नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक खेला है! मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि वह सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देगी। सोमवार को मोदी कैबिनेट की हुई बैठक में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा.
सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है।
सरकार के इस बड़े फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए. पीएम मोदी की नीति है कि सबका साथ सबका विकास। सरकार ने सवर्णों को उनका हक दिया है। पीएम मोदी देश की जनता के लिए काम कर रहे हैं।
मालूम हो कि करीब दो महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार हुई थी। इस हार के पीछे सवर्णों की नाराजगी को अहम वजह बताया जा रहा है।
हालांकि इससे पहले सवर्ण वर्ग मोदी सरकार से खासा नाराज दिखाई दे रहा था और एससी एसटी एक्ट लाने के बाद से लगातार विरोध से सुर दिखाई दे रहे थे, लेकिन अब इस आरक्षण के बाद मोदी सरकार ने सवर्णों को अपनी तरफ लुभाने की पूरी कोशिश की है।
अभी संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है, लेकिन सरकार अब इसमें संसोधन की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार संविधान में बदलाव करेगी और संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में बदलाव किया जाएगा, उसके बाद ही आरक्षण का रास्ता साफ हो पाएगा।
जानिये किसे मिलेगा आरक्षण का लाभ
जिनकी सालाना आय आठ लाख रुपये से कम हो।
जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन हो।
जिनके पास एक हजार स्क्वायर फीट से कम का मकान हो।
जिनके पास निगम की 109 गज से कम अधिसूचित भूमि हो।
निगम से बाहर वालों के 209 गज से ज्यादा अधिसूचित भूमि ना हो।
जो अभी तक किसी आरक्षण के अंतर्गत ना आते हों।