सावधान ! गुरुग्राम में एक फ़रवरी से सूखा और गीला कचरा अलग-अलग देना होगा

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– नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल क्षेत्रीय निगरानी समिति की चेयरपर्सन राजवन्त संधु  ने विकेन्द्रीकृत ठोस कचरा प्रबंधन पर दिया बल 
–    नगर निगम कार्यालय में क्षेत्रीय निगरानी समिति की बैठक आयोजित 

गुरूग्राम। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की  क्षेत्रीय निगरानी समिति की चेयरपर्सन राजवन्त संधु की अध्यक्षता में वीरवार को नगर निगम गुरूग्राम के कार्यालय में क्षेत्रीय निगरानी समिति की बैठक का आयोजन किया गया।  बैठक में श्रीमती संधु ने अधिकारियों से कहा कि वे प्राथमिक स्तर पर ही गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करने की प्रक्रिया को बढ़ावा दें। इसके साथ ही विकेन्द्रीकृत ठोस कचरा प्रबंधन तथा होम कंपोस्टिंग को प्रोत्साहित करें। उन्होंने सुझाव दिया कि प्राथमिक स्तर पर गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करने के प्रति नागरिकों को प्रथम चरण में जागरूक करें तथा एक समय सीमा निर्धारित कर उसके बाद घरों से मिश्रित कचरा एकत्रित ना करें। इस पर निगमायुक्त ने बताया कि नगर निगम गुरूग्राम क्षेत्र में पहली फरवरी से केवल अलग-अलग कचरा ही एकत्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी तक नागरिकों को कचरा अलग-अलग करने के लिए प्रेरित एवं जागरूक किया जाएगा तथा 1 फरवरी से केवल उन्हीं का कचरा एकत्रित होगा, जो कचरे को अलग-अलग करके देंगे।

    बैठक में नगर निगम गुरूग्राम की ओर से किए जा रहे कार्यों और इनिशिएटिव के बारे में एक प्रैजेंटेशन के माध्यम से श्रीमती संधु को अवगत करवाया गया। बताया गया कि नगर निगम गुरूग्राम तथा नगर निगम फरीदाबाद के लिए एकीकृत ठोस कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी सरकार द्वारा इकोग्रीन एनर्जी को सौंपी गई है। कंपनी घर-घर से कचरा एकत्रित करके उसका परिवहन तथा निस्तारण करने की दिशा में कार्य कर रही है।

इसके तहत कचरे से बिजली बनाने की परियोजना स्थापित की जानी है। कचरे को स्त्रोत पर ही कम करने तथा कचरे से खाद बनाने की परियोजना को बढ़ावा देने हेतु 5 एजेंसियों को एम्पैनल किया गया है। इसके अलावा, मैकेनिकल कंपोस्टिंग के लिए 5 अन्य एजेंसियों को पायलेट परियोजना के तहत कंपोस्टिंग प्लांट लगाने तथा एक माह तक उसका संचालन करने के लिए कहा गया है। सीएंडडी वेस्ट मैनेजमैंट के बारे में बताया गया कि गुरूग्राम में प्रतिदिन 800 टन सीएंडडी वेस्ट पैदा होता है। इसके निस्तारण के लिए आईएलएंडएफएस द्वारा बसई में सीएंडडी वेस्ट प्रबंधन परियोजना पर काम किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर निगम क्षेत्र में 15 स्थानों को सीएंडडी वेस्ट डालने के लिए चिन्हित किया गया है।

सीएंडडी वेस्ट के निस्तारण के लिए 2 मोबाइल यूनिट मंगवाई जा रही हैं, जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर सीएंडडी वेस्ट का प्रबंधन करेंगी। सीएंडडी वेस्ट के उठान के लिए एजेंसियों को एम्पैनल किया जा रहा है। इसके साथ ही रात्रि के समय चार स्वीपिंग मशीनों के माध्यम से मुख्य सडक़ों की सफाई का कार्य निरंतर जारी है। 

