नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में कारारी हार के बाद कांग्रेस में जबरदस्त उथलपुथल मची हुई है। कांग्रेस ने इस हार की समीक्षा के लिए शनिवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी ) की बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश करने का ड्रामा किया । हालाँकि मीडिया के सामने यह दावा किया गया कि पूरी सीडब्ल्यूसी ने राहुल गांधी को इस्तीफा ना देने के लिए मनाया लेकिन सूत्र बताते हैं कि सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने उन्हें ऐसा करने से रोका । राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह केवल लिखित स्क्रिप्ट का पढ़ा जाना भर है. इसमें केवल औपचारिकता है.
मिडिया को बताया गया कि सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने राहुल गांधी को इस्तीफा देने से मना किया। यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी की महा सचिव व पश्चिमी यूपी प्रभारी प्रियंका ने भी राहुल गांधी को समझाने की कोशिश की।
कई न्यूज चैनल खबर चला रहे हैं कि मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से अलग-अलग बात की थी। उन्होंने राहुल को समझाने की कोशिश कि चुनावों में हार के लिए इस्तीफा देने की जरूरत नहीं हैक्योंकि इस प्रकार की घटना तो होती रहती है. सभी ने पार्टी में नए सिरे से काम करने की जरूरत पर बल दिया। बैठक में मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ नहीं पहुंचे इससे ख़बरों की दुनिया में राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
दूसरी तरफ इस कड़ी में मुंबई कांग्रेस नेता संजय निरुपम का नाम सामने आया है जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मजबूती से बचाव किया । निरुपम ने दो ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने बहादुरी के साथ चुनाव लड़ा। उन्होंने काफी मेहनत की। हमारा दुर्भाग्य रहा कि हम हार गए। उन्हें इस्तीफा क्यों देना चाहिए? नहीं। उन्हें पार्टी का नेतृत्व जारी रखना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया है कि हम उनके नेतृत्व में लड़कर जल्द वापसी करेंगे।