहले भूटान यात्रा पर जाएंगे।