नई दिल्ली। फार्मा तथा रसायन उद्योग के प्रतिनिधि फार्मेक्सिल तथा केमिक्सिलीन के अध्यक्षों के साथ आज नई दिल्ली में केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु से मिले। यह बैठक निर्यात प्रोत्साहन देने और उद्योग विशेष समस्याओं को चिह्नित करने और निर्यात में बाधक तत्वों से निपटने की रणनीति और कार्य योजना पर विचार करने और तैयार करने के लिए बुलाई गई है।
वाणिज्य मंत्री ने बैठक में कहा कि उनका मंत्रालय रसायन क्षेत्र में निर्यात को बढ़ाने में कुछ बाधक विषयों को समझता है और रसायन क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने के लिए इन समस्याओं को सुलझाने की आवश्यकता है। उन्होंने इन सभी विषयों पर अन्य मंत्रालयों तथा विभागों से बातचीत का आश्वासन दिया।
वाणिज्य मंत्री ने बताया कि और अधिक टैरिफ व्यवस्था करके ब्याज समानीकरण योजना को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया तेज करने की जरूरत है, विशेषकर उत्पाद मिश्रण के संबंध में। उन्होंने कहा कि अग्रिम प्राधिकरण (प्रत्याशित प्रभाव के साथ) के लिए आयात पूर्व शर्त को समाप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अन्य देशों के एफटीए से हो रहे नुकसान के कारण बाजार विशेष के लिए विशेष सामग्रियों को एमईआईएस समर्थन के विषय का समाधान निकाला जाना चाहिए। सुरेश प्रभु ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय देश के मार्केट प्रोफाइल को समझने के लिए भारतीय राजदूत आवासों तथा मिशनों से समर्थन लेगा और इस पर घरेलू उद्योगों को जानकारी देगा।
सुरेश प्रभु ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय देश के मार्केट प्रोफाइल को समझने के लिए भारतीय राजदूत आवासों तथा मिशनों से समर्थन लेगा और इस पर घरेलू उद्योगों को जानकारी देगा।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय हाल में निर्यात को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारणों को समझता है, विशेषकर अमरीका को निर्यात के संबंध में। इन कारणों में अमेरिका में खरीदारों की क्रय शक्ति के साथ एकजुट होना, यूएस एएनडीए की अधिक संख्या में मंजूरी के कारण दवा कीमत पर दबाव, विदेशी नियामक मामले शामिल हैं।
भारतीय फार्मा उद्योग विश्व स्तर पर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। विश्व उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है और मूल्य के मामले में विश्व स्तर पर 2.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है। निर्यात भारतीय फार्मा उद्योग के कुल कारोबार का 50 प्रतिशत से अधिक है।
2017-18 में फार्मा निर्यात 17.27 बिलियन अमरीकी डॉलर का था। इसमें ड्रग फ़ार्मूलेशन और बायोलॉजिकल 12.91 बिलियन डॉलर और बल्क ड्रग्स एंड ड्रग इंटरमीडिएट 3.54 बिलियन डॉलर शामिल है।
अप्रैल-दिसंबर 2018-19 के लिए फार्मा निर्यात 13.94 बिलियन अमरीकी डालर है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.32 प्रतिशत अधिक है। अमेरिका और यूरोपीय संघ के सबसे महत्वपूर्ण और प्रतिस्पर्धी बाजारों में निर्यात क्रमशः 8.74 प्रतिशत और 12.88 प्रतिशत बढ़ा है।