गुरुग्राम पुलिस की तत्परता से जिला में संगीन अपराधों में कमी आई : के के राव

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पुलिस कमिश्नर ने कहा : दर्ज मामले की जांच को अंतिम रूप देने व कानूनी रूप से अंजाम तक पहुंचाने की गति भी तेज हुई

हत्या, डकैती व लूट की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी

वाहनों के चालान से 23 करोड़ 51 लाख की वसूली

सुभाष चौधरी

गुरुग्राम। गुरुग्राम पुलिस की मुस्तैदी और सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप देने के कारण गुरुग्राम में अपराध का ग्राफ काफी कम हुआ है। बीते वर्ष 2017 की अपेक्षा 2018 के दौरान हत्या, डकैती और लूट की घटनाओं पर अंकुश लगाने में सफलता मिली है। दूसरी तरफ विभिन्न घटनाओं के दर्ज मामले की जांच को अंतिम रूप देने व कानूनी रूप से अंजाम तक पहुंचाने की गति भी तेज हुई है।

यह कहना है गुरुग्राम पुलिस आयुक्त के के राव का। श्री राव शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में वर्ष 2018 की समाप्ति से तीन दिन पूर्व आयोजित वार्षिक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम जिला की पुलिस की सक्रियता और संवेदनशीलता के कारण वर्ष 2018 अपेक्षाकृत उपलब्धियों वाला रहा है। उन्होंने वर्ष 2017 और 2018 के दौरान हुई आपराधिक व अन्य वारदातों का तुलनात्मक आकंड़ा प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट किया कि अपराध नियंत्रण को लेकर उनके निर्देशन में गुरुग्राम पुलिस तत्पर और चुस्त हुई है।

उन्होंने बताया कि जिला में इस वर्ष संगीन अपराधों पर काफी हद तक अंकुश लगाने में कामयाबी मिली है। उनके अनुसार हत्या की घटनाओं में 38 प्रतिशत की कमी आई है क्योंकि वर्ष 2017 में 106 हत्याएं हुईं थी जबकि 2018 में 77 हत्या के वारदात। इसी तरह अगर डकैती की घटना की बात की जाए तो वर्ष 2017 में 40 डकैती हुई थी जबकि 2018 में डकैती की केवल 17 घटनाएं। इस प्रकार के मामले में भी अपेक्षाकृत 135 प्रतिशत कम वारदात होने के रिकॉर्ड हैं।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि जिला में लूट की घटना की बात की जाए तो 2017 में 96 लूट के वारदात सामने आए थे जबकि 2018 में ऐसे 41 मामले दर्ज किये गए।।इसमें भी 55 प्रतिशत कमी आई है।

उनके अनुसार जिला में बर्गलरी के 2017 में 602 मामले प्रकाश में आये थे जबकि 2018 में 570। इसी प्रकार चोरी के मामले 2017 में 1602 दर्ज किए गए थे जबकि 2018 में 1424 शिकायतें आईं। श्री राव का कहना था कि वाहन चोरी इस शहर के लिए बड़ी समस्या है । इस पर अंकुश लगाने को गुरुग्राम पुलिस हर सम्भव कोशिश कर रही है। उनके अनुसार जब से नाके लगाने व डयूटी की केंद्रीयकृत व्यवस्था की गई तब से इस दिशा में काफी सफलता मिली है। वर्ष 2018 में वाहनों की चोरी कम हुई ।

उन्होंने क्राइम अगेंस्ट वूमेन का आंकड़ा भी प्रस्तुत किया। उनका कहना था कि वर्ष 2018 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के 139 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 2017 में ऐसे 132 मामले दर्ज किए गए थे।

पुलिस कमिश्नर ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को भी दुरुस्त करने की दिशा में उठाये गए कदमो की जानकारी दी।उनका कहना था कि जिला में सड़क पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस करवाई करती है। इस वर्ष नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों के चालान के माध्यम से 23 करोड़ 51 लाख से अधिक की राशि वसूली गयी। इस दौरान 13 लाख 55 हजार 575 वाहनों के चालान काटे गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इस अवधि में कुल 976 वाहन इम्पाउंड किया गए जिनमें 535 डीजल वाले वाहन 15 साल पुराने पकड़े गए।

वर्ष 2018 में सभी 40 पुलिस थाने में दर्ज सभी प्रकार की 33113 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें 30893 मामले का निपटारा अब तक कर लिया गया। इनकी जांच पूरी कर ली गयी।

जिला में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 40 स्थायी ट्रैफिक बूथ बनाये गए। सभी बूथों में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों के लिए सभी आवश्यक सुभिधाएँ मुहैया कराई गई है। इनमें रेस्ट रूम से लेकर प्रसाधन भी उपलब्ध हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इस प्रकार के बूथों की संख्या शीघ्र ही 60 ही जाएगी।

जिला को सुरक्षा व्यवस्था को हक़ चौबंद बनाने के लिए प्रत्येक चौक व प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर पीसीआर की तैनाती की संख्या भी बढ़ी है। श्री राव ने कहा कि सीएसआर योजना के तहत पुलिस को 70 पीसीआर वाहन मिले और जल्द ही इस बेड़े में और 25 वाहन जुड़ जाएंगे । उन्होंने यह कहते हुए प्रसन्नता जाहिर की की पहली बार एक सरकारी विभाग ने दूसरे सरकारी विभाग को अपने दम पर पीसीआर मुहैया करवाई है। उल्लेखनीय है कि एमसीजी ने पिछले दिनों पुलिस को 15 नए वाहन दिए थे ।

पुलिस आयुक्त ने उम्मीद जाहिर की कि अपराध में कमी का सिलसिला अगले वर्ष यानी 2019 में भी जारी रहेगा।उनका कहना था कि सुरक्षा के इंतजामो की लगातार समीक्षा की जाती है और आवश्यक कदम तत्काल उठाये जाते हैं। महिला सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने आश्वस्त किया कि इसे मामलों में सख्त करवाई की जाती है।

पत्रकार वार्ता में पुलिस आयुक्त के साथ सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) शमशेर सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) रणबीर सिंह एवं सहायक पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) मनीष सहगल भी उपस्थित थे।

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