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मोदी सरकार को दे सकते हैं जोर का झटका
लखनऊ : लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजनीति हर रोज नया रंग दिखा रही है। बीजेपी से लड़ने के लिए विपक्षी पार्टियां लगातार अपने खेमे की मजबूती में जुटे हैं। राजनीतिक रूप से बेहद अहम उत्तर प्रदेश में बीजेपी को पटखनी देने के लिए समाजवादी पार्टी एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका देने के लिए समाजवादी पार्टी खास फॉर्मूला तैयार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सपा अनुप्रिया पटेल के अपना दल एस और कृष्णा पटेल के अपना दल को एक साथ महागठबंधन में लाने के लिए तैयार किया है।
सपा अनुप्रिया पटेल की अपना दल एस को गठबंधन में शामिल करके और कृष्णा पटेल को अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने की पेशकश कर सकती है। समाजवादी पार्टी एनडीए के सभी सहयोगियों को महागठबंधन के खेमे में लाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। कृष्णा पटेल सपा-बसपा से भी बातचीत में होने की बात पहले ही कह चुकी हैं। अनुप्रिया और आशीष पटेल भी बीजेेपी को हालात न सुधारने पर एनडीए छोड़ने की चेतावनी दे चुके हैं।
कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया के साथ एक गठबंधन में जाने के सवाल पर संकेत दिया था। उन्हें बेटी के साथ किसी गठबंधन का हिस्सा बनने में आपत्ति नहीं होगी। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल सहित के साथ अन्य छोटे दलों ने मिलकर गठबंधन बना रहे हैं। हालांकि औपचारिक ऐलान बाकी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना दल एनडीए का हिस्सा थी। चुनाव में अपना दल को दो सीटें आई थीं।
अखिलेश यादव से मिले जयंत चौधरी, गठबंधन पर हुई चर्चा
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बन रहे गैर कांग्रेसी गठबंधन की कवायद के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात में सीटों के बंटवारे पर कोई बात हुई या नहीं इस पर चौधरी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सपा कार्यालय में मंगलवार को अखिलेश से मुलाकात के बाद रालोद उपाध्यक्ष ने कहा, ‘अखिलेश के साथ राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई, आगे क्या होना चाहियें इस पर भी चर्चा हुई।’ उनसे पूछा गया कि क्या गठबंधन में रालोद को मिलने वाली सीटों पर भी चर्चा हुई इस सवाल को उन्होंने टालते हुये कहा ‘‘सीटों की बेचैनी मीडिया को है, सारी बाते साफ होंगी, सस्पेंस बनायें रखे।’
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन के सवाल को वह टाल गये। केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर अगड़ों को आरक्षण दिये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘भाजपा का एजेंडा रहता है कि मुद्दों को छोड़ दें, हल न निकालें, कोई भी घोषणा का क्रियान्वयन नहीं होता है केवल शगूफा छोड़ दिया जाता है।’ गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी और बसपा के बीच हुए गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल का भी अहम हिस्सा है, पिछले दिनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच मुलाकात हुई थी, जिसमें सीटों के बंटवारे को लेकर खबरें आम हुई थीं। इसमें राष्ट्रीय लोकदल को गठबंधन में दो से तीन सीटें दिए जाने की बात सामने आई थीं लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी थी।