    सीवरेज मैनेजमैंट के बारे में बताया गया कि निगम क्षेत्र में स्थित विभिन्न सीवर लाईनों की सफाई करवाई गई है तथा 41 पार्कों में माइक्रो सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा, 6 गांवों में अमरूत योजना के तहत सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट स्थापित करने की योजना पर कार्य चल रहा है। सक्शन टैंक की सफाई करने वाले टैंकरों को पंजीकृत किया जा रहा है तथा पंजीकृत टैंकर सीवरेज वेस्ट को सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में ही डिस्चार्ज करेंगे। इसके साथ ही स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज में अवैध रूप से जोड़े गए सीवरेज कनैक्शनों को काटा जा रहा है। स्ट्रॉम वाटर प्रबंधन के बारे में बताया गया कि इस बारे में सर्वे किया गया है कि किन स्थानों पर नई स्ट्रॉम वाटर ड्रेन बनाने की आवश्यकता है तथा पूर्व में बनी हुई ड्रेनेज की मरम्मत और उनकी सफाई का कार्य किया जाना है। अब इस बारे में एस्टीमेट तैयार किए जा रहे हैं। सडक़ों, वृक्षों तथा ग्रीन बैल्ट क्षेत्र में रिसाइकिल पानी का छिडक़ाव समय-समय पर जारी है। इसके अलावा, सिटी बस सर्विस, सडक़ों के गड्ढे भरने, पौधारोपण, वर्टीकल गार्डन बनाने, ग्रीन बैल्ट और बांधों का विकास एवं सौंदर्यकरण तथा बादशाहपुर ड्रेन का सौंदर्यकरण एवं विकास सीएसआर के तहत करवाने, रेनवाटर हारवैस्टिंग प्रबंधन, मल्टीलेवल पार्किंग, बायोगैस प्लांट स्थापना आदि के बारे में बैठक में अवगत करवाया गया। बैठक के उपरान्त श्रीमती संधु ने नगर निगम गुरूग्राम द्वारा बागवानी कचरे के प्रबंधन के लिए शुरू किए गए श्रैडर मशीन के कार्य को भी देखा। बागवानी कचरे को श्रैडर मशीन के माध्यम से श्रैड करके ग्रीन बैल्ट एरिया में डाला जाता है, ताकि नमी बनी रहे।

    नेशनल ग्रीन टिब्यूनल की क्षेत्रीय निगरानी समिति की चेयरपर्सन राजवन्त संधु ने कहा कि रैग-पीकर्स के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की सुविधा दी जाए तथा आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन आदि योजनाओं का लाभ उन्हें दिलवाया जाए। इसके साथ ही वार्ड कमेटियों के माध्यम से रैग-पीकर्स के बच्चों को शिक्षा की ओर अग्रसर करने के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि बंधवाड़ी में पड़े हुए मौजूदा कचरे का निस्तारण करें। इसके साथ ही पॉलीथीन के उपयोग पर पूर्णतया पाबंदी लगाते हुए इसका उपयोग करने वालों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बल्क वेस्ट जनरेटर को ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की पालना सुनिश्चित करवाई जाए तथा ऐसा नहीं करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। 

बैठक में निगमायुक्त यशपाल यादव ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 में भागीदारी के लिए नगर निगम गुरूग्राम तैयार है तथा इसके तहत विभिन्न स्थानों पर एक ओर जहां लिटर बिन्स लगाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पुराने कचरा डालने के स्थानों को बंद करके उनका सौंदर्यकरण एवं लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था की जा रही है। ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना में रैग-पीकर्स को शामिल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बल्क वेस्ट जनरेटरों को नोटिस जारी करके उन्हें ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की पालना सुनिश्चित करने के लिए 4 जनवरी तक का समय दिया गया है तथा 5 जनवरी से उन पर पैनल्टी लगाई जाएगी।

एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाईएस गुप्ता ने बैठक में बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट तथा हरियाणा नगर निगम अधिनियम-1994 में वर्णित उल्लंघनाओं पर कार्रवाई करने हेतु नगर निगम द्वारा नई चालान बुक तैयार करवाई गई है तथा एक ही बुक में सभी उल्लंघनाओं पर की जाने वाली कार्रवाई को शामिल किया गया है। इसके साथ ही नागरिकों को गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चल रहा है। इसके तहत नगर निगम और इकोग्रीन के कर्मचारी नागरिकों के पास जाकर उन्हें पम्पलेट के माध्यम से जागरूक कर रहे हैं।

    बैठक में एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाईएस गुप्ता, चीफ इंजीनियर एनडी वशिष्ठ, संयुक्त निगमायुक्त रोहित यादव एवं रविन्द्र यादव, डिप्टी म्यूनिसिपल कमिशनर इन्द्रजीत कुल्हडिय़ा, स्वच्छ भारत मिशन के तहत गठित सिटी प्रोजैक्ट इंप्लीमैंटेशन यूनिट की सिटी लीडर सोनिया दूहन, कार्यकारी अभियंता (स्वच्छता) सौरभ नैन, कार्यकारी अभियंता विकास मलिक, कार्यकारी अभियंता (बागवानी) अजय निराला, आईटी सलाहकार विनोद वर्मा, सहायक अभियंता कुलदीप सिंह सहित इकोग्रीन एनर्जी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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