लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज कहा कि बसपा के साथ-साथ रालोद के संग भी उनका गठबंधन बिल्कुल तय है और लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई समस्या पैदा नहीं होगी। अखिलेश ने बताया कि बसपा के साथ साथ रालोद और निषाद पार्टी जैसी छोटी पार्टियों के साथ हमारा गठबंधन तय है और सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं होगी। इस पर जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा। हम उत्तर प्रदेश में एक मजबूत ताकत के रूप में उभरे हैं, जिससे भाजपा के नेताओं का लहजा और शब्द बदल गए हैं। वे अब हमारे खिलाफ खराब भाषा का इस्तेमाल करने लगे हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा, उत्तर प्रदेश हमेशा से ही देश की राजनीति में बदलाव लाता रहा है। इस बार उत्तर प्रदेश के लोग देश का प्रधानमंत्री बदल देंगे। हमारी लड़ाई भाजपा के साथ है और हमें जनता का सहयोग मिल रहा है। हालांकि अखिलेश अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इस सवाल को टाल गए। सपा प्रमुख ने कांग्रेस से किसी भी तरह का तालमेल ना होने की बात भी दोहरायी। उन्होंने कहा आखिर हमारा कांग्रेस के साथ कोई आपसी समझ कैसे हो सकता है। वह एक राष्ट्रीय पार्टी है। हमने उसके लिये अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटें दी हैं। इस वक्त मेरा पूरा ध्यान उत्तर प्रदेश पर है। इसके अलावा मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी सपा 1-2 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी। हम वहां दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन की संभावनाएं तलाशेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मित्रता के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि वह इस समय इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहते। राष्ट्रीय लोक दल उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ हाल में हुई मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि हमारा गठबंधन तय है। हमने कैराना लोकसभा उप चुनाव में रालोद नेता तबस्सुम हसन को खड़ा किया था और उन्हें जीत हासिल हुई थी। हम रालोद को मथुरा और बागपत की सीटें देंगे, जो वे चाहते थे, लिहाजा अब गठबंधन में कोई समस्या नहीं है। अखिलेश ने अपने चाचा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह यादव को भाजपा द्वारा वित्तपोषित किए जाने के बसपा प्रमुख मायावती के आरोप के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे।
सपा अध्यक्ष ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि इस पार्टी ने उत्तर प्रदेश मैं अपने प्रभारी को सिर्फ इसलिए बदला ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट बचाई जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बड़े बड़े वादे करने के बावजूद जमीन पर कोई काम नहीं किया। भाजपा के सांसद कभी अपने क्षेत्र में नहीं गए। अब यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी अपने 60% उम्मीदवारों को बदलने जा रही है। लेकिन यह सारी तरकीबें काम नहीं आएंगी। इलाहाबाद में हो रहे कुंभ के आयोजन पर अखिलेश ने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने जगह-जगह जाकर गणमान्य लोगों को कुंभ आने का न्योता दिया, जबकि कुंभ के लिए किसी को निमंत्रण नहीं दिया जाता। लोग मोक्ष प्राप्ति के लिए कुंभ जाते हैं। क्या भाजपा के लोग उन व्यक्तियों को मोक्ष दिलाने गए थे?
उत्तर प्रदेश में अपराधों का ग्राफ गिरने के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के दावे के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि केंद्र सरकार के आंकड़े तो यह भी कहते हैं कि सरकार ने युवाओं को रोजगार दिया है लेकिन क्या वाकई ऐसा हुआ है? प्रदेश की कानून व्यवस्था के बारे में कुछ भी छुपा नहीं है। यह झूठ ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा। खनन मामले में सीबीआई द्वारा पूछताछ की संभावना के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि वह सीबीआई के हर सवाल का जवाब दे देंगे, लेकिन यह भी सच है कि यह सब कुछ लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा अपनाया जा रहा हथकंडा है। उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा कि वह नहीं चाहते कि उनकी पत्नी और कन्नौज से सांसद डिंपल यादव अगला लोकसभा चुनाव लड़ें। हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला वह खुद लेंगी।