गुरुग्राम: शिकोहपुर जमीन घोटाला मामले में काग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ शीघ्र ही कार्रवाई शुरू होगी। इस घोटाले को लेकर हरियाणा सरकार ने दोनों के खिलाफ दर्ज एफआइआर में कार्रवाई की अनुमति दे दी है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में गुरुग्राम पुलिस की ओर से सरकार से अनुमति मांगी गई थी। यह खुलासा गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर के के राव ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में किया।
एक सवाल के जवाब में पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सरकार की हरी झंडी मिलते ही उक्त जमीन घोटाले की जांच शुरू कर दी गई है। इसके लिए संबंधित अधिकारी ने मामले की तह तक जाने के लिए सभी संबंधित पक्षों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि दोनों प्रमुख आरोपियों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है या नहीं।
उल्लेखनीय है कि गत सितंबर माह में नूंह निवासी सुरेंद्र शर्मा ने खेड़की दौला थाने में रोबर्ट वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डीएलएफ एवं ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के खिलाफ जमीन घोटाले का एक मामला दर्ज कराया था। मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पिछले चार माह से पुलिस को प्रदेश सरकार से अनुमति का इंतजार था। इसमें एक आरोपी पूर्व सी एम भी है इसलिए किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिए सरकार की संस्तुति जरूरी थी। कार्रवाई शुरू करने के लिए गुरुग्राम पुलिस ने प्रदेश सरकार से अनुमति मागी थी।
बताया जाता है कि रोबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी ने शिकोहपुर में साढ़े तीन एकड़ भूमि ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से साढ़े सात करोड़ में खरीदी थी।आरोप है कि कामर्शियल लाइसेंस मिलने पर उक्त जमीन को डीएलएफ यूनिवर्सल को 58 करोड़ में बेच दी गई। शिकायत कर्ता का कहना है कि जमीन की डील करने वाले ओंकाश्वेर प्रॉपर्टीज ने न ही स्काईलाइट के खाते में पैसा जमा कराया और न ही स्काईलाइट ने स्टाप ड्यूटी जमा कराई। इससे सरकार के खजाने को नुकसान हुआ।
साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस जमीन के लिए जारी कमर्शियल लाइसेंस भी नियम विरुद्ध दिया गया। जब यह घोटाला हुआ तब प्रदेश के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे। शिकायत में यह आरोप है कि उनके ही इशारे पर यह काम हुआ था।