केएमपी के ठेकेदारों को अब तक नहीं मिला बकाया पैसा, धरने पर बैठे , भूख हड़ताल व केएमपी जाम करने की दी धमकी

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2016 से काम कर रहे ठेकेदार

लगभग 200 करोड़ अब भी बकाया है : ठेकेदार

अगर नहीं मिली राशि तो करेंगे भूख हड़ताल

ठेकेदारों ने दी केएमपी को बंद करने की चेतावनी

गुरुग्राम । मनोहर सरकार की सबसे बड़ी सौगात केएमपी यानी कुंडली मानेसर एक्सप्रेसवे जनता को सौंपा गया लेकिन जिन ठेकेदारों ने इस केएमपी को खड़ा किया उनका आरोप है कि केएमपी बनाने वाली कंपनी पर उनके लगभग 200 करोड़ रुपए बकाया है। सरकार द्वारा भुगतान नहीं करने के कारण विरोध स्वरूप ठेकेदार धरने पर बैठे हैं। अगर भुगतान नहीं किया तो ठेकेदारों ने भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।

उल्लेखनीय है कि 19 नवंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरुग्राम के सुल्तानपुर गांव से केएमपी एक्सप्रेसवे की सौगात जनता को सौंपी गयी थी । यही नहीं मनोहर सरकार ने इस एक्सप्रेस वे को अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया था । केएमपी को बनाने वाले ठेकेदारों का आरोप है कि 2016 से वह के एमपी बनाने में जुटे थे लेकिन जिस कंपनी के साथ वह इसके निर्माण के लिए जुड़े थे उस कंपनी पर इन ठेकेदारों का लगभग 200 करोड़ बकाया है

ठेकेदारों ने पत्रकारों को आपबीती बताई। राजेश ठेकेदार ने कहा कि किसी ने अपनी जीवन की जमा पूंजी दाव पर लगाई तो किसी ने अपनी ज़मीन बेची ओर ऐसे लगभग 60 की संख्या में यह ठेकेदार है जो मानेसर केएमपी टोल पर अपनी लगभग 200 करोड़ रुपए की पूंजी ना मिल पाने के कारण धरने पर बैठे हैं । यहां तक कि इन ठेकेदारों का ये भी कहना है कि जब प्रधानमंत्री केएमपी की सौगात जनता को सौप रहे थे तो इन ठेकेदारों ने कंपनी को वहां धरना देने की भी चेतावनी दी थी लेकिन कंपनी ने उस समय सबको चेक देकर शांत कर दिया । लेकिन मजे की बात यह है कि जब वह चेक बैंक में गया तो वो सभी बाउंस हो गए।

एक ठेकेदार की इस हालत में मृत्यु भी हो गई। उसके भाई मोसिन ने बताया कि ठेकेदारों ने जब मुख्यमंत्री कट्टर को अपनी आपबीती सुनाई तो मुख्यमंत्री ने उन्हें 5 दिन का आश्वासन देकर भेज दिया । अब तक हालात में कोई बदलाव नहीं आया। लिहाजा इन ठेकेदारों के पास केएमपी एक्सप्रेसवे पर धरना देने के आलावा कोई और रास्ता नही बचा ।

अब इन ठेकेदारों का कहना है कि अगर अब भी इनको पैसा नहीं मिलता तो वह केएमपी जाम कर देंगे और भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। अगर फिर भी समाधान नहीं हुआ तो कोर्ट का रास्ता अपनाएंगे

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