गुरदास पुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरदासपुर से भाजपा के लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों का इतिहास राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने का रहा है। इन लोगों ने दंगों के आरोपियों को सीएम पद का पुरस्कार दिया। 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि एक परिवार के इशारे पर आरोपियों को ‘सज्जन’ बताकर फाइलें दबा दी गई थीं। कांग्रेस ने पहले देश को गरीबी हटाओ के नारे पर ठगा था, अब कर्ज माफी के नाम पर ठग रही है। प्रधानमंत्री ने कहा- जिनका इतिहास हजारों सिख भाई-बहनों की बेरहमी से हत्या का हो और जो आज भी दंगों के आरोपियों को मुख्यमंत्री पद का पुरस्कार दे रहे हैं, उन लोगों से पंजाब समेत देशवासियों को सतर्क रहने की जरूरत है।
During the Cabinet meeting yesterday, a landmark decision was taken that benefits the MSME sector.
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— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2019
एक परिवार के इशारे पर जिन-जिन आरोपियों को “सज्जन’ बताकर फाइल दबा दी गई, एनडीए सरकार ने उनको बाहर निकाला। एसआईटी का गठन किया और परिणाम सबके सामने है। उन्होंने कहा- पंजाब की स्थिति कुछ अलग नहीं है। यहां भी किसानों की आंख में धूल झोंककर कांग्रेस सत्ता में आ गई। कर्जमाफी का झूठा वादा कर वोट हासिल कर लिया। कांग्रेस के लोगों ने संसद में खुद ही मान लिया है कि उन्होंने 1.5 साल में सिर्फ 3400 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया। जिन गरीब किसानों ने कर्ज लिया था, उसे तो इसका लाभ ही नहीं मिला। मोदी ने कहा, “पंजाब में रावी की धारा बहती थी, लेकिन किसान बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते थे। पानी के लिए किसानों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। जैसे कांग्रेस ने देश को गरीबी हटाओ के नारे के साथ ठगा था, उसी तरह वह अब देश को कर्जमाफी के नाम पर ठग रही है।”
आगे उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पंजाब के स्वास्थय के क्षेत्र में भी प्रगति की भी पक्षधर है इसी के तहत भटिंडा में एम्स बन रहा है। लाखों बहनों को रसोई गैस कनेक्शन मिला है। हमारी सरकार कई सारी परियोजनाएं लाई है। गुरूघर हो, गुरूद्वारा हो या लंगर हों इन सभी आयोजनों को जीएसटी से अलग रखा गया है। पहले साबुन, पर बर्तन पर,और किसी भी उपयोग में आने वाली किसी चीज पर आप कितना टैक्स देते थे दिखता नहीं था पर जीएसटी में सब दिखता है। इसी को पारदर्शिता कहते हैं। छोटे व्यापपारियों के लिए भी जीएसटी आसान करने के लिए कौंसिल से लगातार बात की जा रही है।