पालिका के नालीमुक्त गली निर्माण से गरीबों पर पड़ रहा है आर्थिक भार, सरकार के प्रति लोगों में रोष

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फर्रुखनगर, (रोहित कुमार ) : फर्रुखनगर पालिका द्वारा नालीमुक्त गली निर्माण अभियान गरीब परिवारों के गले की फांस बनता जा रहा है। नाली बंद करने करने के नाम पर गरीब परिवारों पर 5 से 15 हजार तक की आथिर्क मार पड़ रही है। आला अधिकारियों तक गुहार लगाने के बाद भी गरीब लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है। जिसके चलते लोगों सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है।

कस्बावासी भीमसिंह सारवान, रणबीर सिंह सारवान, अधिवक्ता विनय यादव, आंनद सिंह, रामनिवास, रवि कुमार, सतेंद्र सिंह, महाबीर जाटव, विजय कुमार आदि ने बताया कि कहने को सरकार गरीब परिवारों की आर्थिक हालत मजबूत करने के लिए अनेकों योजनाये लागू कर रही है लेकिन नगरपालिका फर्रुखनगर द्वारा तुगलकी फरमान जारी करने लोगों नाली मुक्त गली निर्माण के नाम पर आर्थिक बोझ डालने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाओं के नाम पर न केवल सड़क निर्माण के लिए करीब दो फीट गहराई करके सड़क निर्माण किया जा रहा है वहीं बरसात व घरों से निकलने वाले पानी की निकासी के लिए भी नाले नहीं बनाये गए है। रेन वाटर हारवैस्टींग सिस्सट की कोई व्यवस्था की जा रही है। वर्षो से बाजार व शहर के रिहायसी आबादी वाले सभी वार्डो से बरसाती व घरेलू पानी निकासी के लिए नालिया बनाई जाती रही है। शहर के चारों तरफ व फिरनी के दोनों तरफ बडे नालों का निर्माण कराया जा रहा है। मौजूदा पालिका प्रशासन व कुछ पार्षद अपने स्तर पर अपने वार्डों में गलियों को नाली मुक्त कर रहे है। घरेलू पानी व बरसाती पानी को सिवर में जबरन डलवाया जा रहा है। जिसके कारण लोग 5000 से 15000 रुपए तक का प्लास्टीक के पाइप, मजदूरी, मिस्त्री, प्लम्बर, सीमेंट आदि पर खर्चा करने पर मजबूर हो रहे है। कई वार्डो में 50 प्रतिशत से अधिक अनुसुचित जाति व गरीब परिवार के लोग रहते है। जो इतना खर्चा वहन करने में सार्मथ नहीं है।

इस बारे में स्थानीय नपा प्रशासन, एसडीएम पटौदी को लिखित में कई बार शिकायत कर चुके है। लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि सिवरेज से घरों व बरसाती पानी को जोडने के नाम पर हार्डवेयर का समान बेचने वाले दुकानदारों को लाभ पहुचाने का कार्य किया जा रहा है। जबकि जनस्वाथ्य एंव अभियानत्रिकी विभाग फर्रुखनगर द्वारा प्रत्रक्रमांक 798 दिनांक 31 दिसम्बर 2018 द्वारा सचिव नगरपालिका फर्रुखनगर को अवगत कराया जा चुका है क सीवरेज के मैन हॉल में घरेलू व बरसात के पानी को न जोडा जाये। बावजूद इसके भी पालिका प्रशासन मानने को तैयार नहीं है। जो गरीब परिवारों के उपर जबरन आर्थिक भार डाला जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए का कि अगर नपा इस नाली मुक्त गली निर्माण पर अडिंग है तो गरीब परिवारों के लोगों को घरेलू व बरसाती पानी सीवरेज से जोडने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करे।
शहर के चारों तरफ व फिरनी के दोनों तरफ बडे नालों का निर्माण कराया जा रहा है। मौजूदा पालिका प्रशासन व कुछ पार्षद अपने स्तर पर अपने वार्डों में गलियों को नाली मुक्त कर रहे है। घरेलू पानी व बरसाती पानी को सिवर में जबरन डलवाया जा रहा है। जिसके कारण लोग 5000 से 15000 रुपए तक का प्लास्टीक के पाइप, मजदूरी, मिस्त्री, प्लम्बर, सीमेंट आदि पर खर्चा करने पर मजबूर हो रहे है। कई वार्डो में 50 प्रतिशत से अधिक अनुसुचित जाति व गरीब परिवार के लोग रहते है। जो इतना खर्चा वहन करने में सार्मथ नहीं है।

