गोरखपुर : गोरखपुर में कर्ज में डूबे शहर के तेल-घी व्यापारी ने परिवार को जहर देकर मार दिया और फिर खुद ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी। मरने वालों में व्यापारी के अलावा पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां शामिल हैं। अब परिवार में किराये पर मकान लेकर अलग रहने वाला एक बेटा बचा है। मरने से पहले बड़ी बेटी ने मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों को बताया कि परिवार कर्ज से परेशान था और सबने रजामंदी के साथ खुदकुशी की है।
राजघाट थाना क्षेत्र के हसनगंज निवासी रमेश चंद गुप्ता महेवा मंडी में तेल-घी का कारोबार करते थे। रविवार को इनके पूरे परिवार के मरने की खबर से पूर इलाका दहल उठा। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि 50 वर्षीय रमेश चंद गुप्ता का परिवार एक छोटे से मकान में रहता है। शनिवार की रात में किसी समय रमेश गुप्ता ने अपनी पत्नी 45 वर्षीय सरिता, 20 वर्षीय बेटी रचना उर्फ लवली, 15 वर्षीय बेटी पायल तथा 10 वर्षीय बेटा आयूष को जहरीला पदार्थ पिला सुला दिया।
रोजाना की तरह सुबह 8.30 बजे सीढ़ियों से नीचे उतरे और हार्बट बांध होते हुए सूरजकुंड रेलवे ट्रैक की तरफ चले गए। बाद में उसकी लाश ट्रैक के पास मिली। बड़े बेटे रजत के मुताबिक मरने से पहले उन्होंने फोन कर बताया था कि उसकी बहन की तबीयत खराब है और वह डॉक्टर के पास नम्बर लगाने जा रहे हैं।
उन्होंने रजत से घर पहुंचने को कहा था। परिवार जनों के मुताबिक रमेश के घर से निकलने के कुछ देर बाद ही बड़ी बेटी रचना कमरे से किसी तरह से बाहर आंगन तक आई और वहीं से नीचे मौजूद अपनी भाभी (चचेरे भाई की पत्नी ) को आवाज देने लगी। भाभी पूर्णिमा ऊपर गई तो कमरे का मंजर देखकर दंग रह गई। रचना की मां सरिता, बहन पायल तथा छोटा भाई आयूष मृत पड़े हुए थे।
उनकी हालत ऐसी ही थी नींद में ही मौत के आगोश में चले गए हों। मंजर देख पूर्णिंमा चींखने लगी जिसके बाद परिवार के अन्य लोग आए और पुलिस को सूचना दी गई। रचना को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया मगर दोपहर तक उसने भी दम तोड़ दिया। व्यापारी रमेश गुप्ता की बड़ी बेटी रचना ने दम तोड़ने से पहले कहा-कर्ज से तंग आकर पूरे परिवार ने जहर खाया है।
मेडिकल कालेज में जब रचना को होश आया तो उसने कई बार पानी मांगा। दम तोड़ने से पहले उसने बताया कि परिवार कर्ज से तंग आ गया था इसलिए सबने जहर खा लिया।