दीवाली पर पीएम ने की ख़ास “मन की बात “

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नई दिल्‍ली : शायद देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात का अंदाजा दो वर्ष पूर्व नहीं होगा कि देश के आम जनमानस से संवाद करने के लिए जिस परम्परा का आरम्भ करने जा  रहे हैं वह किसी दीवाली की तिथि को भी संभव होगा. लेकिन आज वह दिन भी आया जब उन्हें अपने मन की बात कहने का खास अवसर सबसे खास त्यौहार दीवाली के दिन मिला. इस मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम ने देश को दीवाली की शुभकामनाएं दीं व सुरक्षित दीवाली मनाने की अपील भी की.

इसमें कोई दो राय नहीं कि उनके ‘मन की बात’ का यह 25वां संस्‍करण दीवाली के दिन होने से यादगार व ऐतिहासिक बन गया है. इससे पहले देश के सभी प्रधानमन्त्री व राष्ट्रपति मिडिया व अखबार के माध्यम से लोगों को अपनी शुभकामनाएं देते थे. लेकिन वर्त्तमान पीएम मोदी को जनता से सीधा संवाद करने का अवसर मिला.

‘मन की बात’ में पीएम ने क्‍या कहा ?

– कहा.. उत्साह एवं उत्सव का पर्व दिवाली मनाएं

– दीवाली का दीया जलाकर गरीबी, निरक्षरता, अंधविश्वास के अंधकार से मुक्ति का संकल्प लें

– दीपावली स्वच्छता का पर्व है, इसलिए दीवाली घर तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए बल्कि बाहर भी होनी चाहिए

– देशवासियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छठ पूजा की भी अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि यह भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व है

– प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार की दीवाली हमारे सेना और सुरक्षा बलों को समर्पित है . आज पूरा देश जवानों के साथ खड़ा है.

– उन्होंने कहा कि सिक्किम और हिमाचल प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो गए है . जल्द ही केरल भी इसमें शामिल होने वाला है. यह ख़ुशी की बात है कि कई अन्य राज्यों में खुले में शौच से मुक्त बनने की दिशा में तेजी से काम हो रहे हैं.

– पीएम ने कहा कि समय की मांग है कि हम देश के गरीबों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिये काम करें.

– अमेरिका में दीवाली का पोस्‍टर स्‍टांप जारी किया गया है.

– सिंगापुर में दीवाली मनाई जाती है

– सेना के जवान अपना सबकुछ लुटा रहे हैं, देश के जवानों के प्रति प्‍यार है.

– उन्होंने देशवाशियों से आव्हान किया कि देश के जवानों के लिए दीया जलाएं.

– मीडिया ने भी सेना का आभार जताया  है.

– सेना देश की सुरक्षा में जुटी हुई हैं.

– उन्होंने कहा कि मुसीबतों से मुक्ति मिले, उसके लिए हमें एक-के-बाद एक कदम उठाने ही पड़ेंगे.

-5 करोड़ परिवारों को धुएं से मुक्त जिंदगी देने की कोशिश हो रही है.

-महापुरुषों को पुण्य स्मरण तो हम करते ही हैं, करना भी चाहिए.

-31 अक्टूबर, देश के महापुरुष – भारत की एकता को ही जिन्होंने अपने जीवन का मंत्र बनाया -ऐसे सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म-जयंती का पर्व है.

-31 अक्टूबर, एक तरफ़ सरदार साहब की जयंती का पर्व है, देश की एकता का जीता-जागता महापुरुष, तो दूसरी तरफ़, श्रीमती गाँधी की पुण्यतिथि भी है.

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