संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हुआ रूस

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अपने बचाव की दृष्टि से रूस को लगा बड़ा झटका 

मतदान में हंगरी ने हराया 

संयुक्त राष्ट्र : एक विदेशी न्यूज चैनल ने दावा किया है कि सीरिया में अपनी नीतियों के संबंध में युद्ध अपराध के आरोपों का सामना कर रहे रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर होना पड गया. उसे इस महत्वपूर्ण परिषद् से अपनी सीट गंवानी पड़ी है. उल्लेखिन्य है कि संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था पूरे विश्व में मानव अधिकारों को प्रोत्साहित करने व संरक्षण की दिशा में काम करती है.

14 सदस्य राष्ट्रों का चुनाव

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जिनीवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 14 सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान कराया था. 193 सदस्यीय महासभा ने मानवाधिकार परिषद के लिए गुप्त मतदान द्वारा 14 सदस्य राष्ट्रों का चुनाव किया था. इनमें ब्राजील, चीन, क्रोएशिया, क्यूबा, मिस्र, हंगरी, इराक, जापान, रवांडा, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ट्यूनीशिया, ब्रिटेन और अमेरिका को 1 जनवरी, 2017 से तीन वर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्य चुना गया है. भारत 47 सदस्यीय मानवाधिकार निकाय का सदस्य है . इसका कार्यकाल 2017 में खत्म होगा.

रूस को 112 वोट मिले जबकि हंगरी को 144

बताया जाता है कि रूस दोबारा इस निकाय का सदस्य बनना चाहता था और पूर्वी यूरोप ब्लॉक की दो सीटों के लिए उसका मुकाबला हंगरी, क्रोएशिया और बुल्गारिया से था. मतदान में रूस को 112 वोट, क्रोएशिया को 114 वोट और हंगरी को 144 वोट मिले.

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