इस बारे में स्थानीय नपा प्रशासन, एसडीएम पटौदी को लिखित में कई बार शिकायत कर चुके है। लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि सिवरेज से घरों व बरसाती पानी को जोडने के नाम पर हार्डवेयर का समान बेचने वाले दुकानदारों को लाभ पहुचाने का कार्य किया जा रहा है। जबकि जनस्वाथ्य एंव अभियानत्रिकी विभाग फर्रुखनगर द्वारा प्रत्रक्रमांक 798 दिनांक 31 दिसम्बर 2018 द्वारा सचिव नगरपालिका फर्रुखनगर को अवगत कराया जा चुका है क सीवरेज के मैन हॉल में घरेलू व बरसात के पानी को न जोडा जाये। बावजूद इसके भी पालिका प्रशासन मानने को तैयार नहीं है। जो गरीब परिवारों के उपर जबरन आर्थिक भार डाला जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए का कि अगर नपा इस नाली मुक्त गली निर्माण पर अडिंग है तो गरीब परिवारों के लोगों को घरेलू व बरसाती पानी सीवरेज से जोडने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करे।

नगरपालिका चेयरमैन सुमन यादव का कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत नालियों को बंद करने का प्रावधान है। अभियान के तहत फर्रुखनगर में बनाई जा रही अधिकांश गलियों को नाली मुक्त किया जा रहा है। जिससे शहर साफ सुथरा ते होगा ही साथ में बिमारियों से भी मुक्ती मिलेगी। वहीं कम सफाई कर्मचारियों से काम चल जाएगा और बचत के पैसे को शहर के विकास पर खर्च किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सरकार के नियमों के तहत जो सफाई कर्मचारी कॉट्रैक्ट बेस पर लगे हुए है। अब सरकार के आदेशानुसार सफाई का ठेका एक वर्ष के लिए न छोड कर प्रत्येक पखवाडे के अनुसार आगे बढ़ाये जा रहे है। शहर गंदगी मुक्त होने के बाद उन कर्मचारियों को हटा दिया जाएगा। जिससे सफाई के नाम पर पालिका राजस्व पर पडने वाला अतिरिक्त भार कम होगा।

उन्होंने बताया कि शहर में जो विकास कार्य कराये जा रहे है वह पिछले सदन द्वारा स्वीकृत है। उन अधूरे कार्यो को सुचारु रुप से कराया जा रहा है। ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पडें। उन्होंने कस्बावासियों से अपील करते हुए कहा कि वह स्वच्छता अभियान में पालिका का सहयोग करे।
उन्होंने बताया कि सरकार के नियमों के तहत जो सफाई कर्मचारी कॉट्रैक्ट बेस पर लगे हुए है। अब सरकार के आदेशानुसार सफाई का ठेका एक वर्ष के लिए न छोड कर प्रत्येक पखवाडे के अनुसार आगे बढ़ाये जा रहे है। शहर गंदगी मुक्त होने के बाद उन कर्मचारियों को हटा दिया जाएगा। जिससे सफाई के नाम पर पालिका राजस्व पर पडने वाला अतिरिक्त भार कम होगा।

उन्होंने बताया कि शहर में जो विकास कार्य कराये जा रहे है वह पिछले सदन द्वारा स्वीकृत है। उन अधूरे कार्यो को सुचारु रुप से कराया जा रहा है। ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पडें। उन्होंने कस्बावासियों से अपील करते हुए कहा कि वह स्वच्छता अभियान में पालिका का सहयोग करे।

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