आधार संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, 18 साल पूरे होते ही बच्चे रद्द करा सकेंगे आधार

Font Size

नई दिल्ली : सरकार ने कल लोकसभा में एक विधेयक पेश किया जिसमें आधार नबंर रखने वाले नाबालिगों को 18 साल का होने पर अपनी आधार संख्या को रद्द करने का विकल्प होगा। विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में बुधवार को ‘आधार और अन्य विधियां (संशोधन) विधेयक-2018’ पेश किया। वहीं इसके अनुसार, बैंक खाता और मोबाइल फोन कनेक्शन जैसी सेवाओं के लिए आधार स्वैच्छिक होगा। साथ ही इसमें आधार के उपयोग के लिए तय नियम तोड़ने पर सख्त सजा देने का प्रावधान है।

विधेयक में कहा गया है कि आधार संख्या का ऑफलाइन सत्यापन या किसी अन्य तरीके से भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपयोग सिर्फ आधार धारक की सहमति से ही किया जा सकता है। कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा कि यह विधेयक समयपूर्व है क्योंकि सरकार अब तक डेटा संरक्षण कानून को अमल में नहीं ला सकी जो नागरिकों की निजता की सुरक्षा के लिए जरूरी है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन सदस्यों की आपत्तियों को आधारहीन बताया और कहा कि यह विधेयक कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही लाया गया और इससे आदेश का किसी तरह का उल्लंघन नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि इसमें निजता के अधिकार का भी कोई हनन नहीं होगा क्योंकि इसमें निजता को सुरक्षित रखा गया है। मंत्री ने कहा कि डेटा संरक्षण से जुड़ा विधेयक तैयार है और इसे जल्द लाया जाएगा। साल 2018 में 27 जुलाई को न्यायमूर्ति सेवानिवृत बी एन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञों की समिति ने अपनी एक रिपोर्ट प्रस्तुत की और आधार अधिनियम में कुछ संशोधन सुझाए थे।

You cannot copy content of this page