नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू कश्मीर की पंचायतों के पंच व सरपंचों से मुलाकात की और उनसे जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए मानवीय रवैया अपनाने पर जोर दिया . उन्होंने कहा कि इस अशांत राज्य के लिए केन्द्र सरकार का विकास व विश्वास पर काम करना मुख्य आधार है. उन्होंने आश्वस्त किया कि जम्मू कश्मीर का विकास और खास तौर से गांवों का विकास, जहां बहुसंख्यक लोग रहते हैं, उनकी प्राथमिकता है। प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाए.
ऑल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस की पीएम से मुलाकात
श्री मोदी राज्य की 4000 ग्राम पंचायतों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंचायत नेताओं के शीर्ष संगठन ऑल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रहे थे. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संगठन के अध्यक्ष शफीक मीर ने किया.
विकास और विश्वास मुख्य आधार
पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है बातचीत के दौरान, मोदी ने मानवीय रुख पर जोर दिया . उन्होंने कहा कि विकास और विश्वास जम्मू कश्मीर राज्य के लिए केंद्र सरकार की पहल आधार रहेगा.
उन्होंने साथ ही कहा कि गांवों का विकास, जहां ज्यादातर लोग रहते हैं, राज्य के सर्वांगीण आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है. प्रतिनिधिमंडल ने असमाजिक तत्वों द्वारा स्कूलों को बंद करने की कड़ी निंदा करते हुए प्रधानमंत्री को राज्य में मौजूदा स्थिति से अवगत कराया.
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपना भरोसा दोहराया
बयान में दावा किया गया है कि जम्मू कश्मीर में जमीनी स्तर के संगठन ने देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपना भरोसा दोहराया है. पीएमओ ने कहा, मीर ने कहा कि राज्य के बहुतायत लोग शांति और सम्मान की जिंदगी जीना चाहते हैं लेकिन निहित तत्वों ने नौजवानों का शोषण किया है. वे उनके भविष्य के साथ खेल रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से जम्मू कश्मीर में शाति बहाल करने के लिए निजी तौर पर कदम उठाने को कहा.
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने राज्य से जुड़े विकास के मुद्दों के बारे में मोदी को अवगत कराया और कहा कि बाकी देश की तरह पंचायतों के सशक्त नहीं होने की वजह से केंद्र की मदद का लाभ गांवों तक नहीं पहुंच पाता है.
73वें और 74वें संशोधनों का जम्मू कश्मीर तक विस्तार
उन्होंने एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें उन लोगों ने प्रधानमंत्री से स्थानीय निकाय से जुड़े भारत के संविधान के 73वें और 74वें संशोधनों का जम्मू कश्मीर राज्य तक विस्तार करने पर विचार करने को कहा.
उन्होंने यह भी मांग की कि पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाए. उन्होंने कहा कि 2011 में हुए चुनाव में वोटरों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया था.
प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार उनकी मांगों पर गौर करेगी.