मोदी ने राष्ट्र को नेशनल वॉर मेमोरियल किया समर्पित, गांधी-नेहरू परिवार पर साधा निशाना

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नयी दिल्ली । कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर शहीदों के बलिदान की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि बोफोर्स से लेकर हेलीकॉप्टर तक सभी मामलों की जांच का एक ही परिवार तक पहुंचना बहुत कुछ कह जाता है। उन्होंने कहा कि अब यही लोग इस बात के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं कि भारत में राफेल विमान न आ पाए। प्रधानमंत्री ने ‘‘राष्ट्रीय समर स्मारक’’ राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा, ‘‘वे कौन सी वजह थीं, जिसके चलते किसी का ध्यान शहीदों के लिए स्मारक पर नहीं गया। आज देश को राष्ट्रीय समर स्मारक मिलने जा रहा है लेकिन राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल की भी तो यही कहानी थी।’’ गांधी-नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल से लेकर अस्पताल तक, हाईवे (राजमार्ग) से लेकर एयरपोर्ट (हवाई अड्डे) तक, स्टेडियम से लेकर अवॉर्ड (पुरस्कार) तक- हर जगह एक ही परिवार का नाम जुड़ा रहता था।
मोदी ने कहा कि आज देश का हर फौजी, हर नागरिक ये सवाल पूछ रहा है कि आखिर शहीदों के साथ ये बर्ताव क्यों किया गया? देश के लिए खुद को समर्पित करने वाले महानायकों के साथ इस तरह का अन्याय क्यों किया गया? प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इंडिया फर्स्ट और फैमिली फर्स्ट का जो अंतर है, वही इसका जवाब है।’’ प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार को राष्ट्र के प्रति समर्पित बताया। नेहरू-गांधी परिवार पर प्रहार जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि बोफोर्स से लेकर हेलीकॉप्टर तक, सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंचना, बहुत कुछ कह जाता है। अब यही लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं कि भारत में राफेल विमान न आ पाए। मोदी ने कहा, ‘‘ अगले कुछ महीनों में जब देश का पहला राफेल, भारत के आसमान में उड़ान भरेगा, तो खुद ही इनकी सारी साजिशों को ध्वस्त कर देगा। सेना और देश की सुरक्षा को उन लोगों ने अपनी कमाई का साधन बना लिया है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी दल राफेल विमान सौदे में घोटाले का आरोप लगाता रहा है और इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की सरकार से मांग करता रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को संसद सत्र के दौरान भी उठाया और इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद में कामकाज बाधित रहा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मेरा ये स्पष्ट मानना है कि मोदी महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस देश की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास सबसे ऊपर है। मोदी रहे न रहे, परंतु इस देश के करोड़ों लोगों के त्याग, तपस्या, समर्पण, वीरता और उनकी शौर्यगाथा अजर-अमर रहनी ही चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय समर स्मारक को बनाने और राष्ट्र को समर्पित करने का सौभाग्य भी हमारी ही सरकार को मिला। करीब ढाई दशक पहले इस स्मारक की फाइल चली थी। बीच में अटल जी की सरकार के समय बात आगे बढ़ी लेकिन उनकी सरकार के जाने के बाद स्थिति फिर जस की तस हो गई। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि शायद शहीदों को याद करके उन्हें कुछ मिल नहीं सकता था, इसलिए उनको भुलाना ही उन्हें आसान लगा।

सेना को मजबूत बनाने में अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सेना के लिए अत्याधुनिक राइफलों को खरीदने और उन्हें भारत में बनाने का काम भी हमारी सरकार ने ही शुरू किया है। हाल ही में सरकार ने 72 हजार आधुनिक राइफल की खरीद का ऑर्डर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 25 हजार करोड़ रुपए का गोला-बारूद और गोलियां मिशन मोड में खरीदी है। भारतीय सेना की शक्ति को आज वैश्विक पटल पर सम्मान भी दिया जा रहा है।मोदी ने कहा किभारतीय सेना एक ऐसी सेना है, जो शांति की स्थापना के लिए हथियार उठाती है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं पुलवामा में शहीद हुए वीर सैनिकों और भारत की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले हर बलिदानी को नमन करता हूं। ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत आज नई रीति और नई नीति से आगे बढ़ रहा है, मजबूती के साथ विश्व पटल पर अपनी भूमिका तय कर रहा है। इसमें एक बड़ा योगदान आपके शौर्य और समर्पण का है।

उन्होंने कहा कि हमारी सोच का केंद्रबिंदु हमारे सैनिक, फौजी भाई हैं। देश की सेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं। जिन फैसलों को नामुमकिन समझा जाता था, उन्हें मुमकिन बना रहे हैं। मोदी ने कहा कि हमने रक्षा उत्पादन के पूरे वातवारण में बदलाव की शुरुआत की है। लाइसेंसिंग से निर्यात प्रक्रिया तक, हम पूरी प्रणाली में पारदर्शिता ला रहे हैं। हमारे प्रयासों में दुनिया के बड़े-बड़े देश हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि 2016 में हमारे ‘‘अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू’’ में 50 देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया था। यही कारण है कि एक के बाद एक देश हमारे साथ रक्षा सहयोग के समझौते करना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि साल 2009 में सेना ने 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की थी। 2009 से लेकर 2014 तक पाँच साल बीत गए, लेकिन सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं खरीदी गई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमारी ही सरकार है जिसने बीते साढ़े चार वर्षों में 2 लाख 30 हजार से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदी है। हमारी सरकार देश की सेना को मजबूत करने के लिए उसे अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट, हेलीकाप्टर, पनडुब्बियों, जहाज और अन्य हथियारों से युक्त कर रही है।’’

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